
भारत में चुनाव किसी पर्व से कम नहीं होता है. आज देश की राजधानी में आने वाले रिजल्ट से तय होगा कि अगले 5 साल तक दिल्ली के तख्त पर किसकी सरकार काबिज होगी. बता दें कि 2025 दिल्ली चुनाव के लिए वोटिंग 5 फरवरी 2025 को एक फेज में की गई थी. जिसके बाद आज 8 फरवरी 2025 को उसके नतीजे आएंगे.
चुनाव आयोग इस बात को सुनिश्चित करता है कि भारत में रहने वाला हर व्यक्ति अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके. यह अधिकार एक मतदाता को मिलने वाला सबसे बड़ा अधिकार होता है. इससे वह देश की सरकार का नसीब लिख सकता है.
क्या होता है पोस्टल बैलेट
कई लोग ऐसे भी होते हैं जो किसी कारण ईवीएम मशीन पर जाकर वोट नहीं दे पाते हैं. इसमें खासतौर पर सैनिकों को शामिल किया जाता है. क्योंकि सरहद पर तैनात होकर देश की सुरक्षा करने वाला सैनिक अगर वोट डालने निकल पड़ेगा तो सरहद पर कौन रहेगा. ऐसे में इन लोगों के लिए पोस्टल बैलेट की सुविधा को दिया जाता है.
पोस्टल बैलेट को सरल शब्दों में समझने के लिए इसको डाक द्वारा किए गए मतदान के रूप में समझा जा सकता है. साथ ही जब भी वोटों की गिनती शुरू होती है तो सबसे पहले पोस्टल बैलेट को ही खोला जाता है. शुरुआती आधे घंटे तक पोस्टल बैलेट की गिनती की जाती है और उसके बाद ईवीएम की भी गिनती शुरू हो जाती है. जिसके बाद पोस्टल बैलेट और ईवीएम की गिनती साथ-साथ चलती है.
पोस्टल बैलेट को लेकर नियम
नियम यह कहता है कि पोस्ट बैलट की गिनती EVM के आखिरी राउंड की काउंटिंग के शुरू होने से पहले पूरी हो जानी चाहिए. अगर ऐसा नहीं होता है तो मशीन की गिनती रोक दी जाएगी और पहले पोस्टल बैलट की गिनती पूरी की जाती है फिर जाकर आखिरी राउंड के वोट गिने जाते हैं.