
कर्नाटक सरकार ने हाल ही में फिर से बड़ा फैसला लिया है! मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सभी सिनेमाघरों, यहां तक कि मल्टीप्लेक्स में भी, टिकट की अधिकतम कीमत ₹200 तय करने की घोषणा की है. जिसके बाद से ही फायदा और नुकसान को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. चर्चा इस बात की हो रही है कि आखिर अब सिनेमा हॉल को कितना मुनाफा होगा या फिल्म निर्माता को कितना?
मल्टीप्लेक्स कैसे कमाते हैं पैसा?
मल्टीप्लेक्स आखिर पैसा कैसे कमाते हैं? क्या सिर्फ टिकट बिक्री ही उनकी कमाई का जरिया है, या कुछ और भी? आइए, विस्तार से जानते हैं.
टिकट बिक्री (Box Office Collection) से कमाई
मल्टीप्लेक्स की कमाई का सबसे पहला और मुख्य स्रोत टिकट की बिक्री होती है. लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि मल्टीप्लेक्स को टिकट से होने वाली पूरी कमाई नहीं मिलती.
जब कोई नई फिल्म रिलीज होती है, तो टिकट से हुई कमाई फिल्म निर्माता (Producer) और मल्टीप्लेक्स के बीच बंटती है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, शुरुआत में यह बंटवारा 50-50% हो सकता है. अगर फिल्म सुपरहिट होती है, तो प्रोड्यूसर को ज्यादा फायदा मिलता है (उदाहरण के लिए 52.5%) और मल्टीप्लेक्स को थोड़ा कम (47.5%). अगर फिल्म फ्लॉप हो जाती है, तो मल्टीप्लेक्स को ज्यादा कमाई रखने का मौका मिल सकता है.
आमतौर पर, फिल्म के पहले कुछ हफ्तों में निर्माता को ज्यादा हिस्सा मिलता है, लेकिन जैसे-जैसे फिल्म का प्रदर्शन कमजोर पड़ता है, मल्टीप्लेक्स का मुनाफा बढ़ता है. कुछ मामलों में, अगर कोई फिल्म लंबे समय तक चलती है, तो मल्टीप्लेक्स टिकट से 70% तक की कमाई रख सकते हैं.
हालांकि, टिकट से होने वाली कमाई पर कई फैक्टर निर्भर करते हैं, जैसे फिल्म का बजट, स्टारकास्ट, रिलीज का समय और मल्टीप्लेक्स के साथ हुई डील.
फूड एंड बेवरेज (F&B) से मोटी कमाई
अगर आप कभी मल्टीप्लेक्स में फिल्म देखने गए हैं, तो आपने पॉपकॉर्न, कोल्ड ड्रिंक और स्नैक्स की असमान्य रूप से ऊंची कीमतें जरूर देखी होंगी. यह मल्टीप्लेक्स की सबसे ज्यादा प्रॉफिट वाली इनकम होती है.
PVR जैसी बड़ी कंपनियों की कुल कमाई में F&B की हिस्सेदारी लगभग 40% होती है. FY23 में, PVR ने टिकटों से ₹1,878 करोड़ कमाए, जबकि केवल F&B से ₹1,145 करोड़ की कमाई की! टिकट से मल्टीप्लेक्स को सिर्फ एक हिस्सा मिलता है, लेकिन F&B की पूरी कमाई उन्हीं की होती है. पॉपकॉर्न और कोल्ड ड्रिंक जैसी चीजों पर 200-400% तक का प्रॉफिट मार्जिन होता है.
मल्टीप्लेक्स जानते हैं कि दर्शकों के पास बाहर से खाना लाने का विकल्प नहीं होता, इसलिए वे ऊंचे दाम वसूलते हैं. यही वजह है कि टिकट सस्ती करने के बावजूद F&B की ऊंची कीमतें बनी रहती हैं, ताकि मल्टीप्लेक्स को नुकसान न हो.
विज्ञापन (Advertisements) से भी होती है कमाई
मल्टीप्लेक्स में आपने अक्सर देखा होगा कि फिल्म शुरू होने से पहले कई विज्ञापन (Ads) चलाए जाते हैं. ये विज्ञापन मल्टीप्लेक्स की कमाई का तीसरा बड़ा जरिया होते हैं. कंपनियां मल्टीप्लेक्स को कैप्टिव ऑडियंस (Captive Audience) देने का फायदा उठाती हैं. एक अनुमान के मुताबिक, विज्ञापनों से मल्टीप्लेक्स की कुल कमाई का 10-15% तक आता है.
मल्टीप्लेक्स क्यों आकर्षक होते हैं विज्ञापनदाताओं के लिए?
दर्शक विज्ञापनों को स्किप नहीं कर सकते, जैसा कि वे YouTube या टीवी पर कर सकते हैं. सिनेमा हॉल में माहौल ज्यादा फोकस्ड और प्रीमियम होता है, जिससे ब्रांडिंग प्रभावी होती है. कई कंपनियां अपने विज्ञापन फिल्मों की थीम के हिसाब से प्लान करती हैं, जिससे कनेक्ट बढ़ता है.