Priyanka Gandhi Wayanad Nomination: केरल के वायनाड लोकसभा सीट (Wayanad Lok Sabha Seat) से कांग्रेस (Congress) लीडर प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने बुधवार को अपना नामांकन दाखिल कर दिया है. इस सीट पर 13 नवंबर को उपचुनाव होगा और 23 नवंबर 2024 को नतीजे घोषित किए जाएंगे.
दरअसल, यह सीट कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के छोड़ने के कारण खाली हुई है. लोकसभा चुनाव 2024 में राहुल गांधी ने वायनाड और यूपी की रायबरेली लोकसभा सीट से जीत हासिल की थी. उन्होंने बाद में वायनाड को छोड़ने का फैसला किया था. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने प्रियंका गांधी के खिलाफ चुनावी मैदान में नाव्या हरिदास को उतारा है. वायनाड लोकसभा सीट पर क्या है इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग की भूमिका और इससे कांग्रेस को कितनी मदद मिलेगी. आइए जानते हैं सियासी समीकरण.
नामांकन दाखिल करने से पहले प्रियंका गांधी ने किया रोड शो
प्रियंका गांधी ने नामांकन दाखिल करने से पहले रोड शो किया. इस दौरान जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मैं जब 17 साल की थी, उस समय मैंने पहली बार अपने पिता राजीव गांधी के लिए 1989 में कैंपेन किया था. उस समय से लेकर अभी तक के इन 35 सालों के दौरान मां सोनिया गांधी और भाई राहुल गांधी के लिए वोट मांगें. यह पहली बार है, जब मैं आपके समर्थन की मांग स्वयं के लिए कर रही हूं. यह एक बहुत ही अलग एहसास है.नामांकन के दौरान प्रियंका गांधी के साथ सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, रॉबर्ट वाड्रा सहित कई सीनियर नेता मौजूद रहे.
मुस्लिम मतदाताओं की संख्या है अच्छी-खासी
वायनाड लोकसभा सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. साल 2009 में चुनाव से पहले परिसीमन में वजूद में आई इस सीट से कांग्रेस ही जीतती आई है. इस सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अच्छी-खासी है, जो कांग्रेस के कोर वोटर माने जाते हैं. ऊपर से अभी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) का भी कांग्रेस के साथ गठबंधन है. सिर्फ वायनाड में ही नहीं बल्कि पूरे केरल के मतदाताओं पर मुस्लिम लीग की अच्छी पकड़ है. ऐसे में कांग्रेस उम्मीदवार प्रियंका गांधी को इसका फायदा जरूर मिलेगा.
इंडिया स्टैट इलेक्शन के आंकड़ों के अनुसार वायनाड लोकसभा सीट पर 40 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता हैं. इस सीट पर 40 प्रतिशत हिंदू वोटर्स भी हैं. इसके अलावा 20 प्रतिशत मतदाता ईसाई समुदाय से हैं. एससी वोटर 7 फीसदी और एसटी मतदाताओं की संख्या 9.3 फीसदी है. ग्रामीण वोटर्स 93 फीसदी और शहरी मतदाता 7 फीसदी हैं. वायनाड लोकसभा क्षेत्र में सबसे अधिक जनसंख्या मुस्लिम की 45 प्रतिशत है. हिंदू आबादी 41% और ईसाई आबादी 13% है. हर चुनाव में मुस्लिम और ईसाई आबादी कांग्रेस की तरफ झुकी दिखती है. इन सब को देखते हुए राजनीति के जानकारों का मानना है कि प्रियंका गांधी की जीत लगभग तय है.
मुस्लिम लीग की है अच्छी पकड़
आपको मालूम हो कि केरल में चुनावी राजनीति दो हिस्सों लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) और यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) में बंटी है. कांग्रेस और मुस्लिम लीग यूडीएफ का हिस्सा हैं. वायनाड लोकसभा क्षेत्र में कुल सात विधानसभा सीटें हैं. वायनाड और मलप्पुरम जिलों की 3-3 विधानसभा सीटें और कोझिकोड की 1 विधानसभा सीट शामिल है.
मलप्पुरम जिले से ताल्लुक रखने वाली तीन विधानसभा सीटों और कोझीकोड की एक विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम लीग पकड़ काफी मजबूत है. लोकसभा चुनाव 2019 में मुस्लिम लीग ही थी जिसने राहुल गांधी को वायनाड से चुनाव लड़ने के लिए आमंत्रित किया था. अब इस सीट से प्रियंका गांधी चुनावी मैदान में हैं. मुस्लिम लीग अभी कांग्रेस के साथ है. ऐसे में प्रियंका गांधी को चुनाव में इसका फायदा मिल सकता है.
वायनाड लोकसभा सीट पर हर बार हुई कांग्रेस की जीत
वायनाड लोकसभा सीट के लिए पहली बार चुनाव 2009 में हुई था. उस समय लेकर लोकसभा चुनाव 2024 तक इस सीट से कांग्रेस उम्मीदवार को ही विजय मिली है. लोकसभा चुनाव 2009 से 2019 तक इस सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार एमआई शानवास ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद 2019 और 2024 में राहुल गांधी ने यहां से जीत दर्ज की थी.
2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार एम आई शनावास ने वायनाड से 1.53 लाख से अधिक के अंतर से जीत हासिल की थी. इसके बाद शनावास ने लोकसभा चुनाव 2014 में भी जीत दर्ज की थी. इसके बाद राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव 2019 में सीपीआई (CPI) के उम्मीदवार पीपी सुनीर को हराया था. राहुल गांधी ने 706367 वोटों से जीत हासिल की थी. सीपीआई (CPI) के उम्मीदवार पीपी सुनीर को 274597 वोट मिले थे. राहुल गांधी को कुल 431770 वोटों के अंतर से पीपी सुनीर को हराया था. लोकसभा चुनाव 2024 में भी राहुल गांधी ने जीत दर्ज की थी. उन्होंने सीपीआई उम्मीदवार एन राजा को 364442 वोटों से हराया था. राहुल गांधी को 647445 वोट मिले थे.