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Mansoor Khan: बॉलीवुड के अच्छे-खासे करियर को छोड़ किसान बन गए आमिर खान के भाई, इंडस्ट्री को दीं सुपरहिट फिल्में

बॉलीवुड सुपरस्टार आमिर खान के भाई मंसूर खान तमिलनाडु के कुनूर में रहकर खेती करते हैं और फार्म स्टे चला रहे हैं. मसूर खान सिनेमा इंडस्ट्री से भी जुड़े हुए हैं और उन्होंने कई फिल्म प्रोजेक्ट्स पर काम किया है.

Aamir Khan's cousin Mansoor Khan (Photo: Youtube screengrab) Aamir Khan's cousin Mansoor Khan (Photo: Youtube screengrab)

बॉलीवुड को "कयामत से कयामत तक" और "जो जीता वही सिकंदर" जैसी सुपरहिट फिल्में देने वाले मंसूर खान आज सपनों के शहर की चकाचौंध छोड़कर प्रकृति के करीब जीवन जी रहे हैं. मंसूर खान तमिलनाडू के कूनूर में रहते हैं और यहां खेती करते हैं. वह एक चीज़ फार्म औप फार्म स्टे चला रहे हैं. 

फिल्ममेकिंग से खेती तक 
मंसूर खान एक ऐसे परिवार से आते हैं, जिनका फिल्म इंडस्ट्री में बड़ा नाम है. उनके पिता नासिर हुसैन बॉलीवुड के जाने-माने डायरेक्टर थे, और उनके कजिन आमिर खान आज भी इंडस्ट्री के सुपरस्टार हैं. मंसूर ने 80 और 90 के दशक में कई बेहतरीन फिल्में बनाई हैं.  

मंसूर ने अपने एक इंटरव्यू में बताया, "लोग समझ नहीं पाते कि मैंने इतनी शोहरत और पैसा क्यों छोड़ा. लेकिन मैं हमेशा से जानता था कि मुझे मुंबई में नहीं रहना है." यह फैसला अचानक नहीं बल्कि लंबे व्यक्त तक सोच –विचार करने के बाद लिया गया था. 1978 में जब मंसूर अमेरिका में पढ़ाई कर रहे थे, तभी उन्होंने तय कर लिया था कि उन्हें शहर की भागदौड़ से दूर एक सादा जीवन जीना है.

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कूनूर में की नई शुरुआत 
2005 में मंसूर और उनकी पत्नी टीना ने मुंबई छोड़कर तमिलनाडु के कूनूर में बसने का फैसला किया. लेकिन नई जगह पर अपने जीवन की शुरुआत करना कोई आसान निर्णय नहीं था. यहां उन्होंने एक फार्म खरीदा और चीज़ बनाने का बिजनेस शुरू किया. इसके साथ, उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी टीना कपूर जो कभी मुंबई में बेकर थीं, अब फार्म पर आने वाले मेहमानों को चीज़ बनाना सिखाती हैं. 

बात दें मंसूर खान का फिल्म इंडस्ट्री छोड़ने का फैसला सिर्फ एक शहर के बदलाव का नहीं था, बल्कि उनकी सोच में आए बदलाव का भी नतीजा था. अब वे अपनी फिल्मों के बारे में बात करने से ज्यादा पर्यावरण और सस्टेनेबिलिटी जैसे मुद्दों पर बात करना पसंद करते हैं. इसी के साथ बता दें कि उनका फार्म इस तरीके से बनाया गया हैं कि वह पूरी तरह से प्रकृति के साथ तालमेल बिठाकर काम कर सकें. 

क्या फिल्मों से टूट गया है नाता?
हालांकि, मंसूर ने फिल्मों से दूरी बना ली है, लेकिन वे अपने परिवार के प्रोजेक्ट्स के लिए कभी-कभी मुंबई लौटते हैं. उन्होंने अपने भतीजे इमरान खान की डेब्यू फिल्म "जाने तू या जाने ना" में योगदान दिया और अब अपने भाई आमिर खान के बेटे जुनैद खान की फिल्म "एक दिन" पर काम कर रहे हैं. मंसूर और टीना का कूनूर फार्मस्टे भी काफी पॉपुलर है. यहां आने वाले मेहमान सिर्फ आराम ही नहीं करते बल्कि गायों को चारा खिलाने, चीज़ बनाने जैसे काम करते हैं और खेती के गुर भी सीखते हैं. 
मंसूर कहते हैं, "इस तरह की जिंदगी में जो सुकून है, वह मुंबई जैसे शहर में कभी नहीं मिल सकता." मंसूर खान सिर्फ खुद की जिंदगी बदलने तक सीमित नहीं रहे. उन्होंने "द थर्ड कर्व" किताब भी लिखी है और फार्मिंग के जरिए लोगों को पर्यावरण और सस्टेनेबिलिटी का महत्व समझाने में जुटे हैं. उनका मानना है कि अगर हम प्रकृति का सम्मान नहीं करेंगे, तो आने वाली पीढ़ियां इसका खामियाजा भुगतेंगी. उनका कहना है कि हमने आधी धरती को बर्बाद कर दिया है. अब यह हमें कुछ और देने की स्थिति में नहीं है. हमें इसे बचाने की जिम्मेदारी लेनी होगी. 

(यह रिपोर्ट निहारिका सिंह ने लिखी है. निहारिका Gnttv.com के साथ बतौर इंटर्न काम कर रही हैं.)