उत्तर प्रदेश (UP) की 9 विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर 2024 को उपचुनाव (By Election) होने वाले हैं. अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी (SP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने उम्मीदवारों को लेकर अपने पत्ते खोल दिए हैं. समाजवादी पार्टी ने एक बार फिर पीडीए का कार्ड खेला है.
अपने पुराने PDA फार्मूले यानी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक के समीकरण से मैदान में उतरी है. सपा ने इस बार सबसे ज्यादा 9 में से 4 सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशियों को उतारा है. 2 सीटों पर दलित और 3 सीटों पर ओबीसी उम्मीदवारों पर दांव लगाया है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव का कहना है कि यूपी में पीडीए कार्ड चलेगा.
अयोध्या की तर्ज पर गाजियाबाद में किया है प्रयोग
सपा ने अयोध्या की तर्ज पर गाजियाबाद में भी प्रयोग किया है. लोकसभा चुनाव में जिस तरह से फैजाबाद सीट पर दलित चेहरे अवधेश प्रसाद को उतारा था. इसी तरह गाजियाबाद में भी दलित चेहरे को उतारा है. सपा जिसे सबसे कमजोर सीट मान रही है वह गाजियाबाद सदर है. समाजवादी पार्टी कभी ये सीट नहीं जीती है इसलिए अखिलेश यादव ने यहां से जाटव बिरादरी के सिंह राज जाटव को अपना उम्मीदवार बनाया है.
पूरी कोशिश है कि गाजियाबाद में दलित-मुस्लिम समीकरण पर यह चुनाव लाया जाए क्योंकि मायावती ने यहां वैश्य बिरादरी को अपना टिकट दिया है इसलिए समाजवादी पार्टी ने एक बार फिर दलित पर दांव लगाया है. सपा की कोशिश है कि पीडीए के नाम पर चुनाव हो और वह ज्यादा से ज्यादा जीते लेकिन यदि कहीं कोई सीट जीतने की संभावना नहीं बनती तो उसे सीट पर दलित पिछड़ों को एक संदेश जरूर दिया जाए.
जाटव और जाटों के समीकरण को साधने की कोशिश
इसी तरह अलीगढ़ की सुरक्षित खैर सीट पर कांग्रेस से हाल ही में सपा में शामिल हुईं चारु कैन को अपना उम्मीदवार बनाया है. अभी कुछ हफ्ते पहले ही चारु कैन ने बीएसपी को छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा था. दरअसल, चारु जाटव समाज से आती हैं, लेकिन अब वह जाट समाज से ताल्लुक रखती हैं. इसलिए जाटव और जाटों के समीकरण को साधने की कोशिश इंडिया ब्लॉक ने की है.
सपा ने कहां से किसे बनाया उम्मीदवार
करहल से तेज प्रताप यादव, सीसामऊ से नसीम सोलंकी, फूलपुर से मुस्तफा सिद्दीकी, मीरापुर से सुम्बुल राणा, कटेहरी से शोभावती वर्मा, गाजियाबाद से सिंह राज जाटव, खैर से डॉ. चारु कैन, कुंदरकी से हाजी मोहम्मद रिजवान और मझवां से डॉ. ज्योति बिंद सपा के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं.
दिलचस्प होगा मुकाबला
भाजपा-आरएलडी गठबंधन ने 9 में से 6 सीटें दलित और पिछड़ों को दी है जबकि तीन सीटों पर ब्राह्मण और ठाकुर उतारे हैं. समाजवादी पार्टी ने तीन ओबीसी तो एनडीए ने पांच ओबीसी उम्मीदवार दिए हैं. NDA ने एक दलित उम्मीदवार दिया है तो इंडिया गठबंधन ने दो दलित उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा है. इस बार का मुकाबला दिलचस्प होने वाला है अखिलेश यादव इसे पीडीए बनाम भाजपा का नाम दे रहे हैं जबकि भाजपा इस बार ओबीसी को ही केंद्र में मानकर पूरा चुनाव लड़ रही.
बीजेपी ने इन्हें दिया है टिकट
बीजेपी ने उपचुनाव के लिए जिन सात सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए हैं, उसमें गाजियाबाद सदर से संजीव शर्मा, खैर सीट से सुरेंद्र दिलेर, कुंदरकी सीट से रामवीर सिंह, मंझवा सीट से सुचिस्मिता मौर्या, फूलपुर से दीपक पटेल, कटेहरी सीट से धर्मराज निषाद और करहल से अनुजेश प्रताप यादव को प्रत्याशी बनाया है. सीसामऊ सीट पर उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है.आरएलडी ने भी अपनी एकमात्र सीट मीरापुर पर अपने उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है. मिथलेश पाल जो की पाल बिरादरी यानी कि पिछड़े बिरादरी से आते हैं, उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया है.