Haryana Vidhan Sabha Chunav 2024: सियासी दंगल में दो और हकीकत के पहलवानों की एंट्री शुक्रवार को हुई. कुश्ती के अखाड़े में देश-दुनिया के अच्छे-अच्छे पहलवानों को चीत करने वाले विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) और बजरंग पूनिया (Bajrang Punia) ने कांग्रेस (Congress) का दामन थाम राजनीति के क्षेत्र में एंट्री मारी है.
कुछ दिन पूर्व ही इन दोनों रेसलरों ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से मुलाकात की थी. इसके बाद से ही देश की सबसे पार्टी से जुड़ने को लेकर कयासों का दौर शुरू हो गया था. इस पर 6 सितंबर 2024 को विराम लग गया. ये दोनों पहलवान कांग्रेसी हो गए. आइए जानते हैं इन दोनों रेसलरों ने कांग्रेस से जुड़ने के बाद क्या कहा और इनके आने से हरियाणा (Haryana) के राजनीतिक अखाड़े में इस पार्टी को कितना फायदा मिलेगा. हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के लिए 5 अक्टूबर को वोटिंग होनी है, जबकि 8 अक्टूबर 2024 को नतीजों का ऐलान होगा.
फोगाट बोलीं- बुरे टाइम में पता चलता है अपना कौन
विनेश फोगाट ने कांग्रेस में शामिल होने के बाद कहा, सबसे पहले तो मैं पूरे देशवासियों का धन्यवाद कहना चाहती हूं. आज से मैं एक नई पारी की शुरुआत कर रही हूं. उन्होंने कहा कि बुरे टाइम में पता चलता है कि अपना कौन है? जब हम सड़क पर घसीटे जा रहे थे तो बीजेपी को छोड़कर बाकी पार्टियां हमारे साथ में थीं. मैं ऐसी पार्टी में हूं जो महिलाओं के खिलाफ हो रहे बुरे बर्ताव के खिलाफ खड़ी है. सड़क से लेकर संसद तक लड़ाई लड़ने को तैयार है.
रेसलिंग में मैंने पूरी कोशिश की कि महिलाओं को इंस्पायर करूं. बीजेपी आईटी सेल ने झूठ फैलाया कि हमारा करियर खत्म हो गया है. हम नेशनल नहीं खेलना चाहते. मैंने नेशनल खेला, ओलंपिक खेला. ओलंपिक के फाइनल तक गई लेकिन भगवान को कुछ और मंजूर होगा. परमात्मा ने मुझे देश की सेवा करने का जो मौका दिया है, उससे ज्यादा पुण्य का काम कुछ नहीं हो सकता है. मेरे लिए यह गर्व की बात है. फोगाट ने कहा कि जो मैंने बतौर खिलाड़ी फेस किया, वह आगे कोई और न करे. मैं हर उस महिला के साथ खड़ी हूं जो खुद को असहाय पाती है. कांग्रेस ज्वाइन करने से ठीक पहले विनेश फोगाट ने निजी कारणों का हवाला देते हुए भारतीय रेलवे से इस्तीफा भी दे दिया. वह उत्तरी रेलवे में विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) के पद पर कार्यरत थीं.
पूनिया बोले- बीजेपी का काम सिर्फ राजनीति करना
कांग्रेस का दामन थामने के बाद बजरंग पूनिया ने कहा कि बीजेपी आईटी सेल का कहना है कि हमारा एकमात्र उद्देश्य राजनीति करना है. हमने बीजेपी, उनकी महिला सांसदों को आमंत्रित किया था लेकिन वे बेटियों के साथ खड़े नहीं हुए. लेकिन कांग्रेस हमारे साथ खड़ी रही.बीजेपी बेटियों के साथ हुए अन्याय के साथ थी, बाकी पार्टियां हमारे साथ थीं.
उन्होंने कहा कि जब विनेश फाइनल में पहुंची तो पूरा देश खुश था लेकिन जब विनेश बाहर हुईं तो पूरा देश दुखी था और आईटी सेल के लोग जश्न मना रहे थे. ओलंपिक रेसलर विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के मुलाकात के बाद पार्टी की सदस्यता ली. कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष उदयभान ने दोनों के पार्टी में शामिल होने की जानकारी दी. इस मौके पर महासचिव के सी वेणुगोपाल ने विनेश और बजरंग का स्वागत करते हुए कहा कि यह कांग्रेस के लिए बड़ा दिन है. इन दोनों खिलाड़ियों ने देश का दिल जीता है.
जुलाना से चुनावी मैदान में फोगाट
कांग्रेस ने विनेश फोगाट को जुलाना विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा है. ऐसे में विनेश के मैदान में आ जाने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है. यहां से 2019 में जजपा के नेता अमर जीत डांडा ने चुनाव लड़ा था और 61942 वोट हासिल किए थे और बीजेपी को 37749 वोट मिले थे और जजपा ने 24193 वोटों से जीत हासिल की थी.
फोगाट और पूनिया के आने से कांग्रेस को क्या होगा फायदा
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के कांग्रेस से जुड़ने के कारण हरियाणा विधानसभा 2204 में पार्टी को जरूर कुछ न कुछ लाभ मिलेगा. विनेश और बजरंग दोनों ही जाट समुदाय से आते हैं. हरियाणा की राजनीति में जाटों का अपना प्रभाव है. कांग्रेस इस बार के चुनाव में जाट-दलित-मुस्लिम समीकरण के सहारे चुनावी जंग फतह करने की रणनीति बनाई है. ऐसे में कांग्रेस बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट को चुनावी मैदान में उतारती है तो इस सियासी समीकरण का लाभ भी मिल सकता है.
इसके अलावा उनकी अपनी भी लोकप्रियता है, जिसे पहलवानी से हासिल किया है. इतना ही नहीं विनेश फोगाट के खाप पंचायतों और किसानों के साथ रिश्ते मजबूत हैं. इसका उन्हें चुनाव में बड़ा समर्थन मिल सकता है. वह खाप पंचायतों और किसानों के साथ मजबूत रिश्ते का लाभ पार्टी को दिलवा सकती हैं. कुछ दिन पहले विनेश फोगाट ने पंजाब-हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पहुंचकर किसानों के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया था. माना जा रहा है कि चुनाव में कांग्रेस उनकी लोकप्रियता को भुनाने की तैयारी की है, लेकिन इसका लाभ पूनिया और फोगाट को कितना मिलेगा, यह तो 8 अक्टूबर 2024 को विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद ही चलेगा.