scorecardresearch

Gujarat Opposition Leader: गुजरात में कांग्रेस को नेता विपक्ष का पद भी नहीं मिलेगा! जानिए क्या कहता है नियम

Leader Of Opposition In Gujarat: गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को नेता प्रतिपक्ष का पद नहीं मिलेगा. कांग्रेस के पास नेता प्रतिपक्ष के पद के लिए पर्याप्त विधायक नहीं हैं. नियम के मुताबिक नेता विपक्ष के लिए सदन में पार्टी के पास 10 फीसदी विधायकों का होना जरूरी है.

जगदीश ठाकोर और शक्तिसिंह गोहिल (Photo/Twitter) जगदीश ठाकोर और शक्तिसिंह गोहिल (Photo/Twitter)
हाइलाइट्स
  • सूबे में कांग्रेस की 17 सीटों पर जीत

  • नेता प्रतिपक्ष के लिए 19 विधायकों की जरूरत

गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं. बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है. जबकि कांग्रेस को पार्टी इतिहास की सबसे बड़ी हार का सामना करना पड़ा है. 27 सालों से सूबे में सत्ता से बेदखल कांग्रेस को इस बार और भी बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है. हालात ये हैं कि कांग्रेस के पास नेता प्रतिपक्ष का पद मिलना भी संभव नहीं रह गया है. कांग्रेस को सिर्फ 17 सीटों पर जीत मिली है. लेकिन इतनी कम सीटें जीतने पर नियम के मुताबिक कांग्रेस को नेता प्रतिपक्ष का पद नहीं मिलना चाहिए.
गुजरात में कांग्रेस के हाथ से नेता प्रतिपक्ष का पद भी चला गया है. आखिर इसको लेकर संविधान में क्या नियम है. जिसकी वजह से कांग्रेस सूबे में इस लायक भी नहीं रह गई है कि उसे नेता प्रतिपक्ष जैसा पद मिल सके. तो चलिए आपको बताते हैं कि उस नियम के बारे में जिसकी वजह से कांग्रेस इस मुसीबत में फंस गई है.

नेता प्रतिपक्ष के लिए 10 फीसदी सीट जरूरी-
संसद या विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद संवैधानिक पद है. नियम के मुताबिक नेता प्रतिपक्ष का पद उस दल के लीडर को मिलता है, जिसकी सदस्यों की संख्या सदन की कुल संख्या के कम से कम 10 फीसदी के बराबर हो. गुजरात में 182 विधानसभा सीटें हैं. इसका मतलब है कि सदन में नेता प्रतिपक्ष का पद पाने के लिए पार्टी के पास कम से कम 19 विधायक हों. लेकिन कांग्रेस के पास विधायकों की संख्या इससे कम है. कांग्रेस के सिर्फ 17 विधायक चुनाव जीतकर आए हैं. ऐसे में नेता प्रतिपक्ष पद के लिए कांग्रेस के पास 2 विधायकों की कमी है. इस तरह से गुजरात में कांग्रेस को नेता प्रतिपक्ष का पद नहीं मिलेगा.

नेता प्रतिपक्ष का पद क्यों है अहम-
नियमों के मुताबिक नेता प्रतिपक्ष का पद विपक्ष का सबसे बड़ा पद होता है. नेता प्रतिपक्ष को नियम के मुताबिक कई सुविधाएं मिलती हैं. विपक्ष के नेता को कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिलता है. इसके अलावा जो भी सुविधाएं सरकार के कैबिनेट मंत्रियों को मिलती है, वो सारी सुविधाएं नेता प्रतिपक्ष को मिलत हैं. सदन में बैठने के लिए नेता प्रतिपक्ष को विपक्ष की कतार में सबसे आगे की सीट अलॉट होती है.

कांग्रेस के पास लोकसभा में भी नेता प्रतिपक्ष का पद नहीं-
इस वक्त लोकसभा में भी कांग्रेस के पास नेता प्रतिपक्ष का पद नहीं है. 2019 आम चुनाव में कांग्रेस 10 फीसदी सीटें हासिल नहीं कर पाई. जिसकी वजह से उसे नेता प्रतिपक्ष का पद नहीं मिला. चुनाव में कांग्रेस ने सिर्फ 52 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी. जबकि नेता प्रतिपक्ष के पद के लिए कम से कम 55 लोकसभा सांसदों का होना जरूरी है. इसी तरह के हालात 2014 आम चुनाव के बाद भी कांग्रेस के सामने थे. उस चुनाव में कांग्रेस ने सिर्फ 44 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इसलिए उस बार भी लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद नहीं मिला.

ये भी पढ़ें: