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Happy Birthday Arun Govil: सिगरेट पीता देख फैन ने सुनाई थी खरी-खोटी, कहा हम तुम्हे भगवान मानते हैं और तुम....

Arun Govil Birthday: रामायण में श्रीराम का किरदार निभाने से पहले अरुण गोविल ने कई फिल्मों में भी काम किया था. लेकिन जो प्रसिद्धि उन्हें इस किरदार के लिए मिली वह किसी अन्य किरदार के लिए कभी नहीं मिली. आज भी उन्हें हर जगह राम के नाम से ही जाना जाता है. इसलिए आज उनके जन्मदिन के मौके पर हम आपको बता रहें हैं उनसे जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से.

Arun Govil Aka Shri Ram Arun Govil Aka Shri Ram
हाइलाइट्स
  • स्माइल ने बना दिया ‘भगवान’

  • सिगरेट पीता देख फैन ने सुनाई खरी-खोटी

  • विदेशों में भी पैर छूने लगते थे लोग

‘सीता राम चरित अति पावन 
मधुर सरस अरु अति मनभावन 

पुनि-पुनि कितनेहु सुने सुनाये 
हिय की प्यास बुझत न बुझाये’

इन पंक्तियों को सुनते ही हमारे मन में रामायण की यादें ताजा हो जाती हैं. श्री राम और रामायण की बात जहां भी हो लेकिन हमारे मन में रामानंद सागर की रामायण के राम, सीता और लक्ष्मण की ही छवि आती है. हालांकि उनकी रामायण के बाद कई अलग-अलग चैनल्स ने रामायण आधारित टीवी शो बनाए हैं. लेकिन दूरदर्शन की रामायण को कोई नहीं धुंधला सका. 

और इसका श्रेय जाता है अरुण गोविल (arun govil) जैसे बेहतरीन कलाकारों को, जिन्होंने ऐसा अभिनय किया कि अब भारतीयों को उनके अलावा और कोई ‘राम’ नहीं दिखता है. रामायण में श्रीराम का किरदार निभाने से पहले अरुण गोविल ने कई फिल्मों में भी काम किया था. 

लेकिन जो प्रसिद्धि उन्हें इस किरदार के लिए मिली वह किसी अन्य किरदार के लिए कभी नहीं मिली. आज भी उन्हें हर जगह राम के नाम से ही जाना जाता है. इसलिए आज उनके जन्मदिन के मौके पर हम आपको बता रहें हैं उनसे जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से.

स्माइल ने बना दिया ‘भगवान’

12 जनवरी 1958 में उत्तर प्रदेश के मेरठ में जन्मे अरुण गोविल को हमेशा से अभिनय का शौक रहा. उनके पिता चाहते थे कि वह सरकारी नौकरी करें लेकिन अरुण ने अभिनय की राह चुनी. रामायण में काम करने से पहले तक वह एक सामान्य अभिनेता थे. 

उन्होंने बहुत-सी फिल्मों में काम किया था लेकिन लोगों के बीच बहुत ज्यादा मशहूर नहीं थे. पर श्रीराम का किरदार जब उन्हें मिला तो उन्हें लगा कि वह कैसे इस किरदार में जान डालें क्योंकि यह कोई आम इंसान नहीं बल्कि भगवान का किरदार है. 

कपिल शर्मा शो में उन्होंने इस बारे में बताया और कहा कि इस किरदार के लिए उन्होंने अपनी ‘स्माइल’ को इस्तेमाल किया. क्योंकि एक बार उन्हें सूरज बड़जात्या ने कहा था कि उनकी स्माइल बहुत खास और अलग है. इसलिए परदे पर किसी खास रोल के लिए इसका इस्तेमाल करें और श्री राम के किरदार के लिए उन्होंने इसी स्माइल का इस्तेमाल किया, जिसने उन्हें आम से अलग ‘भगवान’ बना दिया.

जब मैगज़ीन करवाना चाहतीं थीं ‘सेंसुयस फोटोशूट’

कपिल शर्मा शो के दौरान अरुण गोविल ने कई बातों का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि साल 1987 में रामायण सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि और भी कई देशों में मशहूर हुई थी. रामायण की सफलता ने पूरी कास्ट को रातोंरात सितारा बना दिया था. 

खासकर कि अरुण गोविल, दीपिका चिखलिया और सुनील लहरी की पॉपुलैरिटी बहुत ही ज्यादा थी. जिसे देखते हुए बहुत सी मैगज़ीन अक्सर उनसे फोटोशूट के लिए संपर्क करती थीं. अरुण ने कहा कि कई बड़ी मैगज़ीन उनसे और अन्य साथी कास्ट से ‘सेंसुयस’ फोटोशूट करवाना चाहती थीं. जैसे हाथ में व्हिस्की का गिलास लिए हुए पोज़ आदि. 

जिसके लिए वे बड़ी से बड़ी रकम देने को तैयार थे. लेकिन अरुण और उनके अन्य साथी कलाकार रामायण के बाद आई जिम्मेदारी को समझते थे. वे जानते थे कि आम लोग अब उन्हें भगवान राम से जोड़ते हैं और इसलिए वे ऐसा कुछ नहीं करेंगे जिससे लोगों का भरोसा और श्रद्धा टूटे. इसलिए उन्होंने इस तरह के काम के लिए बिल्कुल मना कर दिया.

सिगरेट पीता देख फैन ने सुनाई खरी-खोटी: 

रामायण के बाद अरुण ने कई हिंदी, तमिल और अन्य भाषाओं की फिल्मों में अलग-अलग भगवान के किरदार निभाए. एक बार वह दक्षिण भारत में किसी तमिल फिल्म के लिए शूट कर रहे थे. उन दिनों उन्हें सिगरेट पीने की लत थी. 

वह शूट के बाद ब्रेक में जाकर सिगरेट पीते थे. एक दिन एक शख्स उन्हें सिगरेट पीता देख उनके पास आया और अपनी भाषा में उनसे कुछ कहने लगा. अरुण को उनकी भाषा समझ नहीं आई पर उनके हाव-भाव से समझ गए कि वह शख्स उन्हें कुछ खरी-खोटी सुना रहा है. 

अरुण के उनकी बात समझने के लिए सेट से एक दूसरे व्यक्ति को बुलाया और पूछा कि वह शख्स क्या कह रहा है. तब उन्हें पता चला कि वह शख्स कहना चाह रहा है कि हम तुम्हे भगवान समझते हैं और तुम यहां सिगरेट पी रहे हो. इसके बाद अरुण ने कभी भी सिगरेट को हाथ नहीं लगाया.

विदेशों में भी पैर छूने लगते थे लोग:

रामायण की पॉपुलैरिटी इतनी थी कि अरुण, दीपिका या सुनील कहीं भी जाए तो लोग उनके पैर छूने लगते थे. हर कोई उन्हें अपने मन-मंदिर में राम, सीता और लक्ष्मण का स्थान दे चुका था. इसलिए उनके लिए अपने परिवार के साथ घूमना-फिरना भी आसान नहीं रहा और यह बात सिर्फ भारत तक सीमित नहीं थी. 

एक बार अरुण अपने परिवार के साथ मॉरीशस घूमने गए थे. वहां एक दिन वह और उनकी पत्नी होटल के बाद एक रोड क्रॉस कर रहे थे. तभी उन्हें देखकर कई गाड़ियां रुक गई. और लोग उतरकर उनके सामने हाथ जोड़कर जमीन पर लेट गए. पहले तो अरुण को कुछ समझ नहीं आया लेकिन फिर उन्होंने सभी फैंस का अभिवादन किया और धन्यवाद कहा.