आदिल हुसैन एक भारतीय अभिनेता हैं जिन्होंने आर्ट हाउस सिनेमा और मेनस्ट्रीम बॉलीवुड के साथ अंतर्राष्ट्रीय सिनेमा में काम किया है. उन्होंने द रिलक्टेंट फंडामेंटलिस्ट और लाइफ ऑफ पाई (दोनों 2012) जैसी फिल्मों में काम किया है. आदिल को होटल साल्वेशन और मेजर रति केटेकी के लिए 2017 के नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार (विशेष जूरी) भी मिला है.
आदिल ने अंग्रेजी, हिंदी, असमिया, बंगाली, तमिल, मराठी, मलयालम, नॉर्वेजियन और फ्रेंच फिल्मों में अभिनय किया है. फिल्मों में अपना सफर शुरू करने से पहले, नेशनल ड्रामा स्कूल के छात्र रहे हैं. आदिल हुसैन को थिएटरों और नाटकों में काम करने का भी व्यापक अनुभव है.
आज हुसैन उन भारतीय अभिनेताओं में से एक हैं, जिन्हें फिल्मों में अपने शानदार अभिनय के लिए जाना जाता है. उनकी इन बेहतरीन फिल्मों को आप अपनी वॉच लिस्ट में शामिल कर सकते हैं.
1. इश्किया
अभिषेक चौबे की इश्किया में आदिल हुसैन के किरदार, विद्याधर वर्मा को भले ही सह-कलाकारों विद्या बालन, नसीरुद्दीन शाह या अरशद वारसी की तरह स्क्रीन टाइम नहीं मिला. लेकिन फिर भी वह दर्शकों का दिल जीतने में कामयाब रहे. आदिल के अभिनय ने फिल्म के स्तर को उठा दिया.
2. गणगौर
प्रसिद्ध बंगाली लेखिका महाश्वेता देवी की कहानी से अनुकूलित इटालो स्पिनेली का गणगौर में आदिल ने एक उदार फोटो जर्नलिस्ट, उपिन का किरदार निभाया है. वह महिलाओं के खिलाफ हिंसा की कहानी को कवर करने के लिए ग्रामीण बंगाल के एक गांव का दौरा करते हैं. लेकिन फिल्म में वह एक गांव की महिला गणगौर (प्रियंका बोस) के सांवले रूप पर आकर्षित हो जाता है. वह गणगौर की अपने बच्चे को स्तनपान कराते हुए तस्वीर क्लिक करता है और यहीं से शुरू होता है एक संघर्ष. फिल्म में उपिन की अनैतिकता का तीखा और तीक्ष्ण चित्रण कायल है.
3. अरुणोदय
पार्थो सेन-गुप्ता की अरुणोदय में आदिल हुसैन ने एक पुलिसकर्मी, लक्ष्मण जोशी भूमिका निभाई है. इसमें लक्ष्मण की पीड़ा और अपराध को दर्शाया गया है, जिसकी छोटी बेटी गायब है. लक्ष्मण अपनी बेटी को खोजने के लिए एक व्यवस्थित खोज पर निकल पड़ते हैं और उसके बाद की घटनाएं अरुणोदय को एक मध्यमवर्गीय परिवार के भावनात्मक जीवन पर आधारित फिल्म बनाती हैं.
4. द वायलिन प्लेयर
बौधायन मुखर्जी की इस फिल्म में आदिल एक अजीब फिल्म निर्माता की भूमिका निभाते हैं. आदिल के हावभाव और भावनाओं ने फिल्म का स्तर उठा दिया. फिल्म में उनकी भावुक अभिव्यक्ति, तनाव दर्शकों को फिल्म से जोड़े रखती है.
5. मुक्ति भवन
इस फिल्म में अदिल ने राजीव क किरदार निभाया है. और राजीव एक जटिल सामाजिक और मनोवैज्ञानिक स्थिति में फंसता है जब उन्हें अपने वृद्ध पिता के साथ मुक्ति भवन जाना पड़ता है. आदिल की परफॉर्मेंस फिल्म में ऐसी है कि मानो वह हमारे दैनिक जीवन को छू रहे हों. आदिल हुसैन को मुक्ति भवन और मेजर रति केतकी के लिए 64 वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में जूरी सदस्यों के प्रशस्ति पत्र के साथ एक विशेष उल्लेख मिला, जिसमें कहा गया है, 'दो अलग-अलग फिल्में, दो अलग-अलग किरदार, एक ही अभिनेता. एक शब्द शानदार.'