महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में राज ठाकरे को बड़ा झटका लगा है. एक तरफ उनके बेटे को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है तो दूसरी तरफ उनकी पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) की मान्यता रद्द होने का खतरा मंडराने लगा है. विधानसभा चुनाव में एमएनएस को एक भी सीट नहीं मिली है. इसके अलावा पार्टी की मान्यता बचाए रखने के लिए जरूरी वोट परसेंटेज भी मनसे के पास नहीं है.
विधानसभा चुनाव में MNS का प्रदर्शन-
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है. पार्टी का कोई भी उम्मीदवार जीत हासिल करने में कामयाब नहीं हो सका है. राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे को भी हार का सामना करना पड़ा है. अमित ठाकरे माहिम सीट पर तीसरे नंबर पर रहे. एमएनएस ने इस चुनाव में 125 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. लेकिन पार्टी को सिर्फ 1.55 फीसदी वोट मिले हैं. ज्यादातर सीटों पर उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई है.
रद्द हो सकती है MNS की मान्यता-
विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद एमएनएस पर मान्यता रद्द होने का खतरा मंडराने लगा है. चुनाव आयोग राज ठाकरे की पार्टी की मान्यता रद्द कर सकता है. क्योंकि एमएनएस मान्यता बचाए रखने के लिए जरूरी नियमों पर खरी नहीं उतर रही है. पार्टी के जरूरी वोट परसेंटेज नहीं है. इसके साथ ही उनके पास कोई विधायक भी नहीं है. ऐसे में राज ठाकरे की पार्टी की मान्यता रद्द हो सकती है.
मान्यता प्राप्त पार्टी के लिए क्या है जरूरी-
चुनाव आयोग के मुताबिक सूबे में पार्टी को मान्यता प्राप्त होने के लिए कुछ जरूरी नियम हैं. अगर पार्टी विधानसभा चुनाव में कम से कम एक सीट जीतती है या 8 फीसदी वोट पाती है तो उसे क्षेत्रीय पार्टी की मान्यता मिलती है. अगर कोई पार्टी इस नियम पर खरी नहीं उतरती है तो उसकी मान्यता रद्द हो सकती है. राज ठाकरे की एमएनएस इस समय इन दोनों में से कोई भी क्राइटेरिया पूरा नहीं कर रही है.
मान्यता रद्द होने पर क्या होगा-
अगर चुनाव आयोग राज ठाकरे की एमएनएस की मान्यता रद्द कर सकता है तो पार्टी आरक्षित चुनाव चिन्ह की हकदार नहीं होगी. इसका मतलब है कि पार्टी के लिए चुनाव चिन्ह 'रेल इंजन' आरक्षित नहीं रहेगा. इसके बाद कोई चुनाव होता है तो एमएनएस को चुनाव चिन्ह अनारक्षित चिन्ह से चुनना होगा. हालांकि पार्टी के नाम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
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