दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने फिल्म 'काली' के पोस्टर से जुड़े एक मामले की सुनवाई के लिए फिल्म निर्माता लीना मणिमेकलई को 1 नवंबर को तलब किया है. इससे पहले भी उनके खिलाफ एक समन जारी किया गया था. हालांकि, जज के छुट्टी पर रहने के कारण मामले की सुनवाई टल गई थी. लीना मणिमेकलई और निर्माता कंपनी टूरिंग टॉकीज मीडिया वर्क्स प्राइवेट लिमिटेड को वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश अभिषेक कुमार ने ईमेल और व्हाट्सएप सहित सभी माध्यमों से नए समन जारी करने का निर्देश दिया है.
कई राज्यों में दर्ज है केस
याचिका में ‘काली’ के पोस्टर और प्रचार वीडियो में एक हिंदू देवी को बेहद आपत्तिजनक तरीके से दर्शाने का आरोप लगाते हुए इसके खिलाफ स्थाई एवं अनिवार्य रोक लगाने की अपील की गई है. लीना मणिमेकलई के खिलाफ कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में कई राज्यों में केस दर्ज किया है.
क्यों है विवाद
काली का निर्देशन फिल्ममेकर लीना मणिमेकलई ने किया है. उन्होंने जुलाई में अपनी इस डॉक्यूमेंट्री फिल्म का आधिकारिक पोस्टर जारी किया था. पोस्टर में हिंदू देवी काली के वेश में एक महिला सिगरेट पीती हुई नजर आ रही है, जिसके एक हाथ में LGBTQ का झंडा है और दूसरे हाथ में त्रिशूल. विवादित डाक्यूमेंट्री तमिल आर्ट कलेक्टिव और क्वीन समर इंस्टिट्यूट ने मिलकर बनाई है. जैसे ही यह पोस्टर सोशल मीडिया पर सामने आया विवाद खड़ा हो गया. लोगों का कहना है कि पोस्टर में हिंदू देवी को सिगरेट पीते दिखाना हिंदुत्व का अपमान है और फिल्ममेकर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए.
कौन हैं लीना मणिमेकलई
तमिलनाडु के मदुरै में जन्मी लीना फिलहाल कनाडा में फिल्म की पढ़ाई कर रही हैं. उन्हें टोरंटो मेट्रोपॉलिटन यूनिवर्सिटी ने बहुसंस्कृतिवाद पर काम करने के लिए चुना है. वह एक कवियत्री होने के साथ-साथ अदाकारा भी हैं. लीना ने 2002 में अपनी पहली फिल्म मथम्मा पर काम करना शुरू किया, जिसे उन्होंने 2003 में रिलीज किया. काली के अलावा उनकी पिछली कई फिल्में जैसे 'सेंगडल', 'पराई', 'व्हाइट वैन स्टोरीज' भी विवादों का हिस्सा रह चुकी हैं.