दिवंगत अदाकारा श्रीदेवी पर्दे पर एक पहेली की तरह थीं. उन्हें एक ऐसी महिला के रूप में जाना जाता था जो कैमरे के सामने खुद को बदल लेती थी. जो लोग उन्हें वास्तविक जीवन में जानते थे, वे अक्सर उनका वर्णन एक ऐसे व्यक्ति के रूप में करते थे जो आश्रय प्राप्त थी, अपनी कला के बारे में सुरक्षित थी और कम बोलती थीं. निर्माता बोनी कपूर के साथ श्रीदेवी की प्रेम कहानी दो संस्कृतियों का मिलन थी और उनके मिलन पर कई लोगों की भौंहें तन गईं, क्योंकि बोनी एक शादीशुदा व्यक्ति थे. बोनी कपूर अर्जुन कपूर और अंशुला कपूर के पिता थे जब उन्होंने श्रीदेवी से शादी की थी.
अपने टाइम पर श्रीदेवी बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री का जाना-माना नाम थीं. उन्होंने अपने करियर में कुल 300 से अधिक फिल्में की हैं. उन्होंने तमिल, तेलगु, कन्नड, मलयालम सहित हिंदी भाषा की तमाम फिल्में कीं. इंडस्ट्री में लोग उन्हें हवा-हवाई एक्ट्रेस के नाम से भी जानते हैं जिनके बारे में आज भी चर्चा होती है. श्री देवी का नाम अम्मा यंगर अय्यप्पन था लेकिन वो श्रीदेवी के नाम से मशहूर हुईं. श्रीदेवी ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत 4 साल की उम्र में की थी. जब श्रीदेवी 13 साल की थीं तब उन्होंने मूंदरू मुदिचू में रजनीकांत की सौतेली मां का किरदार निभाया था.
साउथ सिनेमा से की थी शुरुआत
श्रीदेवी ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत साउथ फिल्म इंडस्ट्री से की थी. दक्षिण भारत की फिल्मों में भी उनका खूब नाम था. एक्ट्रेस को दक्षिण सिनेमा में एक बड़ी अभिनेत्री के रूप में जाना जाता था. श्रीदेवी ने 16 वयथीनिलए, मंदरु मुदिचु, सिगप्पू रोजकाल, कल्याणरमन, जोनी, मीनदुम कोकिला जैसी फ़िल्मों में दमदार अभिनय से अपना अलग मुकाम हासिल किया था.
हीरो से ज्यादा मिलती थी फीस
जैसे भारत को एक पुरुष प्रधान देश कहा जाता है, हिंदी सिनेमा में भी हमेशा से मेल एक्टर्स को ज्यादा वैल्यू दी जाती थी. आज भी ज्यादातर फिल्में अभिनेताओं को केंद्र में रखकर ही बनाई जाती हैं. 80 के दशक में तो जब ऐसा माना जाता था कि फिल्में बॉलीवुड अभिनेताओं के दम पर ही चलती हैं उस समय श्रीदेवी ने अपने अभिनय से धाक जमा दी थी. श्रीदेवी एक ऐसी अभिनेत्री थीं, जिनकी फिल्म देखने के लिए दर्शक सिनेमाघरों तक खींचे चले आते थे. एक्ट्रेस ने अपने अभिनय के दम पर पहली महिला सुपरस्टार का खिताब भी अपने नाम किया था, यही वजह थी कि उस दौर में भी श्रीदेवी एक एक्टर से अधिक फीस लेती थीं. जानकारी के मुताबिक, नगीना फिल्म के लिए उन्होने ऋषि कपूर से अधिक फीस ली थी.
पहली हिंदी फिल्म मिलने की कहानी
फिल्म 'हिम्मतवाला' में श्रीदेवी और जीतेंद्र की जोड़ी हिट रही. लेकिन श्रीदेवी को ये फिल्म कैसे मिली, इसके पीछे भी एक कहानी है. ये उस समय की बात है जब श्रीदेवी साउथ फिल्मों में एक चाइल्ड एक्टर के तौर पर काम कर रही थीं. उस समय राघवेंद्र राव उस फिल्म में असिस्टेंट डायरेक्टर थे. शूटिंग के दौरान एक दुर्घटना में श्रीदेवी के एक गाड़ी से चोट लग जाती है. आनन फानन में राव श्रीदेवी को तुरंत अस्पताल लेकर जाते हैं. कुछ समय बाद जब राघवेंद्र डायरेक्टर बने तो उन्होंने श्रीदेवी को उनके करियर की पहली हिंदी और सुपरहिट फिल्म हिम्मतवाला ऑफर की थी.
सालों बाद पर्दे पर दोबारा वापसी की
श्रीदेवी को हिंदी सिनेमा में एक कमर्शियल हिरोइन के रूप में जाना जाता था, उन्होंने अपने करियर में नागिन से लेकर चालबाज, चांदीनी, सीता-गीता, जुदाई, खुदा गवाह, नगीना, मिस्टर इंडिया, नगीना जैसी कई दमदार फिल्में कीं. इसके बाद वो कुछ समय के लिए फिल्मी पर्दे से दूर हो गईं. इसके बाद 15 साल के लंबे समय के बाद साल 2013 में उन्होंने फिल्म ‘इंग्लिश विंग्लिश’से शानदार वापसी की. इसके बाद साल 2018 में फिल्म ‘मॉम’में श्रीदेवी ने सौतेली मां का किरदार निभाया था जिसे दर्शकों ने खूब पसंद किया.
एक फिल्म के लिए इतना करती थीं चार्ज
श्रीदेवी को चित्रकला का बहुत शौक था. मार्च 2010 में उनके चित्रों को अंतरराष्ट्रीय कला नीलामी हाउस द्वारा बेचा गया. इससे उन्हें जो पैसे मिले इसे उन्होंने दान कर दिया. श्रीदेवी की इस कला के दीवनों में सलमान खान और मनीष मल्होत्रा भी शामिल हैं. उनके घर की दीवरों पर आज भी श्रीदेवी के बनाए हुए चित्र लगे हुए हैं. श्रीदेवी ने 54 साल की उम्र तक लगभग 300 करोड़ रुपये की कुल संपत्ति जमा कर ली थी जिसमें उनके 3 घर आलीशान घर और 7 गाड़ियां भी शामिल हैं. इसके अलावा वो लक्स और तनिष्क जैसे 2 बड़े ग्लोबल ब्रांड की एंबेसडर भी थीं. ऐसा बताया जा रहा है कि वो हर फिल्म के लिए लगभग 3.4 करोड़ से 4.5 करोड़ रुपये तक फिस लेती थीं.
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