scorecardresearch

Jharkhand Assembly Election 2024: अर्जुन मुंडा से लेकर चंपई सोरेन तक... BJP के लिए काम कर रहे हैं ये 5 पूर्व मुख्यमंत्री... इतने लड़ रहे इलेक्शन

Jharkhand Chunav: झारखंड में सरकार बनाने के लिए कुल 42 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज करनी जरूरी है. बीजेपी इस बार जीत के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो भारतीय जनता पार्टी को विजय दिलाने में जुटे ही हैं, उनके अलावा इस प्रदेश के पांच पूर्व मुख्यमंत्री भी बीजेपी को जीत दिलाने के लिए काम कर रहे हैं. आइए इनके बारे में जानते हैं.

Former CM of Jharkhand (File Photo) Former CM of Jharkhand (File Photo)
हाइलाइट्स
  • पूर्व सीएम बाबू लाल मरांडी राज धनवार से हैं चुनावी मैदान में 

  • चंपई सोरेन सरायकेला विधानसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर आजमा रहे किस्मत 

झारखंड विधानसभा की कुल 81 सीटों के लिए दो चरणों में चुनाव होने हैं. पहले चरण के तहत 43 विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर 2024 को चुनाव हो चुका है. अब दूसरे और आखिरी चरण में 38 सीटों पर मतदान 20 नवंबर को होना है. इस चुनाव में अधिक से अधिक सीटों पर जीत दर्ज करने के लिए सभी दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है. मुख्य मुकाबला एनडीए (NDA) में शामिल बीजेपी (BJP) और इंडिया महागठबंधन में शामिल झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के बीच है. 

झारखंड में सरकार बनाने के लिए कुल 42 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज करनी जरूरी है. बीजेपी इस बार जीत के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो भारतीय जनता पार्टी को विजय दिलाने में जुटे ही हैं, उनके अलावा इस प्रदेश के पांच पूर्व मुख्यमंत्री भी बीजेपी को जीत दिलाने के लिए काम कर रहे हैं. इनमें अर्जुन मुंडा से लेकर चंपई सोरेन तक शामिल हैं. कुछ पूर्व मुख्यमंत्री खुद चुनावी मैदान में हैं तो वहीं कई के सगे-संबंधी उम्मीदवार हैं. 

ये पांच पूर्व सीएम बीजेपी को जीत दिलाने के लिए हैं जी-जान से जुटे 
आपको मालूम हो कि एनडीए गठबंधन में झारखंड में जहां बीजेपी, आजसू और जेडीयू शामिल हैं, वहीं इंडिया गठबंधन में झामुमो, कांग्रेस और आरजेडी शामिल है. इन दोनों गठबंधनों के अलावा जेकेएलएम जैसी पार्टियां भी चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रही हैं. इस तरह से कई जगहों पर मुकाबला त्रिकोणीय माना जा रहा है. इसके बावजूद भाजपा यह मान कर चल रही है कि जीत उसकी पक्की है क्योंकि बीजेपी को जीत दिलाने के लिए पांच पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा, बाबू लाल मरांडी, मधु कोड़ा, चंपई सोरेन और रघुबर दास जी-जान से जुटे हुए हैं.

सम्बंधित ख़बरें

1. अर्जुन मुंडा 
इस बार झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चुनावी मैदान में नहीं है बल्कि उनकी पत्नी मीरा मुंडा अपनी किस्मत आजमा रही हैं. अर्जुन मुंडा ने पार्टी अलाकमान से खुद की बजाय अपनी पत्नी को टिकट देने के लिए अपील की थी. उनकी यह मांग मान ली गई. मीरा मुंडा पोटका सीट से बीजेपी उम्मीदवार हैं. यह आदिवासी बहुल क्षेत्र है. अर्जुन मुंडा को इस सीट पर जीत हर हाल में दिलवाने की जिम्मेदारी दी गई है. अर्जुन मुंडा क्षेत्र में काफी सक्रिय हैं. उनका कहना है कि इस सीट से मीरा मुंडा ही जीत दर्ज करेंगी. अर्जुन मुंडा बीजेपी के स्टार प्रचारकों में से एक हैं. आपको मालूम हो कि विधानसभा चुनाव 2019 में इस सीट पर जेएमएम ने जीत हासिल की थी.

2. बाबू लाल मरांडी
झारखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सीएम बाबू लाल मरांडी राज धनवार से चुनावी मैदान में हैं. बाबू लाल मरांडी अपने विधानसभा क्षेत्र में तो सक्रिय हैं ही अन्य बीजेपी उम्मीदवारों को जीत दिलाने के लिए भी जोर-शोर से प्रचार कर रहे हैं. राजनीति के जानकारों का कहना है कि बाबू लाल मरांडी अगले सीएम के प्रमुख दावेदार हैं. हालांकि इंडिया गठबंधन ने किसी भी चेहरे को इस पद के लिए आगे नहीं किया है. बाबू लाल मरांडी बीजेपी के स्टार प्रचारकों में शामिल हैं.

