भारत में चुनाव में कई बार कुछ अनोखी चीजें देखने को मिलती हैं. ऐसा ही वाक्या वायनाड लोकसभा उपचुनाव में देखने को मिला. इस उपचुनाव में 21 लोगों ने पर्चा भरा है. इसमें से एक नाम तमिलनाडु के पद्मराजन का है. पद्मराजन अब तक 244 चुनाव लड़ चुके हैं और 245वीं बार चुनावी मैदान में हैं. चलिए आपको 'चुनाव राजा' के नाम से मशहूर पद्मराजन की कहानी जानते हैं.
245वीं बार चुनाव लड़ रहे पद्मराजन-
65 साल के केके पद्मराजन अब तक 244 चुनाव लड़ चुके हैं. उनका कहना है कि जब तक जिंदाा रहेंगे, तब तक चुनाव लड़ते रहेंगे. पद्मराजन नामांकन करने जुलूस के साथ जाते हैं. वो पंचायत, नगरपालिका, विधानसभा से लेकर लोकसभा तक का चुनाव लड़ चुके हैं. उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड और लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है. पद्मराजन का दावा है कि उन्होंने 80 लाख रुपए जमानत राशि के तौर पर गंवा चुके हैं.
नरसिम्हा राव और अटल के खिलाफ लड़ चुके हैं चुनाव-
केके पद्मराजन कई हाई प्रोफाइल चुनाव भी लड़ चुके हैं. इसमें कई प्रधानमंत्रियों के नाम शामिल हैं. वो पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव और अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं. इसके अलावा पद्मराजन पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के खिलाफ चुनावी मैदान में रह चुके हैं. पद्मराजन ने साल 2019 लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी के खिलाफ वायनाड से चुनाव लड़ा था. साल 2024 में उन्होंने केरल के त्रिशूर और तमिलनाडु के धर्मपुरी से पर्चा भरा था. पद्मराजन ने जयललिता, करुणानिधि, वाईएसआर रेड्डी, एके एंटनी, विजयकांत और हेमा मालिनी के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं.
कौन हैं पद्मराजन-
तमिलनाडु के एक छोटे से गांव मेट्टूर के रहने वाले पद्मराजन पेशे से एक टायर मरामत की दुकान चलाते थे. उन्होंने सबसे पहले 1988 में अपने गृहनगर से चुनाव लड़ने की शुरुआत की थी. उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश हिस्सा चुनाव लड़ने में ही बिताया है. उनके चुनावी जुनून के चलते ही लोग उन्हें 'चुनाव राजा' के नाम से पुकारते हैं. पद्मराजन का दावा है कि उन्होंने अपनी जिंदगी में लगभग हर तरह का चुनाव लड़ा है. जिसमें 6 बार राष्ट्रपति , 6 बार उप-राष्ट्रपति , 32 बार लोकसभा, 50 बार राज्यसभा और 73 बार संसदीय चुनाव शामिल हैं.
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