बॉलीवुड इंडस्ट्री की ड्रीम गर्ल और बीजेपी से लोकसभा सांसद हेमा मालिनी आज अपना 74वां जन्मदिन मना रही हैं. हेमा मालिनी बॉलीवुड की सबसे प्रसिद्ध और सफल अभिनेत्री हैं. उन्होंने हिंदी सिनेमा में बहुत योगदान दिया है.
सिल्वर स्क्रीन के अलावा, वह एक राजनेता के रूप में भी बहुत सक्रिय हैं. 16 अक्टूबर 1948 को तमिलनाडु के अमनकुडी में जन्मीं हेमा ने बहुत कम उम्र में सिनेमा की दुनिया में कदम रखा. दक्षिण भारत से ताल्लुक रखते हुए भी उन्होंने बॉलीवुड में अपनी अलग जगह बना ली है.
इस फिल्म से किया था डेब्यू
हेमा मालिनी ने 1968 में राज कपूर के साथ फिल्म 'सपने का सौदागर' से डेब्यू किया था. इस फिल्म में उका अभिनय शानदार था और उस फिल्म के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. इसके बाद एक्ट्रेस ने 'शोले', 'सीता गीता', 'नसीब', 'जॉनी मेरा नाम', 'सत्ते पे सत्ता', 'त्रिशूल', 'क्रांति', 'प्रेम नगर' जैसी कई हिट फिल्मों में काम किया.
आज भी हर कोई हेमा मालिनी की खूबसूरती और एक्टिंग का दीवाना है, लेकिन करियर की शुरुआत में उन्हें कई बार रिजेक्शन का भी सामना करना पड़ा. उन्हें एक तमिल फिल्म निर्देशक ने यह कहते हुए रिजेक्ट किया कि वह बहुत पतली हैं. लेकिन आज हेमा ने सिनेमा में अपना लोहा मनवा लिया है.
राजेश खन्ना और धर्मेंद्र के साथ हिट रही जोड़ी
हेमा ने अपने करियर में कई बड़े सितारों के साथ काम किया, लेकिन कुछ के साथ उनकी जोड़ी काफी हिट रही, जैसे राजेश खन्ना और धर्मेंद्र. हेमा ने सुपरस्टार राजेश खन्ना के साथ 10 हिट फिल्में दीं, जबकि धर्मेंद्र के साथ उन्होंने 35 फिल्मों में काम किया.
'ड्रीम गर्ल' हेमा मालिनी का सिनेमा से राजनीति तक का सफर बेहद दिलचस्प रहा है. वह वर्तमान में उत्तर प्रदेश के मथुरा से सांसद हैं। हालांकि कम ही लोग जानते हैं कि हेमा कभी भी राजनीति में नहीं आना चाहती थीं.
इस अभिनेता ने दिखाया राजनीति का रास्ता
हेमा मालिनी को न तो उनके पति धर्मेंद्र और न ही परिवार के किसी अन्य सदस्य ने राजनीति में आने का कोई सुझाव दिया. बल्कि हेमा को राजनीति की राह दिखाने वाले थे विनोद खन्ना. साल 2017 में जब विनोद खन्ना का निधन हुआ तो हेमा मालिनी उनका जिक्र करते हुए भावुक हो गई थीं.
बताया जाता है कि हेमा को राजनीति के बारे में कुछ नहीं पता था. एक दिन उनके पास अभिनेता विनोद खन्ना का फोन आया. उन्होंने कहा कि वह गुरदासपुर से चुनाव लड़ रहा हैं और हेमा मालिनी से अपने चुनाव के लिए प्रचार करवाना चाहते थे. लेकिन हेमा ने तुरंत मना कर दिया, क्योंकि उन्हें राजनीति के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. बाद में, दोनों ने लंबे समय तक बातचीत की और यहीं से हेमा के राजनीतिक करियर की शुरुआत थी.