UP Assembly Election 2022: उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने बड़ी जीत हासिल की है. योगी आदित्यनाथ को जहां एक लाख से ज्यादा वोटों से जीत मिली है तो वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य अपनी सीट पर चुनाव हार गए हैं. उनको हराने वाली उम्मीदवार का नाम है पल्लवी पटेल. पल्लवी पटेल ने केशव प्रसाद मौर्य को 7,337 वोटों से शिकस्त दी है. सपा गठबंधन की उम्मीदवार से पहचानी जाने वाली पल्लवी पटेल भाजपा की सहयोगी अपना दल मुखिया और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की बहन हैं.
कौन हैं पल्लवी पटेल
पल्लवी पटेल अपना दल (कमेरावादी) की उपाध्यक्ष हैं और कौशांबी उनका ससुराल है, सिराथू सीट यहीं पड़ती है. दरअसल, उत्तर प्रदेश की राजनीति में दो अपना दल है. एक केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल (एस) जो बीजेपी के साथ चुनावी मैदान में थी और दूसरी उनकी मां कृष्णा पटेल की अगुवाई वाली अपना दल (कमेरावादी), जो समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही थी. अनुप्रिया पटेल ने इस सीट पर आकर अपनी बहन पल्लवी के खिलाफ भी प्रचार किया था.
कितनी है संपत्ति
पल्लवी पटेल ने अपने नामांकन में संपत्ति का पूरा ब्यौरा दिया है. उनके हलफनामें में दी गई जानकारी के मुताबिक पल्लवी पटेल के पास कुल 3.35 करोड़ की संपत्ति है. उनके पास चल संपत्ति के रुप में 55 लाख रूपए हैं. जबकि उनके पति के पास चल संपत्ति के रुप में 18 लाख रुपए हैं.
दोनों बहनों में इस बात को लेकर है विवाद
केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल (Anupriya Patel) पल्लवी पटेल (Pallavi Patel) अपनी बहन अनुप्रिया पटेल का विरोध करती रही हैं. बता दें कि अनुप्रिया और पल्लवी के पिता डॉ. सोनेवाल पटेल हैं , सोनेवाल पटेल ने अपना दल नाम की पार्टी बनाई थी. इसी पार्टी पर वर्चस्व की जंग दोनों बहनों के बीच चल रही है. इन्होंने अपना दल कमरेवादी बनाया है. जिसकी अध्यक्ष मां कृष्णा पटेल हैं. उनकी पार्टी का सपा के साथ गठबंधन है. पल्लवी पटेल की मां कृष्णा पटेल हैं.अब पल्लवी पटेल समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के टिकट पर कौशांबी (Kaushambi) की सिराथू (Sirathu) सीट पर उम्मीदवार थीं.
उपाध्यक्ष बनाए जाने का बहन ने किया विरोध
2014 में अपना दल अध्यक्ष कृष्णा पटेल ने पल्लवी को पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया. तब पल्लवी को उपाध्यक्ष बनाए जाने का विरोध उनकी छोटी बहन अनुप्रिया पटेल ने किया . अनुप्रिया का कहना था कि पार्टी के संविधान में उपाध्यक्ष का कोई पद नहीं है, इसलिए पल्लवी की नियुक्ति असंवैधानिक है. पार्टी में अनुप्रिया और कृष्णा पटेल गुट में विवाद बढ़ता गया. मामला चुनाव आयोग तक पहुंचा. 2016 में पार्टी दो धड़े में बंट गई.
पल्लवी के पति लड़ चुके हैं लोकसभा चुनाव
पल्लवी के पति पंकज निरंजन पटेल भी पार्टी में एक्टिव हैं. सैल 2019 में पल्लवी की पार्टी का कांग्रेस के साथ गठबंधन था. कांग्रेस ने उनके पति पंकज पटेल को फूलपुर से टिकट दिया है. पंकज को इस चुनाव में 32 हजार से ज्यादा वोट मिले थे. बता दें कि वे भाजपा और सपा उम्मीदवार के बाद तीसरे नंबर पर रहे थे.