उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2022 में बहुमत के साथ सत्ता में वापसी कर बीजेपी ने योगी आदित्यनाथ को एक बार फिर अपने विधायक दल का नेता चुन लिया है. योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अटल बिहारी वाजपेयी इकाना इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में दो उपमुख्यमंत्री और 50 मंत्रियों के साथ शपथ ली। इनमें से 22 मंत्री उनकी पहली सरकार के कार्यकाल के हैं. आइए जानते हैं योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बने मंत्रियों के बारे में विस्तार से -
1. केशव प्रसाद मौर्य
विधानसभा चुनाव के दौरान सिराथू सीट पर भले ही केशव प्रसाद मौर्य को हार का सामना करना पड़ा हो. हालांकि इससे उनके कद पर कोई फर्क नहीं पड़ा है. केशव प्रसाद मौर्य एसपी की पल्लवी पटेल से हार गए. केशव प्रसाद मौर्य योगी सरकार में डिप्टी सीएम रहे और सितंबर 2017 से MLC हैं. फूलपुर सीट से वो सांसद रह चुके हैं. इस बार योगी के कैबिनेट में उन्हें फिर से डिप्टी सीएम का पद मिला है.
2. बृजेश पाठक
बृजेश पाठक लखनऊ कैंट सीट से विधायक चुने गए. उन्होंने एसपी के सुरेंद्र सिंह गांधी को हराया. पाठक उन्नाव से सांसद होने के साथ राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके हैं. उन्हें योगी के प्रमुख सिपहसालारों में से एक कहा जाता है. वह योगी सरकार में कानून मंत्री भी रह चुके हैं. उन्हें डिप्टी सीएम बनाया गया है.
3. सुरेश खन्ना
शाहजहांपुर सदर सीट से रिकार्ड नौवीं बार विधायक बने सुरेश कुमार खन्ना योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में भी मंत्री बनाए गए. सुरेश कुमार खन्ना योगी सरकार के पहले कार्यकाल में राज्य के वित्त मंत्री थे. इस बार उनका सामना
सपा के तनवीर खान से था.
4. स्वतंत्र देव
स्वतंत्र देव उत्तर प्रदेश के बीजेपी अध्यक्ष हैं. स्वतंत्र देव बीजेपी के कद्दावर कुर्मी नेता है और बीजेपी में पहले भी मंत्री रह चुके हैं. वह सितंबर 2017 से विधान परिषद के सदस्य हैं. स्वतंत्र देव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जाने-माने प्रचारक हैं. 2022 के चुनावों में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
5. सूर्य प्रताप शाही
पाथरदेव से विधायक चुनकर आए. उन्होंने एसपी के ब्रहृाशंकर त्रिपाठी के हराया. येगी सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. सूर्य प्रताप 1985 की इंदिरा लहर में भी जीते थे. सूर्य प्रताप शाही छात्र जीवन से ही राजनैतिक रूप से सक्रिय थे. इन्होंने छात्र जीवन मे भी चुनाव लड़ा था. सूर्य प्रताप शाही 1985 में पहली बार कसया से विधायक हुए. उसके बाद वर्ष 1991 और 1996 में जीते. 2017 में चुनाव जीतने के बाद प्रदेश में उत्तर प्रदेश सरकार में कृषि,कृषि शिक्षा और कृषि अनुसंधान विभाग के कैबिनेट मंत्री रहे.
6. बेबी रानी मौर्य
बेबी रानी मौर्य आगरा से विधायक चुनी गई. उन्होंने बीएसपी की किरण प्रभा को हराया. बेबी रानी उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल रह चुकी हैं. बीजेपी ने उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया. बेबी रानी यूपी से बीजेपी का दलित चेहरा है. वह 1995 से लेकर 2000 तक आगरा की मेयर रह चुकी हैं.
7. लक्ष्मी नारायण चौधरी
योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में मथुरा के छाता से विधायक चौधरी लक्ष्मी नारायण ने छठी बार कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली. 1985 में लोकदल के टिकट पर पहली बार विधानसभा पहुंचे चौधरी लक्ष्मी नारायण इस बार पांचवी बार विधायक बने.
8. जयवीर सिंह
मैनपुरी सदर सीट से 63 वर्षीय भाजपा विधायक जयवीर सिंह ने भी कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण की. इससे पहले जयवीर सिंह मायावती सरकार में मंत्री रह चुके हैं. इन्होने बरौली विधानसभा सीट से जीत दर्ज की थी.
9. धर्मपाल सिंह
धर्मपाल सिंह को बरेली की आंवला विधानसभा से पांचवी बार विधायक चुना गया. धर्मपाल सिंह ने 29,182 मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी. उन्होंने बसपा के प्रवल प्रताप सिंह को हराया था.
