
भारतीय सिनेमा के रत्नों में से एक, मणिरत्नम (Mani Ratnam) आज अपना 66वां जन्मदिन मना रहे हैं. मणिरत्नम का जन्म 2 जून को मदुरै, तमिलनाडु में हुआ था. उनका असली गोपाल रत्नम सुब्रमण्यम है. देश ही नहीं विदेशों में भी उनका नाम बेहतरीन निर्देशकों में शुमार है.
तमिल फिल्मों की घटिया क्वालिटी देख फिल्मों में आए मणिरत्नम
मणिरत्नम एक फिल्म निर्माता, निर्देशक और स्क्रीन राइटर हैं. फिल्मों में आने से पहले वह एक कंपनी में कंसल्टेंट की नौकरी करते थे. मणिरत्नम कभी फिल्मों में नहीं आना चाहते थे लेकिन एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा था, तमिल फिल्मों की घटिया क्वालिटी मुझे इस क्षेत्र में ले आई. सिनेमा में मेरी दिलचस्पी सिर्फ एक दर्शक के तौर पर थी लकिन संयोगवश मैं इसमें आ गया. मणिरत्नम ऐसी फिल्में बनाते हैं जिसे हर वर्ग के दर्शक देख पाएं.आज हम आपके लिए मणिरत्नम की 5 बेहतरीन फिल्मों की लिस्ट लेकर आए हैं जिसे आप उनके जन्मदिन के मौके पर बिंच वॉच कर सकते हैं.
रोजा
1995 में रिलीज हुई रोजा की गिनती मणिरत्नम की बेहतरीन फिल्मों में होती है. न सिर्फ फिल्म बल्कि इसके गाने भी सुपरहिट हुए थे. फिल्म रोजा एक ऐसी लड़की की कहानी थी जो अपने पति को बचाने की कोशिश करती है. फिल्म में दिखाया गया है कि लड़की के पति को कश्मीर में आतंकवादी उठाकर ले जाते हैं. इसमें अरविंद स्वामी और मधू ने अहम भूमिका निभाई थी.
बॉम्बे
मुंबई दंगों और हिन्दू मुस्लिम वैवाहिक संबंधों पर आधारित फिल्म बॉम्बे (1995) बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट रही थी और हिंदी, तेलुगू और मलयालम तीनों भाषाओं में इस फिल्म ने खूब कमाई की थी. इस फिल्म ने दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीते थे. इसका निर्देशन मणिरत्नम् ने किया था और मुख्य भूमिका में नजर आए थे अरविन्द स्वामी और मनीषा कोइराला.
दिल से
1998 में आई मणिरत्नम की यह फिल्म लोगों को खूब पसंद आई थी. इसे क्रिटिक्स ने भी खूब पसंद किया था. दिल से की कहानी है पूर्वोत्तर भारत के उग्रवादी हादसों की. इस फिल्म का संगीत ए आर रहमान ने दिया था. शाहरुख खान, मनीषा कोईराला, प्रीति जिंटा ने इसमें अहम भूमिका निभाई थी.
गुरु
ऐश्वर्या राय और अभिषेक बच्चन स्टारर गुरु 2007 में रिलीज हुई थी. इस फिल्म की कहानी एक नौजवान लड़के की थी जो छोटे से गांव से निकलकर एक बड़ा कारोबारी बनता है. हिंदी के साथ-साथ यह फिल्म तमिल और तेलगु में भी रिलीज हुई थी.
कन्नाथिल मुथामित्तल
मणिरत्नम की इस फिल्म में आर. माधवन ने काम किया था. फिल्म ने कुल 40 पुरस्कार जीते थे. फिल्म को तमिल में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म, सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन, सर्वश्रेष्ठ ऑडियोग्राफी और सर्वश्रेष्ठ संपादन सहित छह राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिले थे. फिल्म में एक छोटी लड़की की कहानी दिखाई गई थी जिसे पता चलता है कि उसे गोद लिया गया है. बाद में वह बच्ची अपनी असली मां की खोज में निकल पड़ती है.