

महेश भट्ट फिल्म इंडस्ट्री के जाने माने डायरेक्टर रहे हैं. उन्होंने कई बेहतरीन फिल्में बनाई. इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि महेश भट्ट अपनी फिल्मों में भारतीय महिलाओं की आजादी की वकालत करते रहे हैं. उन्होंने अपनी ज्यादातर फिल्मों को खुद की जिंदगी से प्रेरित बताया. महेश भट्ट फिल्मों के लिए जितना चर्चाओं में रहे, उतना ही विवादों के कारण सुर्खियों में छाए.
एक विवाद तो ऐसा रहा जिसमें खुद महेश भट्ट के पिता ने ही उन्हें नोटिस भेज दिया था. क्या था ये किस्सा और क्यों ताउम्र महेश भट्ट और उनके पिता नानाभाई भट्ट में अनबन रही चलिए बताते हैं.
महेश भट्ट की ज्यादातर फिल्में नाजायज औलाद या पति पत्नी के रिश्तों पर बनाई. महेश भट्ट ने 'अर्थ' फिल्म में अपनी जिंदगी की कहानी को पेश किया था. 'अर्थ' की सफलता के बाद उन्होंने अपनी जिंदगी के कुछ किस्सों को फिल्म की कहानियों में डाल दिया. जिसमें से एक फिल्म थी 'जख्म'.
मां की जिंदगी पर बनाई फिल्म जख्म
जब उन्होंने 'जख्म' फिल्म अनाउंस की तो उसका नाम रखा शिरीन. शिरीन महेश भट्ट की मां का नाम था. इस फिल्म को प्रमोट करते हुए महेश भट्ट ने ये कहा कि उनकी मां शिरीन और उनके पिता नाना भाई भट्ट की शादी अवैध थी क्योंकि कोई भी हिंदू ब्याहता पत्नी के होते दूसरी पत्नी नहीं रख सकता है इसलिए वो नाना भाई भट्ट की अवैध संतान हैं. बाद में इस फिल्म का टायटल शिरीन से बदलकर 'जख्म' कर दिया गया.
अपने ही पिता ने नोटिस छपवाया...
महेश भट्ट की इस बयानबाजी से उनके पिता बहुत आहत हुए और उन्होंने ट्रेड मैगजीन में महेश भट्ट की पब्लिसिटी के खिलाफ नोटिस छपवाया कि महेश भट्ट मेरी पहली पत्नी हेमलता की संतान हैं और शिरीन से मैंने अवैध शादी नहीं की है. क्योंकि जब मैंने शिरीन से शादी की थी तब भारत में हिंदू मैरिज एक्ट लागू नहीं था. फिल्म 'जख्म' साल 1998 में रिलीज हुई. इसे बेस्ट फिल्म, बेस्ट स्टोरी का अवॉर्ड मिला. इस फिल्म ने अजय देवगन को उनके करियर का पहला नेशनल अवॉर्ड दिलवाया था. फिल्म को हिट रही लेकिन इससे महेश भट्ट और उनके पिता के रिश्ते बेहद खराब हो गए.
पिता से उम्रभर बिगड़े रहे रिश्ते
महेश भट्ट अपने पिता से उम्रभर सिर्फ इसलिए नाराज रहे क्योंकि उन्होंने जीते-जी महेश की मां को कभी भी पत्नी का दर्जा नहीं दिया. इतना ही नहीं जब 1998 में महेश की मां शिरीन भट्ट का इंतकाल हुआ तो उन्होंने कब्रिस्तान जाने से इनकार कर दिया था. क्योंकि नाना भाई भट्ट ब्राह्मण फैमिली से आते थे, और महेश के अनुसार उनका धर्म उन्हें ऐसा करने की इजाजत नहीं देता. महेश भट्ट ने अरबाज खान के चैट शो 'द इनविन्सिबल्स विद अरबाज खान' में बताया था कि उनके पिता ने उनकी मां के मरने के बाद उनकी मांग भरी थी जबकि शिरीन चाहती थीं कि नाना भाई भट्ट उन्हें दुनिया के सामने स्वीकार करें. चूंकि नाना भाई पहले से ही शादीशुदा था इसलिए उन्होंने शिरीन को कभी पत्नी का दर्जा नहीं दिया.
पत्नी के होते हुए चलाया अफेयर...
महेश भट्ट कई बार यह कह चुके हैं कि उनका बचपन बेहद मुश्किलों भरा रहा. जिस बात को लेकर वो अपने पिता से उम्रभर नाराज रहे खुद महेश भट्ट ने भी अपनी पहली पत्नी किरण के साथ वही किया. किरण के साथ रिश्ते में होते हुए महेश का अफेयर सोनी राजदान और परवीन बाबी से रहा. हालात इतने बिगड़ गए कि महेश भट्ट ने परवीन के लिए अपना परिवार ही छोड़ दिया. बाद में महेश परवीन बाबी से भी अलग हो गए और फिर उनकी जिंदगी में आईं सोनी राजदान. कुछ साल रिश्ते में रहने के बाद उन्होंने अपनी पहली पत्नी को तलाक दिए बिना सोनी राजदान से शादी कर ली. सोनी से शादी करने के लिए महेश भट्ट ने अपनी मां का धर्म अपना लिया. अशरफ भट्ट (महेश भट्ट) और सकीना (सोनी राजदान का मुस्लिम नाम) से ने 1988 में अपनी पहली बेटी शाहीन और 1993 में अपनी दूसरी बेटी आलिया का स्वागत किया.