सुरों की मल्लिका आशा भोसले (Asha Boshle Birthday) आज (8 सितंबर 2022) अपना 89वां जन्मदिन मना रही हैं. आशा भोसले का जन्म 8 सितंबर 1933 को सांगली में हुआ. आशा जब 9 साल की थीं उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर का निधन हो गया. उनका परिवार कोल्हापुर से पुणे शिफ्ट हो गया. परिवार को सपोर्ट करने के लिए आशा ताई अपनी बहन लता मंगेशकर के साथ कम उम्र में ही गाना गाने लगीं. दोनों बहनें फिल्मों में भी काम करती थीं. आशा भोसले को खाना बनाने का बहुत शौक है. इस शौक को पूरा करने के लिए उन्होंने दुबई और कुवैत में आशाज नाम के रेस्टोरेंट खोले हैं. एक इंटरव्यू में आशा ने कहा था कि अगर गायिकी में उनका करियर उड़ान नहीं लेता तो वे कुक बन जातीं.
कई भाषओं में गाए हैं गाने
आशा भोसले ने मराठी फिल्म माझा बल (1943) के लिए अपना पहला गाना ''चला चला नव बाला'' गाया था. हिंदी फिल्मों में उन्होंने गायन की शुरुआत 1948 में रिलीज हुई फिल्म चुनरिया से की थी. आशा ने हिंदी के अलावा मराठी, बंगाली, गुजराती, पंजाबी, भोजपुरी, तमिल, मलयालम, अंग्रेजी और रूसी भाषा में भी बहुत से गीत गाए हैं.
11 साल बाद टूट गई शादी
आशा जब महज 16 साल की थीं तो उन्होंने 30 साल के गणपत राव से शादी कर ली थी. इस शादी की वजह से आशा का परिवार उनसे काफी नाराज हुआ. सालों तक बातचीत बंद रही. गणपत राव से शादी के बाद ही आशा प्लेबैक सिंगिंग के मैदान में उतरीं. लेकिन ये रिश्ता भी 11 साल ही चल पाया. तीसरी प्रेग्नेंसी के दौरान ही आशा पति गणपतराव का घर छोड़कर अपनी बहन के घर आ गईं. इसके बाद ही वे अलग हो गए और 1960 में दोनों का तलाक हो गया. इस शादी के अलग होकर आशा भोसले ओपी नैयर के नजदीक आईं. ओ पी नैयर का आशा भोसले के साथ प्रेम करीब 14 सालों तक चला. इसके बाद दोनों अलग हो गए.
47 साल की उम्र में की दूसरी शादी
ओ पी नैयर के बाद आशा की लाइफ में आरडी बर्मन आए. 1980 में आशा भोसले ने आरडी बर्मन से शादी की. पंचम दा की भी ये दूसरी शादी थी. आशा भोंसले ने जब पंचम दा से शादी की उस वक्त उनकी उम्र 47 साल थी, और पंचम दा उस वक्त 41 साल के थे. आशा भोसले ने आरडी बर्मन के कंपोजिशन में बने डांस नंबर 'आजा आजा', 'ओ हसीना जुल्फों वाली' जैसे कई सुपरहिट गाने गाए. एक वक्त ऐसा भी आया जब आशा भोंसले केवल आरडी बर्मन के लिए ही गाती थीं. आरडी बर्मन के निधन तक आशा उनकी पत्नी रहीं.
आशा को मिलते थे बड़े सिंगर्स के छोड़े हुए गाने
ये वो वक्त था जब लता मंगेशकर, शमशाद बेगम और गीता दत्त सिंगिंग की दुनिया में नाम कमा रही थीं. ऐसे वक्त में अपने लिए जगह बनाना आशा के लिए बेहद मुश्किल था लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. जो गाने उस वक्त के सिंगर्स छोड़ देते थे आशा को वो गाने ऑफर किए जाते थे. आशा को 1952 में आई फिल्म 'संगदिल' के लिए सबसे पहले पहचान मिली थी. आशा भोसले पहली ऐसी भारतीय सिंगर हैं जिन्हें ग्रैमी अवॉर्ड के लिए नॉमिनेशन मिल चुका है. भारत सरकार ने साल 2000 में उन्हें दादा साहब फाल्के पुरस्कार और 2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया था. आशा ताई ने गीत, गजल, ठुमरी, भजन, कैबरे या पॉप, हर जगह अपने टैलेंट से लोगों को रूमानियत से रूबरू कराया है.