scorecardresearch

Cannes 2024 Competition Section: कान्स में भारतीय फिल्म की एंट्री! 40 साल में पाम डिओर सेक्शन में पहुंचने वाली पहली इंडियन फिल्म है Payal Kapadia की 'All We Imagine As Light'

भारतीय फिल्म निर्माता पायल कपाड़िया की फिल्म 'ऑल वी इमेजिन एज लाइट' को कान्स कॉम्पिटिशन के लिए चुना गया है. इस फिल्म की कहानी एक नर्स के जीवन पर आधारित है. इससे पहले Palme d'Or की रेस में फिल्म 'खारिज' थी. मृणाल सेन की ये फिल्म 40 साल पहले साल 1983 में कान्स में कॉम्पिटिशन के लिए चुनी गई थी.

A shot from Film 'All We Imagine as Light' A shot from Film 'All We Imagine as Light'

इंडियन फिल्ममेकर पायल कपाड़िया की फिल्म 'ऑल वी इमेजिन एज लाइट' को कान्स फिल्म फेस्टिवल 2024 के पुरस्कार पाम डिओर (गोल्डन पाम अवॉर्ड) की प्रतिस्पर्धा में शामिल होने का मौका मिला है. पिछले 40 सालों के बाद कान्स के इस सेक्शन में पहुंचने वाली पहली फिल्म होगी. इससे पहले साल 1983 में मृणाल सेन की फिल्म 'खारिज' दिखाई गई थी. पायल की फिल्म एक नर्स की जिंदगी की कहानी है. पायल कपाड़िया की डॉक्यूमेंट्री 'ए नाइट ऑफ नोइंग नथिंग' ने साल 2021 में कान्स फिल्म फेस्टिवल में ओइल डी'ओर (गोल्डन आई) पुरस्कार जीता था. आपको बता दें कि कान्स फिल्म फेस्टिवल 14 मई से 25 मई तक चलेगा.

पायल की फिल्म में क्या है-
पायल कपाड़िया की फिल्म 'ऑल वी इमेजिन एज लाइट' एक नर्स के जीवन पर आधारित है. इस फिल्म में नर्स का नाम प्रभा है. ये फिल्म उसके जीवन के इर्द-गिर्द घूमती है. इस फिल्म में नर्स प्रभा अपने पति से काफी समय से अलग रहती है. लेकिन अचानक उसे अपने पति का गिफ्ट मिलता है, जो उसकी पूरी जिंदगी बदल देता है. उसका पूरा जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है.

2021 में भी पायल ने जीता था पुरस्कार-
साल 2021 में पायल कपाड़िया ने कान्स फिल्म फेस्टिवल में ओइल डी'ओर (गोल्डन आई) पुरस्कार जीता था. उनकी डॉक्यूमेंट्री 'ए नाइट ऑफ नोइंग नथिंग' का प्रीमियम फेस्टिवल के डायरेक्टर्स फोर्टनाइट साइड-बार में हुआ था. उसमें डॉक्यूमेंट्री को गोल्डन आई पुरस्कार मिला था.

सम्बंधित ख़बरें

भारतीय मूल के इस फिल्ममेकर का भी कान्स में जलवा-
कान्स फिल्म फेस्टिवल के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ऐसी फिल्मों की लिस्ट शेयर की गई है, जिन्हें प्रतिस्पर्धा सेक्शन के तहत दिखाया जाएगा. पायल कपाड़िया के अलावा ब्रिटिश-इंडियन फिल्ममेकर संध्या सूरी की फिल्म 'संतोष' को भी कान्स में दिखाया जाएगा. इस फिल्म को 'अन सर्टेन रिगार्ड' सेक्शन के तहत दिखाया जाएगा.

कान्स में चुनी जा चुकी हैं ये फिल्में-
इससे पहले साल 1983 में भारतीय फिल्म 'खारिज' को Palme d'Or कॉम्पिटिशन के लिए चुना गया था. इस फिल्म का निर्माता मृणाल सेन ने किया था. इससे पहले साल 1974 में एमएस सथ्यू की 'गर्म हवा' और साल 1958 में सत्यजीत रे की 'पराश पत्थर' भी शामिल थीं. इसके अलावा साल 1953 में राज कपूर की 'आवारा', साल 1962 में वी शांताराम की 'अमर भूपाली' और साल 1946 में चेतन आनंद की 'नीचा नगर' कान्स फिल्म फेस्टिवल के लिए चुनी गई थी.

ये भी पढ़ें: