विनोद खन्ना (Vinod Khanna), रणधीर कपूर (Randhir Kapoor) और हेमा मालिनी (Hema Malini) की फिल्म 'हाथ की सफाई' की रिलीज को 50 साल पूरे हो गए हैं. ये फिल्म 30 अगस्त 1974 में रिलीज हुई थी. फिल्म का निर्देशन प्रकाश मेहरा (Prakash Mehra) ने किया था.
विनोद खन्ना को मिला बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का फिल्मफेयर
इस फिल्म के लिए विनोद खन्ना को बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था. फिल्म हाथ की सफाई का टाइटल म्यूजिक हेनरी मैनसिनी के "द थीफ हू केम फॉर डिनर" से लिया गया था. बाद में इसे रफू चक्कर के टाइटल म्यूजिक में इस्तेमाल किया गया.
यह एकमात्र फिल्म है जिसमें रणधीर कपूर और हेमा मालिनी साथ नजर आए थे. शत्रुघ्न सिन्हा ने भी दावा किया था कि उन्हें ये फिल्म ऑफर की गई थी लेकिन उन्होंने फिल्म रिजेक्ट कर दी. बाद में वो रोल विनोद खन्ना को मिला.
नवीन निश्चल ने इसलिए ठुकराई फिल्म
प्रकाश मेहरा ने इस फिल्म के लिए महेंद्र संधू को कास्ट करना चाहते थे. संधू ने स्क्रिप्ट सुनी लेकिन उन्होंने रणधीर कपूर और हेमा मालिनी से ज्यादा फीस मांग ली. फिर विनोद खन्ना से संपर्क किया गया और उन्होंने फिल्म साइन कर ली. नवीन निश्चल ने फिल्म ठुकरा दी क्योंकि वह रणधीर कपूर के साथ सपोर्टिंग रोल नहीं करना चाहते थे.
प्रकाश मेहरा और हेमा मालिनी के बीच हो गई थी अनबन
फिल्म की मेकिंग के समय प्रकाश मेहरा और हेमा मालिनी के बीच अनबन हो गई थी. हेमा ने प्रकाश मेहरा पर आरोप लगाया कि उन्हें सेट पर बुलाया जाता था लेकिन शूटिंग नहीं कराई जाती थी. इस पर प्रकाश मेहरा ने कहा था कि वो विनोद और रणधीर के साथ क्लाइमेक्स की शूटिंग कर रहे थे. इसलिए वह बीच में रुक नहीं सकते थे और हेमा मालिनी बिना बताए ही सेट पर आ गई थीं. प्रकाश मेहरा ने उन पर स्टार की तरह बर्ताव करने और ठीक से काम न करने का आरोप लगाया था. फिल्म रिलीज़ होने के बाद, उन्होंने फिर कभी एक-दूसरे के साथ काम नहीं करने की कसम खाई.
सलीम-जावेद ने हटावाया था पोस्टर से नाम
सलीम-जावेद अपने जमाने के स्टार राइटर्स रहे हैं. दोनों ने फिल्मों में क्रेडिट के लिए लंबी लड़ाई भी लड़ी. इस फिल्म का एक किस्सा बताया जाता है कि दोनों फिल्म की एडिटिंग से खुश नहीं थे. इसलिए उन्होंने निर्देशक से फिल्म के पोस्टर से अपना नाम हटाने की रिक्वेस्ट की. जब ऐसा नहीं हो पाया तो दोनों एक पेंटर के साथ मुंबई की सड़कों पर निकल पड़े और फिल्म के पोस्टर पर अपने नाम पर पेंट लगाने लगे.लेकिन जब फिल्म हिट हो गई तो फिल्म के पोस्टरों पर अपना नाम दोबारा लिखवाया.
दो भाईयों की कहानी थी 'हाथ की सफाई'
गांव से भागकर मुंबई पहुंचे दो भाई बिछड़ जाते हैं. राजू (रणधीर कपूर) को एक बदमाश के पास ले जाया जाता है और उसके साथ रहकर वह जेबकतरा बन जाता है. वहीं दूसरा भाई शंकर (विनोद खन्ना) जुर्म का बादशाह बन जाता है. दोनों का आमना-सामना तब होता है जब राजू एक लड़की (हेमा मालिनी) को अपने बड़े भाई के क्राइम-सिंडिकेट को बेच देता है. घटना के बाद राजू को अपनी गलती का अहसास होता है. राजू को जल्द ही पता चल जाता है कि वो जिससे लड़ रहा है वो उसका भाई है.