Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly Election 2024) की सरगर्मियां तेज हैं. पवार परिवार (Pawar Family) और शिवेसना गुट महाराष्ट्र चुनाव की धुरी बना हुआ है. अजित पवार की एनसीपी (NCP Ajit) ने 38 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है. बारामती सीट से अजित पवार (Ajit Pawar Baramati) विधानसभा चुनाव लड़ेंगे.
बारामती सीट पर कई दशकों से पवार परिवार का कब्जा रहा है. शरद पवार (Sharad Pawar) ने पहली बार इस सीट पर चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में बारामती सीट पवार वर्सेस पवार होने वाली है. अजित पवार तो इस सीट से चुनाव लड़ ही रहे हैं. उनके सामने शरद पवार की एनसीपी (NCP Sharad) से युगेन्द्र पवार चुनावी मैदान में उतर सकते हैं.
बारामती से युगेन्द्र?
अभी तक बारामती सीट से एनसीपी (शरद) से उम्मीदवार की घोषणा नहीं हुई है. हालांकि इस सीट से युगेन्द्र पवार का नाम तय माना जा रहा है. जल्द ही एनसीपी चीफ शरद पवार इस पर मुहर लगा देंगे. युगेन्द्र पवार अजित पवार के छोटे भाई श्रीनिवास पवार के बेटे हैं.
सीट को लेकर युगेन्द्र पवार ने बताया, मंगलवार को इस पर फैसला होना था लेकिन सीट शेयरिंग की वजह से ऐलान नहीं हो पाया. युगेन्द्र के नाम का ऐलान नहीं हुआ है. हालांकि, कई दिनों से युगेन्द्र बारामती में एक्टिव हैं और चुनाव प्रचार कर रहे हैं. युगेन्द्र पवार खुद और परिवार के अन्य लोग बारामती का दौरा कर चुके हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि एनसीपी शरद से बारामती सीट पर युगेन्द्र पवार के नाम पर मुहर लगेगी.
अजित की पारंपरिक सीट
अजित पवार बारामती सीट से एक बार फिर दावेदारी पेश कर चुके हैं. अजित पवार कई दशकों से इस सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं. 1993 के विधानसभा चुनाव में पहली बर अजित पवार इस सीट से मैदान में उतरे थे. तब से लेकर अजित पवार बारामती विधानसभा चुनाव से चुनाव लड़ते आ रहे हैं.
अजित पवार 2019 के चुनाव में इसी सीट से चुनाव लड़े थे. उस चुनाव में अजित पवार ने बीजेपी प्रत्याशी 1.65 लाख वोटों से हराया था. लोकसभा चुनाव 2024 में भी बारामती सीट पवार बनाम पवार रही थी. लोकसभा चुनाव में एनसीपी शरद की तरफ से सुप्रिया सुले मैदान में उतरी थीं.
लोकसभा चुनाव में अजित पवार की एनसीपी से सुप्रिया सुले के सामने अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार थीं. इस फैमिली फाइट में बारामती से सुप्रिया सुले को जीत मिली थी. सुप्रिया सुले ने सुनेत्रा पवार को 48 हजार वोटों से हराया था. इस बार फिर बारामती में दो पवार प्रत्याशियों के बीच सियासी लड़ाई देखने को मिल सकती है.
बारामती सीट का इतिहास
बारामती सीट को एनसीपी का गढ़ माना जाता है. लगभग 3 दशक से इस सीट पर पवार फैमिली का कब्जा है. लोकसभा और विधानसभा चुनावों में बारामती से पवार फैमिली के प्रत्याशी को जीत मिलती है. लोकसभा चुनाव की बात करें तो 1984 में शरद पवार पहली बार इसी सीट से सांसद बने थे.
1991 के लोकसभा चुनाव में अजित पवार इसी सीट से सांसद बने. बाद में 1993 में बारामती सीट से अजित पवार विधायक भी बने. बारामती सीट से कुछ चुनाव में जनता पार्टी और कांग्रेस के उम्मीदवार भी जीते.
साल 2009 के विधानसभा चुनाव में अजित पवार बारामती सीट से जीते. 2014 और 2019 के विधानसभा चुनाव में भी अजित पवार ही बारामती सीट से जीते थे. इस बार बारामती सीट का चुनाव काफी अलग है. बारामती में लोकसभा चुनाव की तरह पवार फैमिली के बीच लड़ाई देखने को मिलेगी. अजित पवार अपनी पारंपरिक सीट की वजह से कॉन्फिडेंट हैं. वहीं युगेन्द्र पवार अपने दादा शरद पवार की साख पर चुनाव में उतरेंगे.