हरियाणा में विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं. बीजेपी ने लगातार तीसरी बार सूबे में जीत हासिल की है. बीजेपी को 48 सीटों पर जीत मिली है. कांग्रेस को 37 सीट और आईएनएलडी को 2 सीटों पर जीत हासिल हुई है. जबकि अन्य के खाते में 3 सीटें गई हैं. इस बार चुनाव में कई रिकॉर्ड्स टूटे. कई दिग्गज नेताओं को हार का सामना करना पड़ा. 57 साल बाद भजनलाल फैमिली का किला ढह गया है. एक्टर राजकुमार राव के जीजा सुनील कुमार से लेकर किसान लीडर गुरनाम सिंह चढ़ूनी को हार का सामना करना पड़ा. चलिए आपको हरियाणा विधानसभा चुनाव के 8 ऑफबीट फैक्ट्स बताते हैं.
एक्टर राजकुमार राव के जीजा को 220 वोट-
बॉलीवुड स्टार राजकुमार राव के जीजा सुनील राव को अटेली में हार का सामना करना पड़ा. आम आदमी पार्टी ने सुनील राव को उम्मीदवार बनाया था. सुनील राव को सिर्फ 220 वोट मिले. इस सीट पर बीजेपी की आरती सिंह राव को जीत मिली. आरती राव को 57737 वोट हासिल हुए. जबकि बीएसपी के अतर लाल 54652 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहे.
57 साल बाद ढहा भजनलाल फैमिली का किला-
आदमपुर विधानसभा सीट पर भजनलाल फैमिली को 57 साल बाद हार का सामना करना पड़ा है. इस बार कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई को हार मिली है. भव्य बीजेपी के टिकट पर मैदान में थे. उनको 64103 वोट मिले. कांग्रेस के चंदर प्रकाश ने 1268 वोटों से जीत हासिल की. उनको 65371 वोट मिले हैं.
इस सीट पर पहली बार साल 1967 में चौधरी भजनलाल ने जीत हासिल की थी. उसके बाद से अब तक इस सीट पर इस परिवार का कब्जा था. लेकिन इस बार जीत का सिलसिला टूट गया है.
लालू यादव के दामाद की हार-
लालू यादव की बेटी अनुष्का यादव की शादी हरियाणा के पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव के बेटे चिरंजीव राव से हुई है. चिरंजीव राव रेवाड़ी सीट से कांग्रेस के टिकट पर मैदान में थे. लेकिन उनको हार का सामना करना पड़ा है. चिरंजीव राव को 28769 वोटों से हार का सामना करना पड़ा है. उनको 54978 वोट मिले. इस सीट पर बीजेपी के लक्ष्मण सिंह यादव ने जीत हासिल की है. बीजेपी उम्मीदवार को 83747 वोट हासिल हुए.
नूंह हिंसा के आरोपी को 288 वोट-
नूंह हिंसा के आरोपी राजकुमार उर्फ बिट्टू बजरंगी को फरीदाबाद एनआईटी सीट से हार का सामना करना पड़ा है. बिट्टू बजरंगी को सिर्फ 288 वोट मिले हैं. इस सीट पर बीजेपी के सतीश कुमार फगना को जीत मिली है. सतीश कुमार को 91992 वोट मिले थे. उन्होंने कांग्रेस के नीरज कुमार को हराया. आपको बता दें कि बिट्टू बजरंगी ने वोटिंग की तारीख से कुछ दिन पहले ही बीजेपी उम्मीदवार सतीश कुमार को समर्थन दे दिया था. बिट्टू बजरंगी यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की रैली में शामिल हुए और मंच से बीजेपी उम्मीदवार को समर्थन दिया था.
गुरनाम सिंह चढूनी को 1170 वोट-
कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का चेहरा रहे गुरनाम सिंह चढ़ूनी को भी हार का सामना करना पड़ा है. गुरनाम सिंह पिहोवा विधानसभा सीट से संयुक्त संघर्ष पार्टी के टिकट पर मैदान में थे. गुरनाम को सिर्फ 1170 वोट मिले. इस सीट पर कांग्रेस के मनदीप चट्ठा को जीत मिली. उनको 64548 वोट मिले. जबकि बीजेपी के उम्मीदवार जय भगवान शर्मा 57995 वोट के साथ दूसरे नंबर पर रहे.
पूर्व राज्यपाल की पोती को 222 वोट-
पूर्व राज्यपाल एआर किदवई की पोती राबिया किदवई को नूंह विधानसभा सीट से बड़ी हार का सामना करना पड़ा है. राबिया को सिर्फ 222 वोट मिले हैं. राबिया को आम आदमी पार्टी ने टिकट दिया था. इस सीट पर कांग्रेस के अफताब अहमद को जीत मिली. उन्होंने आईएनएलडी के उम्मीदवार ताहिर हुसैन को 46963 वोटों से हराया. राबिया ने पीजी किया है और गुरुग्राम में बिजनेस करती हैं. एआर किदवई चार राज्यों के राज्यपाल रहे.
देवेंद्र अत्री की 32 वोटों से जीत-
उचाना कलां विधानसभा सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार देवेंद्र चतर भुज अत्री को सिर्फ 32 वोटों से जीत मिली है. देवेंद्र अत्री ने कांग्रेस के ब्रजेंद्र सिंह को हराया है. देवेंद्र अत्री को 48968 वोट मिले. जबकि कांग्रेस उम्मीदवार को 48936 वोट हासिल हुए. इस सीट पर जननायक जनता पार्टी के दुष्यंत चौटाला भी उम्मीदवार थे. उनको 41018 वोट मिले.
8 मंत्री चुनाव हारे-
इस बार विधानसभा चुनाव में सीएम नायब सिंह सैनी की कैबिनेट के 8 मंत्री चुनाव हार गए. सिर्फ 2 मंत्रियों को जीत मिली है. हारने वाले मंत्रियों में सुभाष सुधा, संजय सिंह, असीम गोयल, कमल गुप्ता, कंवर पाल, जेपी दलाल, अभे सिंह यादव और रणजीत सिंह चौटाला शामिल हैं. इस चुनाव में सिर्फ दो मंत्रियों राज्यमंत्री महिपाल ढांडा और बल्लभगढ़ से कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा को जीत मिली है.
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