बॉलीवुड में अपने करियर के पीक पर कई कलाकार अचानक इंडस्ट्री से गायब हो गए. सबके इंडस्ट्री छोड़ने के अलग-अलग कारण थे. ऐसी ही एक अभिनेत्री रही हैं नीता मेहता. नीता मेहता ने 70 और 80 के दशक में बॉलीवुड में तहलका मचा दिया था लेकिन अचानक फिल्मों को अलविदा कह साध्वी बन गईं. फिल्मी फ्राइडे (Filmy Friday) में आज जिस एक्ट्रेस की बात कर रहे हैं वो बहुत ही पढ़े लिखे फैमिली से हैं लेकिन पढ़ाई में उनकी जरा भी दिलचस्पी नहीं रही. वो एक्ट्रेस बनना चाहती थीं इसलिए अपना साकार करने के लिए अपने परिवार के खिलाफ भी गई.
बचपन से एक्टर बनना चाहती थीं नीता
1956 में नीता मेहता (Neeta Mehta) का जन्म एक गुजराती परिवार में हुआ. उनके पिता बैरिस्टर और मां डॉक्टर थीं. नीता की स्कूली पढ़ाई मुंबई में हुई. एक्टिंग में दिलचस्पी होने की वजह से नीता ने स्कूल के बाद FTII ज्वाइन कर लिया. नीता मेहता की पहली फिल्म थी पोंगा पंडित. जोकि 1975 में रिलीज हुई. इस फिल्म में उनके अपोजिट रणधीर कपूर थे. ये फिल्म हिट साबित हुई तो नीता मेहता को ढूर सारे मौके भी मिले. इसके बाद नीता मेहता ने 'ईंट का जवाब पत्थर', 'मंगल पांडे', 'ये है जिंदगी', 'आखिरी इंसाफ', 'कामचोर', 'रिश्ता कागज का', 'जानी दुश्मन', 'हीरो' और 'सल्तनत' समेत कई फिल्में कीं. ये सभी फिल्में हिट रहीं.
संजीव कुमार से करना चाहती थीं शादी
नीता मेहता ने अपने जमाने के हर बड़े एक्टर के साथ काम किया. उन्होंने संजीव कुमार के साथ 4 फिल्मों में काम किया. साथ काम करते-करते दोनों एक दूसरे को दिल दे बैठे. संजीव कुमार और नीता मेहता एक दूसरे से शादी भी करना चाहते थे लेकिन संजीव कुमार की एक शर्त ने इस रिश्ते को हमेशा के लिए खत्म कर दिया. दरअसल संजीव कुमार नहीं चाहते थे कि उनकी होने वाली पत्नी फिल्मों में काम करे. उन्होंने यही बात नीता से कही. फिर क्या था नीता मेहता ने शादी से ही इनकार कर दिया. और इस तरह दोनों की प्रेम कहानी अधूरी रह गई.
सपोर्टिंग रोल में भी आईं नजर
80 के दशक तक आते आते उन्हें लीड रोल मिलना बंद हो गए. इसके बाद उन्होंने कैरेक्टर रोल करने शुरू कर दिए. करीब 40 फिल्मों में वो कभी बड़ी बहन तो कभी भाभी के रोल में दिखाई दीं. नीता मेहता ने पोंगा पंडित, मैं तुलसी तेरे आँगन की, हम से बढ़कर कौन, ख़ून की टक्कर, नारी, राम की गंगा, कामचोर, रिश्ता कागज का, सल्तनत जैसी फिल्मों में काम किया है.
फिल्में छोड़ पकड़ ली आध्यात्म की राह
फिल्मों में काम करने के बाद नीता मेहता ने अपना ज्वैलरी बिजनेस शुरू किया. एक दिन अचानक वह फिर सबकुछ छोड़कर साध्वी बन गईं. नीता मेहता ने अब अपना नाम भी बदल लिया है. अब लोग उन्हें स्वामी नित्यानंद गिरी के नाम से जानते हैं. उनका यूट्यूब चैनल भी है, जहां वह अपनी जिंदगी के अनुभव शेयर करती रहती हैं.