म्यूजिक की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाने वाले एआर रहमान आज अपना 55 वां जन्मदिन मना रहे हैं. 6 जनवरी 1967 को चेन्नई में जन्मे रहमान का पूरा नाम अल्लाह रखा रहमान है. दर्जनों नेशनल और इंटरनेशनल खिताब जीतने वाले रहमान की जिंदगी काफी उतार-चढ़ाव भरी रही. 25 साल की उम्र में वे खुद को बेहद असफल व्यक्ति मानते थे और उन्हें आत्महत्या तक का खयाल दिमाग में आने लगा था.
म्यूजिक इंस्टूमेंट बेचने तक की नौबत आई
रहमान के पिता और प्रसिद्ध मलयालम म्यूजिक कंपोजर आरके शेखर 1976 में 43 साल की उम्र में ही दुनिया छोड़कर चले गए. जब पिता का साया उठा तब रहमान की उम्र महज 9 साल थी. छोटी उम्र में ही उन पर परिवार की जिम्मेदारियां आ गई. पहले रहमान ने पिता के म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट बेचने का फैसला लिया, लेकिन उनकी मां ने ऐसा करने से इनकार कर दिया. इसके बाद रहमान ने इंस्ट्रूमेंट किराए पर देना शुरू कर दिया.
मां से पूछा- स्कूल और म्यूजिक में से किसे चुनूं
एक समय ऐसा भी आया, जब रहमान के सामने म्यूजिक और स्कूल के बीच बैलेंस बनाना बड़ी चुनौती बन गई. तब उन्होंने अपनी मां से दोनों में से किसी एक को चुनने के बारे में पूछा. रहमान की मां ने पढ़ाई छोड़ने के लिए कहा. रहमान अब तक एक ऑस्कर अवार्ड, 4 राष्ट्रीय फिल्म अवॉर्ड, 2 ग्रैमी अवॉर्ड, 2 एकेडमी अवॉर्ड, एक बाफ्टा अवॉर्ड और गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड अपने नाम कर चुके हैं.
सिर्फ मणिरत्नम ही रहमान से कभी भी मिल सकते हैं
वैसे तो एआर रहमान ने मलयालम म्यूजिक इंडस्ट्री में खूब नाम कमाया, लेकिन उन्हें बॉलीवुड में मणिरत्नम ने फिल्म 'रोजा' से 1992 में पहला ब्रेक दिया. इसी वजह से वे मणिरत्नम की बहुत इज्जत करते हैं. रहमान के करीबी बताते हैं कि मणिरत्नम इकलौते ऐसे व्यक्ति हैं, जो रहमान से कभी भी अपनी मर्जी के मुताबिक मुलाकात कर सकते हैं.