10. नंद गोपाल नंदी
इलाहाबाद दक्षिण विधानसभा सीट से तीसरी बार जीत दर्ज की. उनकी सियासी पारी 2007 में बसपा के साथ शुरू हुई थी. 2017 विधानसभा चुनाव में पाला बदलते हुए नंद गोपाल गुप्त नंदी ने बीजेपी का दामन थाम लिया। इस बार सपा प्रत्याशी परवेज अहमद टंकी को हराने में सफल हुए.
11.अनिल राजभर
योगी सरकार के पहले कार्यकाल में पिछड़ा वर्ग कल्याण और दिव्यांग जन मंत्रालय के कैबिनेट मिनिस्टर रहे वाराणसी की शिवपुर विधानसभा के विधायक अनिल राजभर को एक बार फिर योगी सरकार 2.0 में मंत्री पद दिया गया है. इस बार उन्होंने सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर को हराया था. अनिल राजभर वाराणसी में शिवपुर विधानसभा से दूसरी बार विधायक बने हैं.
12. भूपेंद्र सिंह चौधरी
MLC बनने के बाद पिछली योगी सरकार में पंचायती राज कैबिनेट मंत्री रहे भूपेंद्र सिंह चौधरी को योगी सरकार 2.O में भी कैबिनेट में जगह दी गयी है. भूपेंद्र सिंह चौधरी उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य भी हैं. उन्हें 10 जून 2016 को उत्तर प्रदेश विधान परिषद का सदस्य चुना गया था. उन्होंने 1991 में भाजपा ज्वॉइन की. इसके दो साल बाद वह भजापा की जिला कार्यकारिणी के सदस्य बन गए. फिर 2006 में उन्हें पार्टी का क्षेत्रीय मंत्री और 2012 में पार्टी का क्षेत्रीय अध्यक्ष बनाया गया. वह 2016 में एमएलसी नामित हुए. राज्य में 2017 में भाजपा की सरकार बनने के बाद उन्हें पंचायतीराज राज्यमंत्री बनाया गया.
13. जितिन प्रसाद
भाजपा के दिग्गज नेता जितिन प्रसाद को एक बार फिर से योगी सरकार में मंत्री बनाया गया है। वह योगी सरकार के पहले कार्यकाल में भी मंत्री रह चुके हैं। जितिन प्रसाद ने पिछले साल ही भाजपा ज्वाइन की थी.
14. राकेश सचान
योगी सरकार 2.0 की कैबिनेट में एक और नया चेहरा शामिल हुआ है. कानपुर देहात से भोगनीपुर विधानसभा सीट से जीतकर आए राकेश सचान ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली है. वह विधानसभा चुनाव की शुरुआत में ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं.
15. योगेंद्र उपाध्याय
छात्र राजनीति से पार्षद और विधायक तक का सफर तय करने वाले ब्राह्मण समाज के बड़े चेहरे योगेंद्र उपाध्याय को भी मंत्रीमंडल में स्थान मिला है. योगेंद्र उपाध्याय ने आगरा की दक्षिण विधानसभा सीट पर जीत की हैट्रिक लगाई है.
16.अरविंद कुमार शर्मा
उत्तर प्रदेश के मऊ जनपद के काझा खुर्द गांव के रहने वाले अरविंद कुमार शर्मा होंगे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में शामिल हैं.अरविंद कुमार शर्मा 1988 बैच के गुजरात कैडर के IAS रहे है. इनको प्रधानमंत्री मोदी का करीबी और सहयोगी माना जाता है. वह 2014 में संयुक्त सचिव के रूप में प्रधानमंत्री कार्यालय में शामिल हुए और 2017 में उन्हें अतिरिक्त सचिव के पद पर पदोन्नत किया गया. 2021 में उन्होंने अपने पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली. इसके बाद उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की. इस समय वह भाजपा के विधान परिषद सदस्य हैं.
17. आशीष पटेल
आशीष पटेल केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल(अपना दल एस की राष्ट्रीय अध्यक्ष) के पति हैं. अनुप्रिया वर्तमान में मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री हैं. आशीष पटेल अपना दल(S)के राष्टीय अध्यक्ष रहे. मई 2018 में विधान परिषद सदस्य चुने गये.
18. संजय निषाद
उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री बनने जा रहे निषाद पार्टी के संजय निषाद को निषाद मतों को भाजपा की तरफ मोड़ने का फल मिला है.इलेक्ट्रो होम्योपैथी को मान्यता दिलाने की लड़ाई से संघर्ष की शुरुआत करने वाले संजय निषाद ने देश के अन्य 14 राज्यों की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी निषाद वंशीय को अनुसूचित जाति में शामिल करने की लंबी लड़ाई लड़ी.