महाराष्ट्र (Maharashtra ) में विधानसभा चुनाव 2024 (Assembly Election 2024) को लेकर सियासी पारा चरम पर है. इस बार दो गठबंधनों सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति (Mahayuti) और विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाडी यानी एमवीए (MVA) में मुख्य मुकाबला है. महाराष्ट्र की कुल 288 विधानसभा सीटों के लिए 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे जबकि नतीजे 23 नवंबर 2024 को घोषित किए जाएंगे. सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने फिर से प्रदेश में सरकार बनाने के लिए क्षेत्रिय पार्टियों से गठबंधन किया है.
महायुति में ये दल हैं शामिल
महायुति में भाजपा, एकनाथ शिंदे की शिवसेना पार्टी और अजित पवार की एनसीपी शामिल है. इसके अलावा कुछ क्षेत्रिय दल भी शामिल हैं. इसमें केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले की पार्टी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया, युवा स्वाभिमान पार्टी, राष्ट्रीय समाज पार्टी, जनसुराज्य शक्ति पार्टी शामिल हैं. बीजेपी महायुति में जहां बड़े भाई की भूमिका में है तो वहीं अजित पवार की एनसीपी छोटे भाई की भूमिका में है.
बीजेपी ने सहयोगी दलों को दीं ये सीटें
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई)-ए के अध्यक्ष रामदास अठावले हैं. उन्होंने इस पार्टी की स्थापना 25 मई 1999 को की थी. बीजेपी ने इस बार विधानसभा चुनाव में अपने कोटे से आरपीआई (ए) को एक सीट दी है. यह पार्टी कलिना सीट से अपना उम्मीदवार उतारेगी. अठावले की पार्टी को एक और सीट शिवसेना कोटे से दी गई है. धारावी विधानसभा सीट से अठावले अपने उम्मीदवार उतारेंगे.
युवा स्वाभिमान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीलकंठ कात्रे हैं. इस पार्टी को इस बार चुनाव में बडनेरा सीट दी गई है. राष्ट्रीय समाज पार्टी (RSP) के मुखिया महादेव जानकर हैं. वह धनगर समुदाय से आते हैं. इन्होंने इस पार्टी की स्थापना साल 2003 में की थी. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में इस पार्टी को बीजेपी ने एक सीट दी है. गंगाखेड यह पार्टी अपना प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतारेगी. जन सुराज्य शक्ति पक्ष पार्टी के अध्यक्ष विनय विलासराव कोरे हैं. इस पार्टी को भारतीय जनता पार्टी ने एक सीट शाहुवाडी दी है. बीजेपी ने अपने चार सहयोगियों को टिकट देने को लेकर कहा कि महाराष्ट्र में क्षेत्रीय साझेदारों को एनडीए के साथ जोड़े रखने की दृष्टि से अपने सहयोगियों के साथ टिकटें साझा किया है.
एकनाथ शिंदे की शिवसेना पार्टी
शिवसेना पार्टी के टूटने के बाद एकनाथ शिंदे की शिवसेना पार्टी बनी है. बालासाहेब ठाकरे ने शिवसेना की स्थापना 19 जून 1996 को की थी. एकनाथ शिंदे ने साल 2022 में बगावत कर इस पार्टी को दो फाड़ में कर दिया था. एक शिवसेना की उद्धव ठाकरे अगुवाई कर रहे हैं तो दूसरी की एकनाथ शिंदे कर रहे हैं.
अजित पवार की NCP
शरद पवार ने कांग्रेस से अलग होने के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की स्थापना की थी. शरद पवार ने पीए संगमा और तारीक अनवर के साथ मिलकर 10 जून 1999 को नई पार्टी बनाई थी. साल 2022 में शरद के भतीजे अजित पवार ने पार्टी से बगावत कर दिया था. वह कई विधायकों के साथ एनडीए गठबंधन में शामिल हो गए थे.
अजित पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट) बनाकर महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे की सरकार में शामिल भी हो गए. पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न को लेकर जब मामला कोर्ट में पहुंचा तो अजीत पवार के पक्ष में फैसला आया. कोर्ट ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट) को मूल पार्टी करार दिया और और पार्टी का लोगो भी दे दिया. अजित पवार की अगुवाई वाले एनसीपी का चुनाव चिह्न अलार्म घड़ी जबकि शरद पवार की अगुवाई वाली पार्टी एनसीपी (SP) का चुनाव चिह्न 'तुरहा (एक पारंपरिक तुरही) बजाता आदमी' है.
महायुति के घटक दलों के बीच सीटों को हुआ बंटवारा
महायुति में शामिल सभी दलों के बीच कुल 288 सीटों को लेकर बंटवारा हो चुका है. बीजेपी को सबसे अधिक 148 सीटें मिली हैं. भाजपा ने सबसे पहले 99 सीट, इसके बाद 22, फिर 25 और अंत में दो सीटों के लिए उम्मीदवारों की सूची जारी की है. महायुति में शामिल शिवसेना (शिंदे गुट) को 85 सीटें मिली हैं.
शिवसेना ने सबसे पहले पहले 45 सीटों पर इसके बाद 20, फिर 13 और अंत में 7 उम्मीदवारों की सूची जारी की है. एनसीपी (अजित गुट) को 51 सीटें मिली हैं. एनसीपी ने सबसे पहले 38 सीटों पर इसके बाद 7, फिर 4 और अंत में 2 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं. इसके अलावा महायुति ने अन्य सहयोगियों को चार सीटें दी है.
पिछले चुनाव में बीजेपी को मिली थीं इतनी सीटें
महाराष्ट्र विधानसभा के लिए पिछले चुनाव में बीजेपी को 105 सीटें, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं. हालांकि, चुनाव के बाद शिवसेना एनडीए से अलग हो गई और उसने एनसीपी-कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना ली थी. शिवसेना के उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने. जून 2022 में शिवसेना में आंतरिक कलह हो गई. इसके बाद एकनाथ शिंदे ने पार्टी के 40 विधायकों को तोड़ दिया था. एकनाथ शिंदे बीजेपी के समर्थन से मुख्यमंत्री बन गए थे.