3. चंपई सोरेन
झारखंड के पूर्व सीएम चंपई सोरेन पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा में थे. इस विधानसभा चुनाव के शुरू होने के कुछ समय पहले ही वह बीजेपी में शामिल हुए हैं. चंपई को बीजेपी ने इसका इनाम भी दिया है. चंपई और उनके बेटे को टिकट दिया है. चंपई जहां सरायकेला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं तो वहीं घाटशिला से उनके बेटे बाबू लाल सोरेन चुनावी मैदान में हैं. चंपई सोरेन की आदिवासी समुदाय में अच्छी-खासी पकड़ है.वह खुद और बेटे के अलावा बीजेपी के अन्य उम्मीदवारों को भी जीताने में जुटे हुए हैं. 

पूर्व सीएम चंपई सोरेन की बात कोल्हान क्षेत्र की अधिकांश जनता मानती है. इस क्षेत्र में कुल 14 विधानसभा सीटें हैं. पिछली बार कोल्हान क्षेत्र में बीजेपी खाता तक नहीं खोल पाई थी. इस बार चंपई और अन्य बड़े नेताओं के सहारे बीजेपी सभी 14 सीटों पर जीत दर्ज करने के लिए अपना पूरा दम लगा दिया है. इसके लिए पार्टी ने बड़े नेताओं के पारिजनों को टिकट देने में भी कोई कोताही नहीं बरती है. बीजेपी के तुरुप का पत्ता चंपई सोरेन माने जा रहे हैं. 

4.रघुवर दास 
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में ओडिशा के राज्यपाल भी बीजेपी को इस बार पूर्ण बहुमत से सरकार बनवाने में जुटे हैं. राज्यपाल बनने के बावजूद जमशेदपुर पूर्व सीट पर रघुवर दास की धमक बरकरार है. इस बार विधानसभा चुनाव में इस सीट से  रघुवर दास की पुत्रबधू पूर्णिमा दास साहू बीजेपी के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं. बीजेपी इस बार हर हाल में झारखंड की सत्ता हासिल करना चाह रही है. इसके लिए उसने कई रणनीति बनाई है. जीत दिलाने की जिम्मा पूर्व मुख्यमंत्रियों को दे रखा है. 

5. मधु कोड़ा
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा बीजेपी के टिकट से जगन्नाथपुर से चुनाव लड़ रही हैं. आपको मालूम हो कि गीता कोड़ा पहले कांग्रेस पार्टी से सांसद थीं. हालांकि बाद में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था.वह इस साल हुए लोकसभा चुनाव से कुछ समय पहले ही बीजेपी में शामिल हुई हैं. 

बीजेपी ने हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ की है मजबूत मोर्चेबंदी 
भारतीय जनता पार्टी ने झारखंड विधानसभा चुनाव में मोदी के चेहरे को ही आगे किया है. इसका मतलब है कि राज्य में सीएम फेस कोई नहीं है. मोदी सरकार की नीतियों के सहारे बीजेपी हेमंत सरकार को घेरे हुए है. उधर, भाजपा झारखंड चुनाव में लव और लैंड जिहाद के जरिए भी हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ मजबूत मोर्चेबंदी की है. भारतीय जनता पार्टी ने इसके लिए रोटी और बेटी का नारा भी दिया है. बड़े नेता अपने भाषण भी इसी के इर्द-गिर्द रख रहे हैं. इसके अलावा बीजेपी ने एक खास रणनीति अपनाई है. 

इससे हेमंत की पार्टी की टेंशन बढ़ गई है. दरअसल, बीजेपी ने इस बार एक-एक विधानसभा सीट को लेकर रणनीति तैयार की है. इतना ही नहीं इसके लिए बड़े नेताओं की मजबूत फील्डिंग भी लगाई है. आपको मालूम हो कि विधानसभा चुनाव 2019 में झामुमो और कांग्रेस गठबंधन को 47 सीटें मिली थीं जबकि बीजेपी 25 सीटों पर ही जीत दर्ज कर सकी थी.  इसी साल हरियाणा विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद भारतीय जनता पार्टी के हौसले बुलंद हैं. बीजेपी को पूरी आस है कि झारखंड की सत्ता में उसकी वापसी इस बार जरूर होगी. मतों की गणना 23 नवंबर 2024 को होगी. अब देखना है कि जनता किसकी झारखंड की कमान सौंपती है.