जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं. सियासी दल जोरशोर से प्रचार-प्रसार में जुटे हुए हैं. इस चुनाव माहौल के बीच 'पंचायत आजतक' का मंच भी सजा है. इस मंच पर जम्मू-कश्मीर की तमाम सियासी हस्तियां शिकरत कर रही हैं. पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने भी पंचायत आजतक के मंच पर शिरकत की. इस दौरान उन्होंने सियासत को लेकर तमाम सवालों के जवाब दिए. इस दौरान इल्तिजा मुफ्ती ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन का किस्सा भी सुनाया. चलिए आपको बताते हैं कि इल्तिजा मुफ्ती ने ये किस्सा क्यों सुनाया और ये किस्सा क्या है.
इल्तिजा मुफ्ती ने सुनाया किस्सा-
'पंचायत आजतक' के मंच पर इल्तिजा मुफ्ती ने ये किस्सा सुनाया. उन्होंने इस किस्से का जिक्र पीडीपी और बीजेपी के गठबंधन को लेकर सुनाया. उन्होंने इस किस्से के जरिए बताया कि क्यों उनके दादा मुफ्ती मोहम्मद सईद और नरेंद्र मोदी ने समझौता किया था. इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि मैं एक जोक बताऊंगी कि लालू जी को अमेरिका में बिल क्लिंटन के पास भेजा जाता है. क्योंकि क्लिंटन लालू जी को अंग्रेजी सिखाएंगे. 2 महीने बाद वहां जब प्रेस पहुंचती है तो बिल क्लिंटन टेबल पर पांव रखे होते हैं और कहते हैं कि ललवा पान कहां है.
इल्तिजा मुफ्ती ने क्यों सुनाया किस्सा-
इल्तिजा मुफ्ती जम्मू-कश्मीर में बीजेपी और पीडीपी के गठबंधन का बचाव कर रही थीं. इल्तिजा इस किस्से के जरिए बताया कि उन्होंने मोदी जी का माइंडसेट बदलने के लिए गठबंधन किया था. लेकिन सबकुछ उलटा हो गया. इल्तिजा ने कहा कि हमने सोचा हम मोदी जी को बदलेंगे, उन्होंने तो पूरे इंडिया को बदल दिया. हमने सोचा हम उनको एक सेकुलर माइंडसेट करेंगे या मॉडरेट करेंगे, पूरी इंडिया ही पागल हो गई, कहने का मतलब है कि मुफ्ती साहब की नियत साफ थी, उन्होंने वाजपेयी जी के साथ काम किया. आप देखिए, वाजपेयी जी लाहौर बस लेकर गए, कोई कांग्रेस का प्राइम मिनिस्टर भी करेगा? नहीं... हमने सोचा कि हम बीजेपी को मॉडरेट करेंगे, लेकिन उन्होंने तो बाकियों को पागल कर दिया.
जम्मू-कश्मीर के लिए क्या है इल्तिजा का एजेंडा-
जब इल्तिजा मुफ्ती से पूछा गया कि आपके लिए जम्मू कश्मीर के युवाओं के लिए क्या एजेंडा है? इसपर उन्होंने कहा कि हम पिछले 5 साल से देख रहे हैं कि दिल्ली की सरकार हमें अपनी जमीन, नौकरियों से बेदखल करने की कोशिश कर रही है. उपराज्यपाल साहब से आपको पूछना था कि आपने कितने युवाओं को नौकरी से निकाला है. मैं बिजबेहरा के कितने गांवों-कस्बों में गई हूं, जहां वे कहते हैं कि हमारे बेटे-पति सरकारी नौकर थे, उन्होंने नौकरी से निकाल दिया गया. जब मैंने उनसे पूछा कि ऐसा क्यों हुआ? तो उनका जवाब था- 10 साल पहले उन्होंने फेसबुक पर कुछ लिख दिया था.
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