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18th May in History: 111 साल पहले आज के दिन हुई थी भारतीय फिल्मी सफर की शुरुआत, रिलीज हुई थी पहली फीचर फिल्म Shri Pundalik

On This Day in 1912: भारत में 18 मई 1912 को पहली फीचर फिल्म श्री पांडुलिक रिलीज हुई थी. इस फिल्म को दादासाहेब तोरने ने निर्देशित किया था. ये फिल्म 22 मिनट की थी और सिनेमा घर में दो हफ्ते तक चली थी.

18 मई 1912 को भारत की पहली फीचर फिल्म श्री पांडुलिक रिलीज हुई थी (Photo/Social Media) 18 मई 1912 को भारत की पहली फीचर फिल्म श्री पांडुलिक रिलीज हुई थी (Photo/Social Media)

भारतीय सिनेमा का 100 से ज्यादा का वक्त हो चुका है. आज भारतीय सिनेमा की दुनिया में अलग पहचान है. हर साल 2 हजार से ज्यादा फिल्में रिलीज होती है. ये फिल्में अलग-अलग भाषाओं में होती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में फिल्मों की शुरुआत कब हुई थी? सबसे पहले फिल्म कौन सी थी? चलिए आपको बताते हैं. आज से 111 साल पहले यानी 18 मई 1912 को भारत की पहली फीचर फिल्म श्री पुंडालिक रिलीज हुई थी.

22 मिनट की थी भारत की पहली फीचर फिल्म-
श्री पुंडालिक भारत में रिलीज होने वाली पहली फिल्म थी. यह एक मूक और फीचर फिल्म थी. यह एक मराठी फिल्म थी. इस फिल्म की शूटिंग बॉम्बे के मंगलदास वादी में हुई थी. श्री पांडुलिक फिल्म 22 मिनट की थी. इस फिल्म को 18 मई को मुंबई के कोरोनेशन सिनेमैटोग्राफ में रिलीज किया गया था. ये फिल्म दो हफ्ते तक चली थी. इस फिल्म का निर्देशन दादासाहेब तोरने ने किया था.

पहली फिल्म को लेकर विवाद-
श्री पुंडालिक को भारत की पहली फीचर फिल्म मानने को लेकर विवाद है. इसको लेकर विवाद इसलिए हैं क्योंकि इस फिल्म को एक ब्रिटिश कैमरामैन ने शूट किया था. जिसका नाम जॉन था. ब्रिटिश कैमरामैन के शूट करने की वजह से कई लोग इसे भारतीय फिल्म नहीं मानते हैं. कुछ लोगों का कहना है कि भारत की पहली फीचर फिल्म राजा हरीशचंद्र है. जिसे दादासाहेब फाल्के ने 3 मई 1913 को रिलीज किया था. कुछ लोग सादासाहेब तोरेन को और कुछ लोग दादासाहेब फाल्के को भारतीय सिनेमा का जन्मदाता मानते हैं. विवाद जो भी हो, लेकिन भारत में श्री पांडुलिक फिल्म राजा हरिशचंद्र से एक साल पहले रिलीज हुई थी.

1896 में हुई थी भारत में सिनेमा की इंट्री-
भारत में पहली बार 7 जुलाई 1896 लूमियर ब्रदर्स ने बॉम्बे के वॉटसन होटल में 6 फिल्में दिखाई थीं. फिल्म देखने के लिए टिकट की कीमत एक रुपए थी. इसके बाद 14 जुलाई 1896 को नॉवेल्टी थिएटर में भी 24 फिल्में दिखाई गई थीं. इसके बाद फोटग्राफर हीरालाल सेन ने कलकत्ता के स्टार थिएटर में एक शो के अलग-अगल फोटो खींचकर एक फिल्म बनाई, जिसे फ्लॉवर ऑफ पर्शिया नाम दिया गया था.

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