जून 2019 में 'गुल्लक' का पहला सीजन आया तो खूब कामयाबी मिली. लोगों ने इस खूब पसंद किया. गुल्लक का पहला सीजन घर-घर में छा गया. इसके बाद इसका दूसरा सीजन 2021 में आया. वो भी हिट साबित हुआ. अब इसका तीसरा सीजन लोगों को गुदगुदाने के लिए तैयार है. जी हां, डिजिटल एंटरटेनमेंट की दुनिया में एकबार फिर मिश्रा फैमिली धमाल मचाने आ रही है. गुल्लक 3 (Gullak 3) का टीजर रिलीज हो चुका है. जमील खान, गीतांजलि कुलकर्णी, वैभव राज गुप्ता और हर्ष मायर जैसे कलाकारों की एक्टिंग से सजी इस सीरीज ने एक मिडल क्लास फैमिली की कहानी को सीधे हम तक पहुंचाया है.
गुल्लक 3 को लेकर GNT डिजिटल ने मिश्रा फैमिली के छोटे बेटे अमन मिश्रा यानी हर्ष मायर से बात की... उन्हीं से जानते हैं कि आखिर कैसा होगा गुल्लक का तीसरा सीजन
GNT डिजिटल से बात करते हुए अमन मिश्रा उर्फ हर्ष मायर बताते हैं कि अभी टीजर आया है और पहले ही हफ्ते में लोगों का बहुत बढ़िया रिस्पांस आ रहा है. गुल्लक एक्टर्स के इंस्टाग्राम से लेकर फोन कॉल्स, मैसेज बॉक्स भी भरे हुए हैं. सभी लोग बहुत प्यार दे रहे हैं. जबकि अभी बस टीजर रिलीज हुआ है. वे कहते हैं, “दरअसल, सेकंड सीजन बहुत बड़ा हो गया था, तो लोगों को उम्मीद नहीं थी कि इतनी जल्दी तीसरा सीजन भी आ जाएगा. सबकी मेहनत है. मार्च में ही उम्मीद कर रहे हैं कि शो भी आ जाएगा.”
कैसे शुरू हुआ हर्ष का सफर?
हर्ष अपने एक्टिंग करियर का जिक्र करते हुए कहते हैं कि मेरे परिवार में दूर-दूर तक भी कोई एक्टर नहीं है. मैं बस पढ़ाई से भागना चाहता था. एक दिन मेरे मामा जी ने मुझे स्पॉट किया कि मैं लोगों की नकल बहुत अच्छी उतार लेता हूं. तब मैं बस 6-7 साल का था. उसके बाद उन्होंने मेरी मम्मी को बताया कि दिल्ली में कहां-कहां थिएटर है और वर्कशॉप होती हैं. उन्होंने मुझे वहां पर भेजा, मेरी फीस भी उन्होंने खुद दी. मुझे वहां मजा आने लगा. हालांकि मुझे तब थिएटर का मतलब भी नहीं पता था. बाई डिफ़ॉल्ट में वहां पहुंच गया और वहीं से मेरा सफर शुरू हुआ.
वे कहते हैं, “मैंने धीरे-धीरे फिल्मों-नाटक के लिए ऑडिशन देने शुरू कर दिए और फिर ऐसे ही मुझे 'आई एम कलाम' मिल गई, जो मेरी पहली फिल्म थी.”
इतनी छोटी उम्र में फेम कैसे हैंडल किया?
'आई एम कलाम' फिल्म के लिए छोटी सी उम्र में ही हर्ष मायर को नेशनल अवार्ड मिल गया था. वे कहते हैं, “ मैं जब टॉम ऑल्टर सर के साथ जुड़ा और जब 'आई एम कलाम' भी रिलीज हुई, तब भी मुझे ज्यादा कुछ पता नहीं था. तब मुझे बस ये था कि ये लोग मेरी फिल्म रिलीज क्यों नहीं कर रहे हैं. मुझे जब नेशनल अवार्ड मिला तब भी मुझे यही लग रहा था कि ये सब क्या है, इसका मैं क्या करूं? मेरा बचपन इसी में बीता है. और मैं खुश हूं कि उस वक़्त मुझे ये सब कुछ पता नहीं था और इसी लिए मुझे फेम, अवार्ड्स ने अट्रैक्ट नहीं किया. 2015 के बाद में मैं मुंबई आ गया था.”
हालांकि, एक ऑडिशन का जिक्र करते हुए वे कहते हैं कि बचपन में जब वे चिल्लर पार्टी फिल्म में ऑडिशन के लिए गए थे और रिजेक्ट हो गए थे, तब उन्हें काफी दुःख हुआ था. वे उस वक़्त 10 साल के थे. हर्ष कहते हैं, “उसके लिए मैं पहली बार मुंबई गया था. मेरे साथ जो भी बच्चे गए थे दिल्ली से, उन सबका सिलेक्शन हो गया था, मैं रह गया था. तब मुझे लगा कि ये सब क्या है. उसी वक़्त मेरे पास 'आई एम कलाम' का ऑडिशन आया था. हालांकि मैं जाने के मूड में नहीं था, लेकिन पापा ने कहा कि ट्राई करने में क्या जा रहा है. जिसके बाद मुझे फिल्म मिल गई थी.”
