अक्सर लोग अपना एक सेटल्ड करियर बनाने के लिए अपने शौक जैसे खेल, म्यूजिक आदि को छोड़ देते हैं. लेकिन यह कहानी है एक ऐसे शख्स की जिन्होंने अपने पैशन के लिए अपने सेटल्ड करियर को छोड़ दिया. स्कूल के दिनों में नेशनल लेवल पर बास्केटबॉल खेलने वाले और फिर आयुर्वेद में एम.डी की डिग्री लेने लेने वाले विनीत कुमार सिह के लिए किसी ने नहीं सोचा होगा कि वह एक दिन एक्टर के तौर पर जाने जाएंगे.
विनीत कुमार को 'मुक्केबाज' फिल्म के लिए जाना जाता है जिसमें उन्होंने बॉक्सर का किरदार निभाया था. और अब लोगों के बीच उनकी वेब सीरीज, 'रंगबाज: डर की राजनीति' को चर्चे हैं. सिर्फ 21 साल की उम्र में 'पिता' मूवी से फिल्मों में डेब्यू करने वाले विनीत की एक्टिंग का सफर बहुत ही दिलचस्प और मुश्किलों भरा है. आज उनके 38वें जन्मदिन पर हम आपको बता रहे हैं विनीत की डॉक्टर से एक्टर बनने तक की कहानी.
बास्केटबॉल के रहे हैं शानदार खिलाड़ी
मूल रूप से वाराणसी के रहने वाले विनीत एक राजपूत परिवार से आते हैं. विनीत शुरू से पढ़ाई और खेल में अच्छे थे. वह शानदार बास्केटबॉल प्लेयर हैं, और नेशनल लेवल तक मैच खेल चुके हैं. पढ़ाई और खेल में अच्छा होने के बावजूद विनीत को हमेशा से एक्टिंग का शौक रहा. वह नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में जाना चाहते थे लेकिन घरवाले नहीं माने.
ऐसे में, उन्होंने सीपीएमटी की परीक्षा पास कर आयुर्वेद की डिग्री में दाखिला लिया. ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने एमडी भी की. और वह एक लाइसेंस मेडिकल प्रैक्टिशनर भी हैं. लेकिन मेडिकल प्रैक्टिस की बजाय उन्होंने अपने अभिनय में हाथ आजमाया. और सुपरस्टार टैलेंट हंट में हिस्सा लेने मुंबई पहुंच गए.
कई साल बाद मिला लीड रोल
इस टैलेंट हंट शो के जज एक्टर-डायरेक्टर महेश मांजरेकर थे. शो में विनीत की परफॉरमेंस से प्रभावित होकर उन्होंने विनीत को संजय दत्त स्टारर फिल्म ‘पिता’ में रोल दिया. हालांकि, इस फिल्म के न चलने के कारण विनीत को भी खास कामयाबी नहीं मिली. इसके बाद भी वह मंजरेकर से जुड़े रहे. और ‘विरुद्ध’ व ‘देह’ फिल्मों में एसोसिएट डायरेक्टर के तौर पर काम किया.
पर विनीत को एक्टिंग करनी थी इसलिए उन्होंने भोजपुरी सीरियल्स तक में काम किया. हालांकि, फिर उन्हें फिल्म ‘सिटी ऑफ गोल्ड’ और अनुराग कश्यप के साथ ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ करने का मौका मिला. इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. साल 2018 में लंबे इंतजार के बाद उन्हें 'मुक्केबाज' में लीड रोल करने का मौका मिला. इसके बाद उन्होंने गोल्ड, सांड की आंख, आधार, गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल जैसी फिल्मों में काम किया है.