Piyush Mishra Birthday Special: पीयूष मिश्रा, ये नाम किसी पहचान का मोहताज नहीं है. पीयूष मिश्रा ने अपनी प्रतिभा का लोहा एक्टिंग, लिरिक्स राइटिंग, म्यूजिक, सिंगिंग और डायलॉग राइटिंग हर फील्ड में मनवाया है. मगर लोगों के बीच पॉपुलर होने में पीयूष मिश्रा को बहुत लंबा वक्त लग गया. ऐसा इसलिए क्योंकि उन्होंने एक ऐसी फिल्म का ऑफर ठुकरा दिया था जिसने रातोंरात सलमान खान को शोहरत की बुलंदियों पर पहुंचा दिया था. 13 जनवरी 1963 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में पैदा हुए पीयूष के जन्मदिन के मौके पर आइए जानते हैं उनसे जुड़ी कुछ सुनी-अनसुनी बातें.
पीयूष मिश्रा (piyush mishra) ऐसे शख्स हैं जिनके पास कई सारे टैलेंट हैं. वह गीतकार, म्यूजिक डायरेक्टर, सिंगर हैं, एक्टर और स्क्रिप्टराइटर भी हैं. वह लंबे समय तक थिएटर से भी जुड़े रहे हैं. पीयूष मिश्रा का पालन-पोषण ग्वालियर में हुआ था. पीयूष का असली नाम प्रियकांत शर्मा है. अपनी कोई संतान न होने की वजह से बुआ तारादेवी मिश्रा ने उन्हें गोद ले लिया था, जिसके बाद प्रियकांत को पीयूष मिश्रा नाम मिला. उनके घर का माहौल काफी अनुशासित था, लेकिन वह बागी भी थे और क्रिएटिव भी. 1986 में उन्होंने दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा से स्नातक किया.
'मैंने प्यार किया' का मिला था ऑफर
पीयूष मिश्रा ने अपने करियर की शुरुआत साल 1988 में टीवी सीरियल भारत एक खोज से की थी. आप सबको साल 1989 में रिलीज हुई सलमान खान की फिल्म मैंने प्यार किया तो याद होगी. पर बहुत कम लोगों को पता होगा कि ये फिल्म पहले पीयूष मिश्रा को ऑफर की गई थी. इस बात का खुलासा खुद पीयूष ने किया था. उन्होंने एक इवेंट में बताया था, "सूरज बड़जात्या ने मुझे सलमान खान और भाग्यश्री की सुपरहिट फिल्म मैंने प्यार किया ऑफर की थी. मुझे नहीं पता कि मैंने ये फिल्म क्यों नहीं की. मैंने इस बारे में सोचा भी नहीं था."
राज कुमार बड़जात्या ने दिया था कार्ड
पीयूष मिश्रा ने बताया, "मैं उस वक्त एनएसडी में हुआ करता था. एक दिन डायरेक्टर मोहन महर्षि ने मुझे अपने चैंबर में बुलाया. वहां एक आदमी बैठे हुए थे. मोहन महर्षि ने मुझे बताया कि ये राजकुमार बड़जात्या हैं. उन्हों कहा कि ये अपने बेटे सूरज बड़जात्या को बतौर डायरेक्टर लॉन्च करना चाहते हैं. हीरोइन मिल चुकी है. अब हीरो की तलाश में यहां आए हैं. बड़जात्या साहब मुझे देखकर बहुत खुश हुए. राज कुमार बड़जात्या ने मुझे अपना कार्ड दे कर कहा कि आप राजकमल कलामंदिर आइएगा और मुझसे मिलिएगा. पर मैं आज तक नहीं समझ पाया कि मैं वहां क्यों नहीं गया.'
शादी के लिए प्रिया को अगवा कर लिया था
दिल्ली में रहकर 20 साल तक थिएटर किया लेकिन उनकी पहचान बनी एक ऐसे कलाकार की जो हमेशा शराब के नशे में चूर रहता था. 1995 में तमिल आर्किटेक्ट प्रिया नारायणन से शादी के बाद उनके दोस्तों को लगा कि वह सुधर जाएंगे. लेकिन एक इंटरव्यू के दौरान खुद पीयूष ने स्वीकार किया कि शराब तो सिर्फ एक बहाना था. हकीकत में वो वह नैतिक रूप से बिल्कुल भ्रष्ट हो चुके थे. उन्हें अपनी पत्नी-बेटों किसी की चिंता नहीं थी. पीयूष और प्रिया की शादी के लिए भी उन्होंने प्रिया को बाकायदा उनके घर से अगवा कर लिया था. शादी करने के कई साल बाद तक भी पीयूष का घर प्रिया ने ही चलाया.
इलाज के लिए संस्था में रहे
एक इंटरव्यू के दौरान पीयूष ने बताया कि जब उन्हें अपनी गलतियों का एहसास हुआ तो उन्होंने पैसे कमाने के लिए मुंबई आने का फैसला किया. पर मुंबई आने के बाद भी पीयूष मिश्रा की जिंदगी में सब कुछ ठीक नहीं हो पाया. उनकी पुरानी आदतें नहीं छूटी. तब प्रिया ने इलाज के लिए उन्हें एक संस्था में लंबे समय तक रखा, जिसके बाद पीयूष के बर्ताव में कुछ बदलाव आया. पीयूष ने गैंग्स ऑफ वासेपुर, गुलाल, लाहौर, टशन जैसी कई फिल्मों के गीत लिखे. मकबूल, गुलाल, तेरे बिन लादेन, रॉकस्टार, गैंग्स ऑफ वासेपुर, पिंक, संजू जैसी फिल्मों में उन्होंने ऐक्टिंग भी की. उन्होंने गाने गाए और गजनी, लाहौर, अग्निपथ, द लेजेंड ऑफ भगत सिंह जैसी फिल्मों के संवाद भी लिखे.
आर्यन खान की रिहाई को लेकर दिया था विवादास्पद बयान
पीयूष मिश्रा के नाम के साथ कई विवाद भी जुड़े हैं. एक महिला ने पीयूष मिश्रा पर एक पार्टी के दौरान शारीरिक अभद्रता का आरोप लगाया था. पीयूष ने इसके जवाब में कहा था, 'इस घटना के बारे में मुझे कुछ भी याद नहीं है, मैंने शायद ज्यादा पी रखी होगी. लेकिन फिर भी मैं उस औरत से माफी चाहता हूं.' हाल ही में ड्रग्स केस में फंसे आर्यन खान की रिहाई को लेकर उनका बयान कंट्रोवर्सी में आ गया था. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पीयूष ने आर्यन खान की जमानत पर किए गए सवाल पर जवाब में कहा, "उसने किया, उसको जमानत भी मिल गई. बाहर आ गया है वो. अब शाहरुख खान जाने, उनका बेटा जाने या समीर वानखेड़े जाने. मुझे उससे क्या मतलब है? जो किया भुगतेंगे आप. अपने बच्चों को संभालें."