हर्ष कहते हैं कि वे अभी भी एक्टिंग समझने की कोशिश कर रहे हैं. उनका मानना है कि एक्टिंग एक ऐसा फील्ड है जहां हर दिन रियलिटी हिट करती है. किसी अच्छे एक्ट को देख लेते हैं तो लगता है कि ये करना है. हर दिन कुछ नया सीखने को मिलता है. कुछ नया करने का मौका मिलता है.
अगर एक्टर न होते तो.....
जब हमने पूछा कि अगर आप एक्टर नहीं होते तो क्या होते? हर्ष ने हंसते हुए जवाब दिया “स्ट्रगलिंग एक्टर”. उन्होंने कहा, “ये सवाल मुझसे कई लोग पूछते हैं. मैं बस एक ही जवाब देता हूं कि अगर मैं एक्टर नहीं होता तो मैं स्ट्रगलिंग एक्टर होता. कुछ न कुछ तो कर ही रहे होते. दरअसल, मुझे नौटंकी और इन सबके अलावा कुछ नहीं आता है. मैंने जितना भी सीखा है सब बाहर से सीखा है. मैं हमेशा डायरेक्टर, प्रोड्यूसर को बोलता हूं कि आप नए एक्टर्स को लें. क्योंकि अगर वो नहीं लेंगे तो कौन लेगा. उनके करियर की शुरुआत कैसे होगी? इतनी भीड़ आ गई है, लोगों को मौका ही नहीं मिल पाता है.”
मजेदार होने वाली है गुल्लक की ये सीरीज
हर्ष 'गुल्लक' में अमन मिश्रा का किरदार निभा रहे हैं. वे कहते हैं कि मेरा ऐसा कुछ फेवरेट रोल नहीं है. मैं बस कोशिश करता हूं कि हर किरदार को अलग करूं. हां, 'गुल्लक' में अमन मिश्रा का किरदार निभाने में मुझे काफी मेहनत लगी. क्योंकि मैं एक 15-16 साल के लड़के का किरदार निभा रहा हूं. मैंने हर जॉनर के लिए काम किया है. मुझे सबसे ज्यादा मजा इस सीजन में आया है. इसमें 15 साल के एक लड़के ने गाना गाया है. वो उसने बहुत अच्छा गाया है. वो गाना मेरे ऊपर आया है.
90% से ज्यादा हिंदुस्तान 'गुल्लक' है
'गुल्लक' की सबसे खास बात ये है कि आप इसे अपनी फैमिली के साथ बैठकर देख सकते हैं. इसमें कोई प्लॉट या स्टोरी नहीं है, बस रोज मर्रा की जिंदगी जी रही एक मिडल क्लास फैमिली है, जिससे सभी लोग आसानी से जुड़ाव महसूस कर पाते हैं.
वे कहते हैं, “जब मैंने पहली बार स्क्रिप्ट पढ़ी तो समझ आया कि ये तो रियल लाइफ है. 90 प्रतिशत से ज्यादा हिंदुस्तान 'गुल्लक' है. पहला सीजन लोगों ने इतना पसंद किया, जब दूसरा लिखने लगे तो हमारे डायरेक्टर, राइटर और प्रोड्यूसर ने इसे भी एक अलग लेवल पर पहुंचाया. हमें यकीन था कि ये जरूर फूटेगा, क्योंकि 90 प्रतिशत हिंदुस्तान इससे रिलेट करेगा. शो की छोटी-छोटी बारीकियां, जैसे लड़का दूध लेकर आ रहा है, घर की मोटर ख़राब हो गई है, संडे के दिन परांठे बन रहे हैं, मां चिक-चिक कर रही है…ऐसा भला फिल्मों में कहां देखा गया है? एक मिडिल क्लास यूपी के घर में हम ये सब देखते हैं. जैसे मैं आपको बताऊं, मेरे घर में अभी भी मम्मी के दहेज में लाया हुआ टीवी पड़ा हुआ है. ऐसा ही लगभग हर घर में होता है.”
मेरा आइडियल कोई नहीं है. हर इंसान अलग है. हर किसी के लिए सफलता का रेश्यो अलग होता है. लोग मुंबई में आते हैं, तो ये सोचते हैं कि मैं शाहरुख़ खान बनूंगा, लेकिन नहीं, आप कुछ और होंगे. आप वही सफर चुनें, जो आप पूरा कर सकते हैं, और जो आपके लिए तय किया गया है.
एक्टिंग प्रोफेशन या पैशन?
दरअसल, हर्ष एक्टिंग को प्रोफेशन की तरह ही ट्रीट करते हैं. वे कहते हैं, “जब पैशन बीच में आ जाता है तो सबकुछ गड़बड़ हो जाता है. अगर हाथ पकड़ के बैठ जाओगे कि यही सबकुछ है, तो वो हाथ से निकल जाता है. और जब वो छीन जाता है तो दुःख होता है. लोग अपनी जागीर समझ लेते हैं. इसलिए मोहब्बत करो, लेकिन फिर दूर हट जाओ. मेरी एक पर्सनल लाइफ है, जिसमें वो लोग हैं जिनसे मैं प्यार करता हूं. काम के टाइम काम करता हूं और मस्ती-मजाक के टाइम मस्ती.”