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सत्ता में वापसी के बाद यूपी में अब बीजेपी अध्यक्ष के नाम को लेकर चर्चा

यूपी में रविवार को ये चर्चा चलती रही कि पूर्व मंत्री श्रीकांत शर्मा को उत्तर प्रदेश बीजेपी का अध्यक्ष बना दिया गया है. इसके बाद से लोगों ने सोशल मीडिया पर बधाई देने का सिलसिला शुरू कर दिया. खास बात ये रही कि मीडिया पर बधाई देने वालों में विधायक भी थे.

Yogi Adityanath Yogi Adityanath
हाइलाइट्स
  • ब्राह्माण चेहरे को मिल सकती है जिम्मेदारी

  • श्रीकांत शर्मा को मिलती रही बधाई

यूपी में पार्टी के रथ के सेनापति बन कर बहुमत से सत्ता में वापसी में अपनी भूमिका निभाने वाले स्वतंत्र देव सिंह के दोबारा योगी सरकार में मंत्री बन जाने से अब यूपी बीजेपी के अध्यक्ष को लेकर सरगर्मी बढ़ गयी है. रविवार को दिन भर श्रीकांत शर्मा के नाम को लेकर न सिर्फ चर्चा होती रही बल्कि उनको सोशल मीडिया पर बधाई देने वालों का तांता लगा रहा. इस बीच पार्टी ने अध्यक्ष पद के नाम को लेकर औपचारिक रूप से कोई जानकारी नहीं दी है लेकिन कई नेताओं के नाम चर्चा में हैं.

श्रीकांत शर्मा को मिलती रही बधाई
यूपी में रविवार को ये चर्चा चलती रही कि पूर्व मंत्री श्रीकांत शर्मा को उत्तर प्रदेश बीजेपी का अध्यक्ष बना दिया गया है. इसके बाद से लोगों ने सोशल मीडिया पर बधाई देने का सिलसिला शुरू कर दिया. खास बात ये रही कि मीडिया पर बधाई देने वालों में विधायक भी थे. साथ ही पार्टी के कार्यकर्ता भी इसमें आगे रहे. हालांकि दिन भर चर्चा चलने के बाद भी शाम तक कोई औपचारिक पुष्टि नहीं हुई पर श्रीकांत शर्मा के नाम की चर्चा दूसरे दिन भी जारी है. इस मामले में श्रीकांत शर्मा के समर्थक कार्यकर्ताओं का कहना है कि उनके नाम को घोषणा से पहले ही सोशल मीडिया पर लीक करना ठीक नहीं था.

ब्राह्माण चेहरे को मिल सकती है जिम्मेदारी
इसके विपरीत कुछ लोगों का तर्क यह भी है कि पार्टी श्रीकांत शर्मा के नाम पर भरोसा कर सकती है. उसकी वजह यह बताई जा रही है कि इस बार पार्टी किसी ब्राह्मण चेहरे को ये ज़िम्मेदारी दे सकती है. यानी किसी ब्राह्मण चेहरे को इस बार प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है. इस बात की जानकारी आने से योगी मंत्रिमंडल से हटाए गए मंत्रियों के नाम पर चर्चा होने लगी. इसमें श्रीकांत शर्मा और डिप्टी सीएम रहे डॉ दिनेश शर्मा का नाम भी शामिल है.

2014 में सत्ता में आई थी बीजेपी 
अगर बीजेपी में प्रदेश अध्यक्ष के ट्रेंड पर नजर डालें तो पिछले कुछ साल से सफलता की कहानी लिखने वाली बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में ब्राह्मण तो विधानसभा चुनाव में ओबीसी चेहरे को ज़िम्मेदारी दी. यूपी में बीजेपी की सफलता की कहानी 2014 से शुरू हुई. लोकसभा चुनाव में मोदी मैजिक के सहारे बीजेपी ने जबरदस्त सफलता हासिल की और 71 सीटें हासिल कीं. लेकिन यूपी में हाशिए पर पहुंची बीजेपी को सड़कों पर संघर्ष करके केंद्र में लाने वाली यूपी की टीम का नेतृत्व किया था लक्ष्मीकान्त वाजपायी ने. इसके बाद 2017 में यूपी विधानसभा के चुनाव होने से पहले सांसद ओबीसी केशव मौर्य को पार्टी ने प्रदेश टीम की ज़िम्मेदारी सौंपी है. पार्टी ने यूपी में सत्ता में वापसी की. इसके लिए केशव मौर्य को इसका पुरस्कार मिला और यूपी में डिप्टी सीएम की ज़िम्मेदारी मिली.

इसके बाद 2019 में फिर से लोकसभा का चुनाव आया. इस समय ब्राह्मण चेहरे केंद्र में मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडे को ज़िम्मेदारी दी गयी. बीजेपी को फिर बड़ी सफलता मिली. इसके बाद 2022 का विधानसभा चुनाव आया. बीजेपी ने फिर ओबीसी चेहरे पर दांव लगाया और योगी सरकार में मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को सरकार से इस्तीफ़ा दिलाकर प्रदेश टीम के नेतृत्व की ज़िम्मेदारी सौंप दी. एक बार फिर 2024 के चुनाव के लिए ब्राह्मण चेहरे को ज़िम्मेदारी मिलने की चर्चा है. 

बृजेश पाठक को डिप्टी सीएम बनाकर दिया ब्राह्माणों को संदेश 
पार्टी सूत्रों के अनुसार इस बार किसी सांसद को ये ज़िम्मेदारी दी जा सकती है. इसके लिए तीन लोकसभा और एक राज्यसभा सांसद का नाम चर्चा है. सतीश गौतम, सुब्रत पाठक, हरीश द्विवेदी के अलावा सुधांशु त्रिवेदी के नाम की चर्चा हो रही है. वहीं इस बात के भी क़यास लगाए जा रहे हैं कि यूपी बीजेपी का कोई पदाधिकारी भी इस ज़िम्मेदारी को सम्भाल सकता है. उसमें यूपी बीजेपी में महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला और उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक का नाम शामिल हैं. एक वर्ग ऐसा भी है जिसका मानना है कि ब्राह्मणों पर बीजेपी का फ़ोकस तो है पर ब्रजेश पाठक को उप मुख्यमंत्री बनाकर पार्टी ने काफ़ी हद तक ब्राह्मणों को संदेश दिया है. ऐसे में अब ओबीसी या दलित पर फ़ोकस करते हुए इन वर्गों से कोई प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाएगा. इसके लिए राम शंकर कठेरिया का नाम चर्चा में है.