उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (up assembly election 2022) के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और समाजवादी पार्टी (सपा) ने मंगलवार को अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है. दोनों ने ही अपनी-अपनी घोषणाओं में रोजगार, कृषि आय में सुधार और कानून व्यवस्था को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया.
मुफ्त बिजली, गैस सिलेंडर, रोजगार और बहुत कुछ...
बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली, मेधावी छात्राओं के लिए स्कूटी, खाने के लिए सब्सिडी वाली कैंटीन, होली और दिवाली पर दो मुफ्त रसोई गैस सिलेंडर, और नौकरी या स्वरोजगार सुनिश्चित करने पर फोकस किया है . पार्टी ने कहा है कि अगर वे वापिस सत्ता में लौट गए, तो अगले पांच सालों में हर परिवार के एक सदस्य को नौकरी का अवसर दिया जायेगा.
मुख्यमंत्री योगी के साथ घोषणापत्र जारी करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, "हमने अपने 2017 के घोषणापत्र में 212 वादों में से 92% को पूरा कर लिया है, अब हमने जो वादे किए हैं, उन्हें पूरा करने के लिए हम फिर से प्रतिबद्ध हैं."
SP का वादा....एमएसपी, लोन और महिलाओं को नौकरियां
वहीं एसपी ने अपने समाजवादी वचन पत्र में 2025 तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) व्यवस्था, सस्ते लोन और लोन मुक्त स्थिति (किसानों के लिए) के तहत विस्तारित खरीद का वादा किया है. सर्च ही उन्होंने सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण, 2.2 मिलियन आईटी नौकरियां और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना की तर्ज पर एक शहरी रोजगार गारंटी योजना.
फेज-1 के मतदान होने से 2 दिन पहले आए घोषणापत्र
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में राज्य के पश्चिमी हिस्से में 58 सीटों के साथ सात चरणों के मतदान के पहले चरण के शुरू होने से ठीक दो दिन पहले घोषणापत्र आए हैं. बता दें, अगर बीजेपी इस बार चुनाव जीत जाती है तो लगभग दो दशकों तक भारत के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य में सत्ता बनाए रखने वाली पहली पार्टी बन जाएगी. वहीं, सपा सत्ता में लौटने के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और मुसलमानों, किसानों के गुस्से और सत्ता विरोधी लहर के समर्थन पर सवार होकर इस चुनाव को जीतने की उम्मीद कर रही है.
बीजेपी के घोषणापत्र में किन चीजों पर रहा फोकस
बता दें, भाजपा के घोषणापत्र में कानून और व्यवस्था पर ध्यान केंद्रित किया गया है. इसके साथ उन्होंने जबरन धर्मांतरण पर अपने विवादास्पद कानून को मजबूत करने का वादा किया है, अपराधियों के लिए 10 साल की जेल और लव जिहाद करने वाले लोगों के लिए 1 लाख रुपये का जुर्माना तक रखा है.
कृषि के लिए, पार्टी ने गन्ना किसानों को सत्ता में आने के 14 दिनों के भीतर भुगतान सुनिश्चित करने, हर गांव में जैविक खेती पर ध्यान केंद्रित करना, गेहूं और धान के एमएसपी पर अधिकतम खरीद सुनिश्चित करने का वादा किया है. बात दें, 2017 में, किसानों को ऋण मुक्त करना भाजपा का एक प्रमुख चुनावी मुद्दा था.
पार्टी ने सभी को 300 यूनिट मुफ्त बिजली, मुफ्त स्मार्टफोन या टैबलेट, महिलाओं के लिए रसोई गैस सिलेंडर और सीसीटीवी का वादा किया है. गृहमंत्री ने इस दौरान कहा, "हमने तीन करोड़ से अधिक रोजगार या स्वरोजगार के अवसर पैदा किए हैं और अगले पांच वर्षों में, हम प्रत्येक परिवार के कम से कम एक सदस्य को रोजगार देंगे.
सपा ने किया है किन चीजों का वादा
सपा ने अपने 88 पन्नों के घोषणापत्र में सभी फसलों के लिए एमएसपी, गरीब किसानों को मुफ्त फर्टीलाइजर, मोटरबाइक मालिकों को प्रति माह एक लीटर मुफ्त पेट्रोल, गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) परिवारों को हर साल दो मुफ्त एलपीजी सिलेंडर देने का वादा किया है.
अखिलेश यादव ने कहा कि चार साल में सभी किसानों को कर्ज मुक्त किया जाएगा. उन्होंने कहा, “किसान कर्ज लेते हैं, फंस जाते हैं, फिर अक्सर कर्ज माफ कर दिया जाता है, फिर वे कर्ज लेते हैं और यह अंतहीन सिलसिला जारी रहता है. हम इस अंतहीन जाल को खत्म कर देंगे. सभी फसलों के लिए एमएसपी दिया जाएगा और गन्ना किसानों को 15 दिनों में भुगतान मिल जाएगा. सभी किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली मिलेगी, ब्याज मुक्त ऋण, बीमा और पेंशन की व्यवस्था की जाएगी. यादव ने कहा कि 'समाजवादी पेंशन' को फिर से शुरू किया जाएगा और बुजुर्ग लोगों, जरूरतमंद महिलाओं और बीपीएल परिवारों को हर साल 18,000 रुपये मिलेंगे.
कैसा है दोनों का घोषणापत्र?
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के हवाले से पॉलिटिकल ऑब्जर्वर इरशाद इल्मी कहते हैं, "घोषणापत्र पार्टियों के दिमाग में एक झलक पेश करते हैं. कोई भी पार्टी मतदाताओं से जुड़ने में छूटना नहीं चाहती है. उन्होंने अपने घोषणापत्र का वर्णन करने के लिए जिन शब्दों का इस्तेमाल किया है - भाजपा का संकल्प पत्र, सपा का वचन पत्र, - यह दर्शाता है कि सत्ता की लड़ाई जमीन पर उतनी ही है जितनी कि दिमाग पर."