Harayana Election Story: इस समय हरियाणा में सियासी पारा चढ़ा हुआ है. विधानसभा चुनाव ( Assembly Election) के लिए मतदान की तारीखों का चुनाव आयोग (Election Commision) ने ऐलान कर दिया है. 5 अक्टूबर को वोटिंग है. मतों की गिनती 8 अक्टूबर 2024 को होगी.
हरियाणा की कुल 90 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज करने के लिए सभी दल चुनाव मैदान में कूद चुके हैं. उम्मीदवार तय करने की कवायद शुरू है. इसी बीच चुनाव से जुड़े किस्से भी याद किए जा रहे हैं. हम आपको आज फतेहाबाद विधानसभा सीट से जुड़े एक किस्से के बारे में बताने जा रहे हैं. यह किस्सा देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिया गांधी (Indira Gandhi) से जुड़ा हुआ है.
फतेहाबाद विधानसभा सीट का सबसे पहले जानिए इतिहास
जिला मुख्यालय होने से लगभग सभी बड़े सरकारी कार्यालय फतेहाबाद को राजनीति का प्रमुख केंद्र बना देते हैं. सिरसा लोकसभा क्षेत्र में फतेहाबाद विधानसभा सीट (Fatehabad Assembly seat) आती है. हरियाणा के अलग राज्य बनने के बाद फतेहाबाद विधानसभा क्षेत्र में 1967 से लेकर 2019 तक 13 आम चुनाव हो चुके हैं.
पहला विधान सभा चुनाव साल 1967 में हुआ था. पहले चुनाव में कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार पंजाबी दिग्गज गोबिंद राय बत्तरा (Gobind Rai Batra) फतेहाबाद से विधायक चुने गए थे. उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार को शिकस्त दी थी. इस सीट से कांग्रेस ने सबसे ज्यादा बार 6 बार चुनाव में जीत हासिल की है. 2019 में फतेहाबाद विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार दुड़ाराम बिश्नोई ने जीत हासिल की थी.
जब इंदिरा गांधी को आया था गुस्सा
अब आइए उस किस्से के बारे में जानते हैं जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी ही पार्टी के दिग्गज उम्मीदवार गोबिंद राय बत्तरा को जिंदा लाश कह दिया था. यह सुनकर हर कोई दंग रह गया था. दरअसल, विधानसभा चुनाव 1982 में कांग्रेस ने फतेहाबाद सीट से गोबिंद राय बत्तरा पर एक बार फिर भरोसा जताया था. बत्तरा के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित करने के लिए तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी फतेहाबाद आईं थीं. इंदिरा गांधी स्टेज पर थीं. उसी स्टेज पर कुर्सी पर गोबिंद राय बत्तरा भी बैठे थे.
इंदिरा गांधी की मौजूदगी में जब स्टेज पर पार्टी उम्मीदवार गोबिंद राय बत्तरा को दो शब्द बोलने के लिए आमंत्रित किया गया तो वह कुर्सी से खुद से उठ नहीं सके. किसी तरह लोगों ने उन्हें सहारा देकर उठाया. बत्तार उन दिनों बीमार थे. इसके कारण वह स्वयं उठ नहीं सके. ऐसी हालत पार्टी उम्मीदवार की देख इंदिरा गांधी को गुस्सा आ गया. उन्होंने तुरंत स्टेज पर मौजूद कांग्रेस के वरीय नेताओं से कहा कि इस जिंदा लाश के अलावा क्या आपको कोई दूसरा उम्मीदवार नहीं मिला. इंदिरा गांधी मुंह से इतना सुनते ही चुनावी सभा में चारों ओर सन्नाटा छा गया. पार्टी के दिग्गज नेताओं के पास इंदिरा गांधी को देने के लिए कोई जवाब नहीं था.
गोबिंद राय बत्तरा ने मारी थी बाजी
हालांकि विधानसभा चुनाव 1982 में फतेहाबाद सीट से गोबिंद राय बत्तरा बाजी मारने में सफल रहे. उन्होंने लोकदल के प्रत्याशी हरमिंद्र सिंह को 9006 मतों के अंतर से हराया था. इस चुनाव के 1 साल बाद ही गोबिंद राय बत्तरा का निधन हो गया. इसके कारण इस सीट पर 23 दिसंबर 1983 को उपचुनाव कराया गया. कांग्रेस ने लीला कृष्ण पर अपना भरोसा जताया. उधर विपक्ष ने मनीराम गोदारा को अपना उम्मीदवार बनाया.
हरियाणा के तत्कालीन सीएम भजनलाल के कट्टर विरोधी मनीराम गोदारा थे. इसके कारण उपचुनाव के दौरान माहौल काफी तनावपूर्ण हो गया. पुलिस ने किसी तरह मतदान कराया लेकिन मतों की गिनती के समय काफी भीड़ इकट्ठा हो गई और हुड़दंग करने लगी.इसके बाद पुलिस ने मनीराम गोदारा के समर्थकों को खदेड़कर पीटा. इसमें कई लोग घायल हो गए. हालांकि इस उपचुनाव में लीला कृष्ण 1399 मतों के अंतर से जीत दर्ज करने में कामयाब रहे.