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करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं मैसूर के राजा Yaduveer Wadiyar, टेनिस से लेकर किताबों और बिरयानी का रखते हैं शौक, 31 साल की उम्र में अब राजनीति में आजमाएंगे किस्मत

अपनी शाही जिंदगी से परे, यदुवीर वाडियार अलग-अलग रुचियां रखते हैं और कई प्रतिभाओं वाले व्यक्ति हैं. वे अमेरिका से शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं. उन्होंने मैसाचुसेट्स यूनिवर्सिटी, एमहर्स्ट से अर्थशास्त्र और अंग्रेजी में बीए किया है.

Yaduveer Krishnadatta Chamaraja Wadiyar Yaduveer Krishnadatta Chamaraja Wadiyar
हाइलाइट्स
  • अमेरिका से की है पढ़ाई

  • त्रिशिका कुमारी सिंह से हुई है शादी 

मैसूर के शाही वंशज, यदुवीर कृष्णदत्त चामराजा वाडियार (Yaduveer Krishnadatta Chamaraja Wadiyar) चुनावी राजनीति में उतरकर अपने जीवन में एक नया अध्याय शुरू करने के लिए तैयार हैं. बीजेपी ने 31 साल के यदुवीर वाडियार को मैसूर लोकसभा क्षेत्र से अपना उम्मीदवार नामित किया है. ये उनकी जिंदगी की यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. यदुवीर वाडियार करोड़ों की सम्पत्ति के मालिक हैं. साथ ही टेनिस से लेकर किताबों और बिरयानी का शौक रखते हैं.

एक शाही विरासत

यदुवीर वाडियार को 28 मई, 2015 को वाडियार राजवंश के 27वें 'राजा' के रूप में ताज पहनाया गया था. अब यदुवीर इतिहास और परंपरा से भरी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं. श्रीकांतदत्त नरसिम्हराजा वाडियार की विधवा प्रमोदा देवी वाडियार ने उन्हें गोद लिया था. जिसके बाद उनकी शाही विरासत के उत्तराधिकारी के रूप में स्थिति मजबूत हुई. 2015 में 23 साल की उम्वर में उन्होंने मैसूर के नए महाराजा का ताज पहना था. यह आयोजन मैसूर पैलेस मैदान में फैले 15 मंदिरों में 40 से अधिक पुजारियों ने आयोजित किया गया था. यदुवीर ने अपने दादा श्रीकांतदत्त नरसिम्हराजा वाडियार की जगह ली है. 

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दरअसल, श्रीकांतदत्त वाडियार, जिनकी दिसंबर 2013 में मृत्यु हो गई, निसंतान थे और उन्होंने कोई उत्तराधिकारी नहीं था, लेकिन उनकी विधवा प्रमोदादेवी वाडियार ने फरवरी में एक समारोह में एक रिश्तेदार से यदुवीर गोपालराज को गोद ले लिया था. अपने राज्याभिषेक के बाद, यदुवीर गोपालराज को यदुवीर कृष्णदत्त चामराजा वाडियार के नाम से जाना जाने लगा.

त्रिशिका कुमारी सिंह से हुई है शादी 

राजस्थान के प्रतिष्ठित डूंगरपुर के युवराज, हर्षवर्धन सिंह की बेटी त्रिशिका कुमारी सिंह से यदुवीर की शादी हुई है. इस विवाह ने दो प्रभावशाली राजवंशों की सांस्कृतिक विरासत को जोड़ने का काम किया है. 

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, उनके पूर्ववर्ती श्रीकांतदत्त वाडियार ने 2004 के लोकसभा चुनावों के दौरान 152253 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की थी, जिसमें प्रसिद्ध मैसूर और बैंगलोर महलों के साथ-साथ 15 लक्जरी कारें भी शामिल थीं.

अमेरिका से की है पढ़ाई

बता दें, अपनी शाही जिंदगी से परे, यदुवीर वाडियार अलग-अलग रुचियां रखते हैं और कई प्रतिभाओं वाले व्यक्ति हैं. वे अमेरिका से शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं. उन्होंने मैसाचुसेट्स यूनिवर्सिटी, एमहर्स्ट से अर्थशास्त्र और अंग्रेजी में बीए किया है. संगीत के शौकीन यदुवीर गिटार और पारंपरिक सरस्वती वीणा दोनों बजाने में कुशल हैं. खेल की बात करें, तो वे टेनिस के लिए काफी जुनूनी हैं. 

सोशल मीडिया पर हैं एक्टिव 

अपने शाही वंश के बावजूद, यदुवीर एक आधुनिक राजा का प्रतीक हैं. वे टेक्नोलॉजी का बखूबी इस्तेमाल करना जानते हैं. और यही कारण है कि वे सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं. अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर शेयर किए गए एक व्यक्तिगत संदेश में, यदुवीर ने मैसूर की विरासत के संरक्षक के रूप में उन्हें अपनाने के लिए समुदाय के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया था. ठीक ऐसे ही वे अपने लोगों से सोशल मीडिया के माध्यम से जुड़ते रहते हैं.

राजनीति नहीं है कोई नई बात 

हालांकि, मैसूर राजघराने के लिए राजनीति कोई नई बात नहीं है. पिछले वंशज, श्रीकांतदत्त नरसिम्हराजा वाडियार ने मैसूर संसदीय क्षेत्र का चार बार प्रतिनिधित्व किया और केवल एक बार हारे हैं. श्रीकांतदत्त ज्यादातर कांग्रेस में रहे, लेकिन थोड़े समय के लिए वे बीजेपी में भी रहे. श्रीकांतदत्त के पिता जयचामाराजेंद्र वाडियार, मैसूर के अंतिम महाराजा, स्वतंत्रता के बाद राजप्रमुख/राज्यपाल के पद पर तैनात थे. 

अब जैसे ही यदुवीर कृष्णदत्त चामराजा वाडियार राजनीति में कदम रख चुके हैं ऐसे में उम्मीद की जा रही है वे मैसूर को समृद्धि और प्रगति के एक नए युग में ले जाने के लिए तैयार हैं.