गीता घोष रॉय चौधरी जिन्हें गीता दत्त के नाम से जाना जाता है, बॉलीवुड प्लेबैक सिंगिंग में सबसे प्रमुख नामों में से एक हैं. गीता दत्त ने 20 साल से ज्यादा समय में सिनेमा को बेहतरीन गाने दिए हैं. आज भी उनके गाने आपकी रूह को सुकून देते हैं. एक बार अगर उनकी प्ले लिस्ट चल जाए तो आपके लिए बंद करना मुश्किल हो जाएगा. (Photo: Pinterest)
आज उनकी 92वीं बर्थ एनीवर्सरी पर हम आपको बता रहे हैं उनके कुछ बेहतरीन गानों के बारे में, जो आप ट्रेवल करते हुए, खाना बनाते हुए और तो और ऑफिस में काम करते हुए भी सुन सकते हैं. (Photo: Pinterest)
मेरा सुंदर सपना बीत गया/दो भाई, 1947
गीता ने कोई फॉर्मल ट्रेनिंग नहीं ली थी, लेकिन वे एक स्वाभाविक गायिका थीं. 1946 मेंकेवल 16 साल की उम्र में उन्हें ब्रेक मिला. उनकी आवाज पर एसडी बर्मन का ध्यान गया और वह उनकी आवाज से इतने प्रभावित थे कि उन्होंने दो भाई में नौ में से छह गाने गीता को दिए. 'मेरा सुंदर सपना बीत गया' में गीता की परिपक्व गायकी ने उनकी कम उम्र को झुठला दिया और अपनी आवाज से भावनाओं को व्यक्त करने की उनकी क्षमता ने उन्हें दूसरे गायकों से अलग कर दिया. (Photo: Pinterest)
तदबीर से बिगडी हुई/बाजी, 1951
बाजी फिल्म में एसडी बर्मन का गीता रॉय पर भरोसा फिर से दिखने लगा था. गीता ने फिल्म के आठ में से छह गाने गाए - सभी सोलो. फिल्म का वह गाना जिसने उनके करियर को बदल दिया, वह था 'तदबीर से बिगड़ी हुई.' गाना जबरदस्त सफल रहा. बाजी गीता के निजी जीवन का भी एक महत्वपूर्ण मोड़ था. इस फिल्म के निर्माण के दौरान ही उन्हें फिल्म के निर्देशक गुरु दत्त से प्यार हो गया. 1953 में उनकी शादी हुई और गीता रॉय गीता दत्त बन गईं. (Photo: Pinterest)
जा जा जा बेवफा/आर पार, 1954
हालांकि यह सच है कि गीता दत्त ने ओपी नय्यर के लिए अपने कुछ बेहतरीन गाने गाए, लेकिन कई लोगों को नहीं पता है कि ओपी नैय्यर की सफलता में गीता दत्त की भूमिका और भी बड़ी थी. 1952 में डेब्यू करने के बाद, ओपी नय्यर अपने संगीत के साथ कोई छाप नहीं छोड़ सके और हिंदी फिल्म उद्योग छोड़ने वाले थे. यह गीता दत्त थीं, जिन्होंने उन्हें प्रोत्साहित किया और गुरु दत्त से उन्हें आर पार में शामिल करने के लिए कहा. आर पार एक शानदार सफलता थी और इसने ओपी नय्यर की म्यूजिक सुपरस्टारडम की यात्रा को शुरू किया. (Photo: Pinterest)
ठंडी हवा काली घाट/श्रीमान और श्रीमती 55, 1955
गीता दत्त और ओपी नैय्यर ने कई वर्षों तक म्यूजिक चार्ट पर राज किया. श्रीमान और श्रीमती 55 फिल्म का 'ठंडी हवा काली घाट' सोने पर सुहागा था. इस गाने ने गीता दत्त को शिखर पर पहुंचा दिया और साथ ही गुरु दत्त और ओपी नैय्यर के लिए तो मानो यह उनका वसीयतनामा था. (Photo: Pinterest)
जाता कहां है दीवाने/सी.आई.डी., 1956
गीता दत्त का करियर उनके निजी जीवन से जुड़ा हुआ था. इसलिए सी.आई.डी फिल्म के साथ वह और गुरु दत्त अटूट रूप से बंधे हुए थे. गुरुदत्त ने तेलुगू फिल्म अभिनेत्री वहीदा रहमान को फिल्म में एक खलनायिका के किरदार में पेश किया और इस प्रक्रिया में, उन्हें उनसे प्यार हो गया. गीता दत्त की जिंदगी में इससे तुफान आ गया. हालांकि, उन्होंने फिल्म के गाने गाए और यह गाना आज भी लोगों की जुबान पर चढ़े हुए हैं. (Photo: Pinterest)