आज बात करेंगे बॉलीवुड के उस डायरेक्टर की, जिसका कभी कोई फिल्मी बैकग्राउंड नहीं रहा, उसके बावजूद भी उन्होंने कई ऐसी फिल्में बना दी, जिन्होंने इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करवा लिया. हम बात कर रहे हैं, लगान डायरेक्टर आशुतोष गोवारिकर की. आज आशुतोष अपना 60वां जन्मदिन मना रहे हैं, तो चलिए आज इस मौके पर आपको उनके जीवन से जुड़ी कुछ जरूरी बातों के बारे में बताते हैं.
कभी नहीं रहा कोई बॉलीवुड बैकग्राउंड
आशुतोष का बॉलीवुड से कोई नाता नहीं था, लेकिन फिर उन्होंने मुंबई आकर इस ग्लैमर वर्ल्ड में अपनी अलग पहचान बनाई है. एक वक्त ऐसा था, जब आमिर खान ने उनकी स्क्रिप्ट पढ़कर उनकी फिल्म करने से मना कर दिया था, और ये भी कहा था, कि ये स्क्रिप्ट किसी और को मत सुनाना. लेकिन आशुतोष ने भी हार नहीं मानी और आमिर को आखिरकार वो फिल्म करने के लिए मना ही लिया. किसी को भी इस फिल्म के चलने की कोई उम्मीद नहीं थी. हम बात कर रहे हैं फिल्म लगान की.
पिता के शौक ने पहुंचाया बॉलीवुड
आशुतोष बॉलीवुड के कई चैलेंजिंग प्रोजेक्ट्स का हिस्सा रह चुके हैं. लगान जैसी बड़ी फिल्म करने के बाद भी वो खुद को बाहरी महसूस करते थे. उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में आने के लिए न तो कोई ट्रेनिंग ली है, न ही कोई पढ़ाई की है. उनके परिवार से भी कभी कोई फिल्म का हिस्सा नहीं रहा है. आशुतोष के पिता पुलिस ऑफिसर थे, जिन्हें हमेशा से ही फिल्मों का काफी शौक रहा है. पिता के शौक के चलते ही आशुतोष ने फिल्मों में हाथ आजमाने का सोचा था. वे मुंबई के मीठीबाई कॉलेज से पासआउट हैं और उनके पास केमिस्ट्री की डिग्री है. उनके अब तक के सफर पर गौर करें तो ऐतिहासिक फिल्में बनाना उनकी यूएसपी है.
जब आमिर ने लगान के लिए क्या था मना...
जब आशुतोष ने पहली बार आमिर खान को लगान की स्क्रिप्ट सुनाई थी, तो आमिर से फिल्म करने से सीधा मना कर दिया था. उसके बाद पांच महीने बाद उन्होंने फिर से आमिर को स्क्रिप्ट सुनाई और इस बार आमिर उन्हें मना नहीं कर सके. इसके बाद आमिर के सामने सबसे बड़ी समस्या थी, इस फिल्म के लिए पैसे जुटाना, ऐसे में आमिर खान ने उनकी मदद की, और फिल्म का प्रोडक्शन संभाल लिया.
इस फिल्म का सेट भुज में लगाया गया, ताकि लोकेशन को रियलस्टिक दिखाया जा सके. आशुतोष गोवारिकर हमेशा अपनी फिल्मों की लोकेशन रियल दिखाने की कोशिश करते हैं। ताकि लोग खुद को इससे कनेक्ट कर सके. फिल्म मोहनजोदड़ो और जोधा अकबर में भी उन्होंने यही किया है.
रियलस्टिक लोकेशन के लिए जाने जाते हैं आशुतोष
ये बात शायद कम लोगों को पता है लेकिन लगान की शूटिंग के वक्त आशुतोष का एक्सीडेंट हो गया था. इसी कारण उन्होंने फिल्म के कुछ हिस्सों के लेट कर शूट किया था. आशुतोष गोवारिकर अपनी फिल्मों में कोई कसर नहीं छोड़ते. वे अपनी रियल कहानियों के लिए जाने जाते हैं. उनका रियल कहानियों के लिए प्रति लगाव और रियलस्टिक लोकेशन पर शूट करने का जज्बा उन्हें औरों से अलग बनाता है.
आशुतोष अपनी फिल्में बनाते वक्त कोई कॉम्प्रोमाइज नहीं करते हैं. फिल्म जोधा अकबर के समय आगरा के किले की ऊंचाई को 45 फीट से 70 फीट किया गया था. बजट के चलते उनकी वाइफ ने उन्हें ऐसा न करने की भी सलाह दी थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.