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Gujarat Assembly Elections 2022: 2017 में पीएम मोदी के 'घर' में हारी थी BJP, इस बार क्या है Unjha Assembly Constituency का सियासी समीकरण

Unjha Assembly Seat: मेहसाणा के वडनगर में पीएम मोदी का घर है. वडनगर उंझा विधानसभा में पड़ता है. इस सीट पर 45 साल बाद साल 2017 में कांग्रेस की जीत हुई थी. बीजेपी के 4 बार के विधायक नारायण भाई लल्लूदास की हार हुई थी. इस बार बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बदल दिया है और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के करीबी को टिकट दिया है.

उंझा विधानसभा क्षेत्र में पीएम मोदी का घर है. साल 2017 में जीती थी कांग्रेस उंझा विधानसभा क्षेत्र में पीएम मोदी का घर है. साल 2017 में जीती थी कांग्रेस
हाइलाइट्स
  • उंझा विधानसभा क्षेत्र में पड़ता है पीएम मोदी का घर

  • साल 2017 में उंझा सीट पर कांग्रेस ने दर्ज की थी सीट

गुजरात विधानसभा चुनाव में कई हॉट सीटें है. लेकिन इसमें सबसे ज्यादा चर्चा उंझा सीट है. इस विधानसभा क्षेत्र के वडनगर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुस्तैनी घर है. साल 2017 के चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. हालांकि कांग्रेस को ये जीत 45 साल बाद मिली थी. इस बार इसको लेकर चर्चा ज्यादा है कि आखिर पीएम मोदी के घर में किस पार्टी को जीत मिलेगी? उंझा सीट का क्या इतिहास रहा है और इस बार इस सीट पर क्या समीकरण है? किस पार्टी ने किस उम्मीदवार पर दांव लगाया है. चलिए बताते हैं.

उंझा के वडनगर में पीएम मोदी का घर-
उंझा विधानसभा गुजरात के महेसाणा जिले में आता है और अहमदाबाद से 90 किलोमीटर दूर है. इस विधानसभा के वडनगर में पीएम मोदी का बचपन गुजरा है. पीएम मोदी की पढ़ाई-लिखाई इस जगह पर हुई है. पीएम मोदी इस गांव के रेलवे स्टेशन पर चाय बेचा करते थे. फिलहाल पीएम मोदी के घर में किराएदार रहते हैं. 

वडनगर का इतिहास-
पीएम मोदी के गांव का इतिहास काफी पुराना है. वडनगर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा है. वडनगर को पहले आनंदपुरा के नाम से जाना जाता था. वडनगर में बौद्ध मठ के अवशेष भी मिले हैं. हाल ही में वडनगर में खुदाई हुई थी. जिसमें दूसरी और 7वीं शताब्दी का बौद्ध मठ मिला था. वडनगर में 12वीं सदी का बना कीर्ति तोरण है. इसके अलावा एक दो हजार साल पुराना हाटकेश्वर महादेव मंदिर है. 

पिछले चुनाव में कांग्रेस को मिली थी जीत-
साल 2017 विधानसभा चुनाव में उंझा में कांग्रेस को जीत मिली थी. कांग्रेस की उम्मीदवार डॉ. आशा पटेल ने बीजेपी उम्मीदवार नारायण भाई लल्लूदास को हराया था. कांग्रेस उम्मीदवार को 81797 वोट मिले थे, जबकि बीजेपी उम्मीदवार को 62268 वोट मिले थे. साल 2017 में 45 साल बाद इस सीट पर कांग्रेस की जीत हुई थी. कांग्रेस विधायक डॉ. आशा पटेल साल 2019 में बीजेपी में शामिल हो गई थीं. लेकिन साल 2021 में डेंगू से उनका निधन हो गया. उसके बाद से ये सीट खाली है. 
साल 2017 से पहले साल 1972 में कांग्रेस के शंकरलाल मोहनलाल गुरू ने जीत दर्ज की थी. पिछले चुनाव में हार से पहले बीजेपी के नारायण भाई लल्लूदास इस सीट से चार बार विधायक थे. इसलिए एंटी-इनकंबेंसी को हार का कारण बताया गया. इसके अलावा पाटीदार आंदोलन की भी हार में बड़ी भूमिका थी.

इस बार कौन है उम्मीदवार-
बीजेपी ने उंझा विधानसभा सीट से इस बार नए कैंडिडेट को मौका दिया है.  बीजेपी ने कीर्तिभाई केशवलाल पटेल को मैदान में उतारा है. कीर्तिभाई को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का करीबी माना जाता है. उधर, कांग्रेस ने भी अपने उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है. कांग्रेस ने अरविंद पटेल को मैदान में उतारा है. 

उंझा का जातिगत समीकरण क्या है-
उंझा विधानसभा में कुल 2.28 लाख वोटर हैं. जिसमें 68.45 फीसदी वोटर ग्रामीण है. जबकि 31.55 फीसदी वोटर शहरी हैं. ग्रामीण वोटर 150300 और शहरी वोटर 69276 हैं. उंझा में सबसे ज्यादा पाटीदार समुदाय के वोटर्स हैं. यहां 2.28 लाख पाटीदार वोटर हैं. जबकि 15744 वोटर यानी 7.17 फीसदी एससी और 615 एसटी मतदाता हैं. इसके अलावा मुस्लिम वोटर्स की संख्या 7 हजार के आसपास हैं.
 
उंझा में कब डाले जाएंगे वोट-
गुजरात में दो चरणों में वोटिंग होगी. पहले चरण की वोटिंग एक दिसंबर और दूसरे चरण की वोटिंग 5 दिसंबर को होगी. उंझा विधानसभा में दूसरे फेज में वोटिंग होगी. मतदाता 5 दिसंबर को अपने मत का इस्तेमाल करेंगे. आपको बता दें कि चुनाव नतीजे 8 दिसंबर को आएंगे.

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