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36 Years Of Salaam Bombay: फुटपाथ के बच्चों के साथ मीरा नायर ने बनाई थी मूवी, ऑस्कर में नॉमिनेशन पाने वाली दूसरी फिल्म बनी थी सलाम बॉम्बे!

सलाम बॉम्बे 24 अगस्त 1988 को रिलीज हुई थी. फिल्म में शफीक सैयद, नाना पाटेकर, अनीता कंवर, रघुवीर यादव, इरफान खान जैसे सितारे नजर आए थे.

Salaam Bombay Salaam Bombay
हाइलाइट्स
  • रघुवीर यादव ने ली थी सिगरेट पीने की ट्रेनिंग

  • 'चल बॉम्बे चल' था फिल्म का टाइटल

मीरा नायर की फिल्म सलाम बॉम्बे की रिलीज को 36 साल पूरे हो गए हैं. सलाम बॉम्बे 24 अगस्त 1988 को रिलीज हुई थी. फिल्म में शफीक सैयद, नाना पाटेकर, अनीता कंवर, रघुवीर यादव, इरफान खान जैसे सितारे नजर आए थे. सलाम बॉम्बे ऑस्कर में नॉमिनेशन पाने वाली दूसरी भारतीय फिल्म थी. इस फिल्म को सर्वोत्तम हिंदी फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला. इसके अलावा सलाम बॉम्बे ने कई और पुरस्कार भी अपने नाम किए थे.

'चल बॉम्बे चल' था फिल्म का टाइटल
फिल्म का टाइटल पहले 'चल बॉम्बे चल' रखा गया था. फिल्म सलाम बॉम्बे! की ज्यादातर शूटिंग बॉम्बे के कमाठीपुरा के रेड लाइट एरिया में शूट किया गया था. इरफान खान का इस फिल्म में दो मिनट का सीन था, उन्होंने पत्र लेखक की भूमिका निभाई थी, ये पहली बार था जब इरफान किसी फिल्म का हिस्सा बने थे.

चाइल्ड एक्टर ने मार दिया था चाकू
फिल्म के एक सीन में कृष्णा को बाबा (नाना पाटेकर) को चाकू मारना था, नाना पाटेकर को सेफ्टी के लिए टायर लगाया गया था लेकिन असल में चाकू आर पार चला गया था. जिससे नाना को चोट आई थी.

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रघुवीर यादव ने ली थी सिगरेट पीने की ट्रेनिंग
दिल्ली में एक फिल्म फेस्टिवल के दौरान रघुवीर यादव को मीरा नायर ने सलाम बॉम्बे ऑफर की थी. रघुवीर यादव ने स्क्रिप्ट पढ़ी और उन्होंने फिल्म साइन कर ली. सलाम बॉम्बे में रघुवीर यादव चिलम नाम के चरसी के रोल में नजर आए थे. इस रोल के लिए उन्होंने सिगरेट पीना सीखा. अनिता कंवर ने फिल्म में जिस रोल को किया वो पहले रेखा सहाय को ऑफर किया गया था.

इस फिल्म को बनाने से पहले मीरा नायर ने मुंबई की मलिन बस्तियों में वक्त बिताया. वहां के जीवन को करीब से देखा और उन्हें समझाया कि इस फिल्म के बाद उन्हें पूरी तरह से बदलना होगा. 

मेकअप के लिए बुलाई गई थीं 'मैडम'
इस फिल्म में शौकत कैफी ने वेश्यालय की मैडम का रोल किया था. शूटिंग के समय शौकत कैफी की उम्र ज्यादा थी ऐसे में वो रोज शूटिंग के लिए ट्रैवल नहीं कर सकती थीं. इसलिए उनके लिए कमाठीपुरा के होटल में ही व्यवस्था की गई थी. उनके मेकअप के लिए भी कमाठीपुरा की वैश्या को बुलाया गया था.

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फुटपाथ से चुने गए थे शफीक सैयद
फिल्म में दिखाई देने वाली ज्यादातर बच्चों की कास्ट झुग्गियों से आते थे. फिल्म के लिए उन्हें एक महीने का वर्कशॉप दिया गया था. फिल्म के लीड चाइल्ड एक्टर शफीक सैयद ने 12 साल की उम्र में 'सलाम बॉम्बे' की थी. उनकी कास्टिंग भी डायरेक्टर ने फुटपाथ से की थी. एक स्क्रीन टेस्ट के बाद उन्हें कृष्णा यानी चाय पाव के मुख्य किरदार के लिए चुन लिया गया. शफीक सैयद ने 'सलाम बॉम्बे' के लिए 52 दिन तक शूट किया था और मेकर्स ने उन्हें इसके लिए 15 हजार रुपये दिए थे. हालांकि शफीक सईद फिलहाल बैंगलोर में रिक्शा चलाते हैं.

झुग्गियों में रहने वाले बच्चों की कहानी थी सलाम बॉम्बे!
सलाम बॉम्बे! मुंबई की झुग्गियों में रहने वाले बच्चों के दैनिक जीवन की कहानी है. सर्कस में काम करने वाला लड़का कृष्णा मुंबई की झुग्गियों में आकर चाय बेचने का काम शुरू करता है. एक दिन उसकी मुलाकात एक ड्रग डीलर बाबा से होती है. बाबा बच्चों को ड्रग के गोरख धंधे में फंसाता है. यहां कृष्णा को एक नया नाम मिलता है, "चैपाऊ,". वह इसके साथ जीना सीखता है. इस बीच उसे 'सोला साल' नाम की एक युवा लड़की से प्यार हो जाता है, जिसे हाल ही में वेश्यालय में बेचा गया है. इसके बाद कृष्णा की जिंदगी किन मुश्किल हालातों से गुजरती है ये ही फिल्म में दिखाया गया है. देश की आर्थिक राजधानी और सपनों की नगरी कहे जाने वाले शहर मुंबई की एक कड़वी सच्चाई को बयां करने वाली इस फिल्म ने आते ही देश ही नहीं पूरी दुनिया में धूम मचा दी थी.