कंगना रनौत हिंदी फिल्म इंडस्ट्री का ऐसा नाम है जिन्होंने अपने दम पर अपनी एक अलग पहचान बनाई है. कंगना को आज न सिर्फ उनके काम, नेटवर्थ बल्कि हर मुद्दे पर अपनी आवाज उठाने के लिए भी जाना जाता है. वह कभी भी कुछ भी बोलने से पीछे नहीं हटती हैं. उन्हें उनके बेबाक और बोल्ड अंदाज के लिए जाना जाता है. हालांकि, कंगना ने यह मुकाम रातोंरात हासिल नहीं किया है बल्कि बहुत ही छोटी उम्र से उनका संघर्ष शुरू हो गया था. आज Filmy Friday में हम आपको बता रहे हैं कंगना के सफर के बारे में.
IAS अफसर की पोती हैं कंगना
कंगना का ताल्लुक हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के छोटे से कस्बे भांवला से है. उनके पारिवार का शोबिज़ की दुनिया से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं था. उनके पिता अपना बिजनेस चलाते हैं और मां रिटायर्ड स्कूल टीचर हैं. उनके दो भाई-बहन भी हैं: अक्षत और उनकी बहन, रंगोली. कंगना के दादाजी IAS अफसर रहे हैं और बचपन से उनके घर में काफी अनुशासन रहा. बहुत छोटी उम्र से ही कंगना की शिक्षा पर फोकस किया गया और उनके माता-पिता ने उन्हें भविष्य में डॉक्टर का पेशा अपनाने के लिए प्रेरित किया.
लेकिन कंगना के सपने सिर्फ पहाड़ और वादियों तक सीमित नहीं थए बल्कि वह शोहरत के सपने देखती थीं. उन्हें दुनियाभर में अपना नाम बनाना था. अपने इस सपने को लिए वह 15 साल की उम्र में ही हिमाचल से निकलकर दिल्ली आ गईं. यहां वह फैशन की दुनिया में किस्मत आजमाना चाहती थीं. जिंदगी आसान नहीं थी लकिन कंगना ने हार नहीं मानी और मॉडलिंग की दुनिया में कदम रखा.
अनुराग बसु ने दिया पहला ब्रेक
दिल्ली में कंगना मॉडलिंग की दुनिया को जितना समझ रही थीं, उतना ही उन्हें लगने लगा कि वह किसी और चीज के लिए बनी हैं. बचपन से ही बागी स्वाभाव रखने वाली कंगना ने कुछ समय बाद एक्टिंग में हाथ आजमाने का फैसला किया. इसके बाद वह अस्मिता थिएटर ग्रुप से जुड़ गईं और मशहूर थिएटर डायरेक्टर अरविंद गौड़ से ट्रेनिंग ली. कंगना जब 19 साल की थीं तब डायरेक्टर अनुराग बसु की नजर उनपर पड़ी.
अनुराग ने उन्हें अपनी फिल्म, गैंगस्टर में कास्ट किया. फ्रेशर होने के बावजूद कंगना इस फिल्म के लिए सुर्खियां बटोरने में कामयाब रहीं. उनकी यह फिल्म क्रिटिक्स की नजरों में काफी अच्छी रही. फिल्म के लिए कंगना दिल्ली से मुंबई शिफ्ट हो गई. यहां उन्होंने फिर से आशा चंद्रा के ड्रामा स्कूल में चार महीने का कोर्स किया. गैंगस्टर के अच्छे प्रदर्शन से कंगना छोटी ही सही पर अपनी जगह बनाने में कामयाब रही.
Female-Centric फिल्में
कंगना ने कई ऐसी फिल्में की जिनमें उन्हें क्रिटिक्स की सराहना मिली. उन्होंने 'लाइफ इन अ मेट्रो', 'फैशन', 'वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई', 'नॉक आउट', 'तनु वेड्स मनु रिटर्न्स' जैसी कई शानदार फिल्मों में कंगना ने अपनी छाप छोड़ी. इसके बाद उन्होंने रास्कल, तेज (2012), 'शूट आउट एट वडाला' (20113), 'क्वीन' (2013), 'रज्जो' (2013) जैसी कई फिल्मों में काम किया.
खासतौर पर क्वीन फिल्म के लिए आज भी उनकी तारीफ होती है. बहुत से लोगों के हिसाब से क्वीन उन फिल्मों में से एक है, जिन्होंने इंडस्ट्री को भरोसा दिया कि सिर्फ हिरोइन के दम पर भी फिल्म चल सकती है. कंगना ने क्वीन के बाद कई ऐसी फिल्मों में काम किया है जो फीमेल-सेंट्रिक हैं जैसे पंगा, थलाइवी, धाकड़ आदि. इन सभी फिल्मों के लिए उन्हें सराहना मिली है. कंगना खुद भी फीमेल सेंट्रिक फिल्मों को प्रमोट करने के लिए आगे रही हैं. फिल्मों के अलावा कंगना अपने बयानों के लिए भी काफी पॉपुलर हैं. लोग अक्सर उनसे पंगे लेते हुए डरते हैं क्योंकि वह पलटकर जवाब देने से पीछे नहीं हटती हैं.