अमिताभ बच्चन और शत्रुघ्न सिन्हा की ब्लॉक बस्टर फिल्म काला पत्थर (Kaala Patthar) की रिलीज को 45 साल पूरे हो गए हैं. काला पत्थर का डायरेक्शन और प्रोडक्शन यश चोपड़ा ने किया था. फिल्म को लिखा था सलीम-जावेद ने. फिल्म चासनाला खनन आपदा के पर बनाई गई थी जोकि 27 दिसंबर 1975 को धनबाद में हुई थी जिसमें 372 खनिक मारे गए थे.
काला पत्थर निर्देशक यश चोपड़ा के साथ शशि कपूर और अमिताभ बच्चन की चौथी फिल्म थी. इससे पहले दोनों की दीवार (1975), कभी-कभी (1976) और त्रिशूल (1978) रिलीज हुई थी.
फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट रही थी और इसे फिल्मफेयर के कई नॉमिनेशन भी मिले थे. पूर्व नौसेना कप्तान से कोयला खदान कर्मचारी बने इस किरदार के लिए अमिताभ बच्चन को काफी सराहना मिली थी.
काला पत्थर में अमिताभ, शत्रुघ्न के अलावा शशि कपूर, राखी, परवीन बाबी, नीतू सिंह, संजीव कुमार, पूनम ढिल्लो, प्रेम चोपड़ा जैसे बड़े सितारों ने काम किया था. आइए जानते हैं फिल्म की मेकिंग से जुड़े किस्से...
शत्रुघ्न और अमिताभ में आई दूरी
शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा था कि काला पत्थर की शूटिंग के दौरान अमिताभ बच्चन उनसे दूरी बनाए रखते थे, जबकि दोनों शुरुआती दौर में अच्छे दोस्त माने जाते थे. कहा तो ये भी जाता है कि अमिताभ बच्चन नहीं चाहते थे कि शत्रुघ्न सिन्हा ये फिल्म करें. शत्रुघ्न सिन्हा ने अमिताभ पर अपने रोल में कटौती करवाने का आरोप लगाया था. वह इस बात से भी नाराज़ थे कि यश चोपड़ा ने उन्हें एक निश्चित राशि देने का वादा किया था और फिर अपनी बात से मुकर गए. शत्रुघ्न ने कहा था कि पूरी फिल्म में उन्हें सबसे पैसे मिले.
फिल्म में शत्रुघ्न सिन्हा का डायलॉग 'तीसरे बादशाह हम हैं' काफी मशहूर हुआ था. धन्ना (शरत सक्सेना) के साथ अपने फाइट सीन के दौरान अमिताभ ने बिल्कुल वही शर्ट पहनी थी, जो उन्होंने "दीवार" (1975) में पहनी थी.
Celebrating 45 years of courage, determination, and the spirit of survival. #45YearsOfKaalaPatthar pic.twitter.com/NUZZYL8PUn
— Yash Raj Films (@yrf) August 24, 2024
धर्मेंद्र की वजह से परीक्षत को मिली फिल्म
फिल्म की स्क्रिप्टिंग के दौरान यश चोपड़ा चाहते थे कि धर्मेंद्र पंजाबी ट्रक ड्राइवर की भूमिका निभाएं. धर्मेंद्र सहमत भी हो गए और अपनी डेट्स दे दीं लेकिन बाद में उन्हें एहसास हुआ कि वो रोल जरूरी नहीं है ऐसे में उन्होंने परीक्षत साहनी का नाम सुझाया, इस तरह परीक्षत को फिल्म मिल गई.
इसलिए राजेश रोशन को हटाना चाहते थे मेकर्स
इस फिल्म के निर्माण के दौरान निर्माता फिल्म के संगीत से खुश नहीं थे और वे संगीतकार राजेश रोशन को बदलना चाहते थे लेकिन लता मंगेशकर ने निर्माताओं को चेतावनी दी कि अगर उन्होंने राजेश रोशन की जगह किसी दूसरे संगीतकार को लिया तो वह दोबारा उनके लिए नहीं गाएंगी. ऐसे में मेकर्स के पास कोई विकल्प नहीं बचा, उन्हें लता मंगेशकर की बात माननी पड़ी.
जब फिल्म लॉन्च हुई तो ऋषि कपूर को रवि की भूमिका के लिए साइन किया गया. मंगल की भूमिका के लिए शशि कपूर को साइन किया गया था. खय्याम फिल्म के म्यूजिक डायरेक्टर बनने वाले थे. बाद में ऋषि कपूर ने फिल्म छोड़ दी और शशि कपूर ने रवि की भूमिका निभाई. फिर शत्रुघ्न सिन्हा को मंगल के रोल के लिए साइन किया गया. फिर खय्याम की जगह राजेश रोशन को म्यूजिक के लिए साइन किया गया.