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Happy Birthday Shahrukh Khan: इंडस्ट्री के Last of the Stars हैं शाहरुख खान, लार्जर दैन लाइफ है उनका स्टारडम

शाहरुख खान दुनिया भर के करोड़ों बॉलीवुड प्रेमियों के महज एक पसंदीदा अभिनेता नहीं हैं, बल्कि वह ग्लोबल लेवल पर ऐसी शख्सियत हैं जो स्टारडम के लिए सिर्फ बॉक्स-ऑफिस पर निर्भर नहीं है.

Shahrukh Khan Shahrukh Khan
हाइलाइट्स
  • अपने आप में ब्रांड है शाहरुख 

  • बॉक्स ऑफिस का मोहताज नहीं है शाहरुख का स्टारडम

सोशल मीडिया पर अनुपम खेर के शो की एक वीडियो क्लिप बहुत वायरल होती है, जहां शाहरुख खान से पूछा गया था कि क्या उन्हें भविष्य में अपना स्टारडम खोने का डर है. और शाहरुख ने अपनी लाजवाब मुस्कान के साथ जवाब दिया था, "मैं स्टार्स में आखिरी हूं." उनकी इस स्टेटमेंट पर सबकी राय अलग-अलग हो सकती है लेकिन कोई भी इस बात को झुठला नहीं सकता है.

जिन लोगों को इस बात पर संदेह था उन्हें इस साल उनकी सिर्फ दो फिल्मों का रिकॉर्ड देख लेना चाहिए. फिल्म जीरो की असफलता के चार साल बाद उन्होंने कमबैक किया और वह भी एक्शन जॉनर में. और उनकी दोनों ही फिल्में, पठान और जवान ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया. 

अपने आप में ब्रांड है शाहरुख 
शाहरुख खान की फिल्में या उनका काम ही नहीं बल्कि उनकी पर्सनैलिटी, और स्वभाव भी उन्हें स्टार बनाते हैं. अपने स्टारडम के लिए शाहरुख सिर्फ फिल्मों के चलने पर निर्भर नहीं है बल्कि वे फिल्में करें या न करें लेकिन वे लोगों के हीरो हैं. सबसे अच्छी बात है कि वह अपने स्टारडम या बॉक्स ऑफिस कलेक्शन से भ्रमित नहीं होते हैं. उनके पैर हमेशा जमीन पर और सिर आसमान में रहता है. हालांकि, "सुपरस्टार" शब्द "अभिनेता" शब्द से बिल्कुल अलग अर्थ रखता है. 

शाहरुख खान दर्शकों की पुरानी यादों का हिस्सा हैं. 1990 के दशक से लेकर 2010 के दशक तक शाहरुख ने बॉक्स ऑफिस पर अकेले दम पर दबदबा बनाए रखा. हमारी पीढ़ी दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे या कल हो ना हो जैसी क्लासिक फिल्में दोबारा देखकर बड़ी हुई है. इसलिए, बॉक्स ऑफिस पर शाहरुख खान की हालिया फॉर्म या उनकी स्क्रिप्ट की क्लाविटी लोगों की मानसिकता को प्रभावित नहीं करती है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उनकी 2016 की फिल्म डियर जिंदगी कितनी दिल छू लेने वाली थी, लोग उन्हें कुछ कुछ होता है जैसी हिट फिल्मों के लिए हमेशा याद रखेंगे, भले ही यह औसत दर्जे की फिल्म क्यों न हो. 

बॉक्स ऑफिस का मोहताज नहीं है शाहरुख का स्टारडम 
आमिर खान और सलमान खान जैसे अभिनेता 2010 के आसपास अपने करियर के शिखर पर पहुंच गए थे. तारे ज़मीन पर, 3 इडियट्स या रंग दे बसंती से आमिर खान ने भारतीय सिनेमा पर जो प्रभाव डाला, उससे कोई इनकार नहीं कर सकता. लेकिन उनका स्टारडम उनकी फिल्मों की क्वालिटी पर निर्भर करता है. धूम 3, ठग्स ऑफ हिंदोस्तान या लाल सिंह चड्ढा जैसी आमिर की फिल्मों में उनकी खराब स्क्रिप्ट के चयन के लिए आलोचना की गई. 

कुछ साल पहले भी दर्शकों को लगता था कि बेबी, एयरलिफ्ट या रुस्तम जैसी लगातार हिट फिल्मों के बाद अक्षय कुमार कुछ गलत नहीं कर सकते. लेकिन उनकी कुछ हाल की फिल्मों को दर्शकों ने नकार दिया और किसने सोचा था कि सलमान खान बॉक्स ऑफिस पर असफल हो सकते हैं?

लेकिन बॉक्स ऑफिस पर शाहरुख की फ्लॉप फिल्मों के बावजूद फैन्स उनकी अगले फिल्म को लेकर उत्साहित रहते हैं. क्योंकि शाहरुख के साथ स्क्रिप्ट या फिल्म की क्वालिटी का नहीं बल्कि फिल्म देखने के अनुभव के बारे में बात होती है. पूरी दुनिया में शाहरुख के फैन हैं. विदेशों में बॉलीवुड फिल्मों और गानों को पॉपुलर करने में शाहरुख ने अहम भूमिका निभाई है. 

मास के हीरो हैं किंग खान
सोशल मीडिया के प्रसार ने स्टार्स को फैन्स के करीब ला दिया है. स्टार्स फैन्स के कमेंट्स का जवाब देते हैं, लाइव चैट पर फैन्स के साथ बातचीत करते हैं और कभी-कभी इंस्टाग्राम स्टोरीज़ को रिपोस्ट करते हैं. यह फैन्स को पहले से कहीं ज्यादा सितारों से जुड़ाव महसूस कराता है. सोशल मीडिया मार्केटिंग आज एक्टर्स की जिंदगी का अहम हिस्सा है. शाहरुख खान मार्केटिंग की वजह से सुपरस्टार नहीं बने हैं. वह मास के हीरो हैं.  

उनका स्टारडम उनकी सफलता के साथ-साथ इस कारण भी है कि वह लोगों को रियल लगते हैं. वह जमीन से जुड़े हुए महसूस होते हैं. उन्हें देखकर लगता है कि वह किसी पड़ोस में एक लड़का था जो अब इंडस्ट्री का सबसे बड़ा अभिनेता था. शाहरुख  अब भी विनम्र, ईमानदार और हंसने-हंसाने वाले हैं. यह सच है कि अब सुपरस्टार का कॉन्सेप्ट खत्म होता जा रहा है. अब सिर्फ स्टार पावर के आधार पर फिल्में सफल नहीं हो सकतीं हैं. लेकिन जब बात शाहरुख खान की आती है तो उनका एक डायलॉग और एक पोज़ ही काफी है लोगों को ठहराने के लिए.