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India Today Conclave 2025: बिजनेस हो या खेल... हर जगह अच्छा कर रहीं महिलाएं... फिर भी फिल्मों में महिला और पुरुष के बीच दिखता है बड़ा गैप... जानें और क्या बोलीं ये दिग्गज हस्तियां

India Today Conclave 2025 में शॉर्क टैंक जज व एमक्योर फॉर्मा के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर नमिता थापर, सारेगामा की वाइस चेयरपर्सन अवर्णा जैन और इंडियन टेलीविजन एकेडमी की चेयरपर्सन अनु रंजन ने बिजनेस से लेकर फिल्मी जगत में महिलाओं के सामने आ रही चुनौतियों पर बात की. आप भी जानिए क्या बोलीं ये दिग्गज हस्तियां. 

Namita Thapar, Anu ranjan and Avarna jain (India Today Conclave 2025) Namita Thapar, Anu ranjan and Avarna jain (India Today Conclave 2025)

इंडिया टुडे कॉनक्लेव 2025 (India Today Conclave 2025) के दूसरे दिन शनिवार (8 मार्च) को शॉर्क टैंक जज व एमक्योर फॉर्मा के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर नमिता थापर, सारेगामा की वाइस चेयरपर्सन अवर्णा जैन और इंडियन टेलीविजन एकेडमी की चेयरपर्सन अनु रंजन ने शिरकत की. तीनों दिग्गज हस्तियों ने महिलाओं के सामने आ रहीं परेशानियों पर खुलकर बात कीं. नमिता थापर ने जहां बिजनेस में आ रही चुनौतियों के बारे में बताया तो वहीं अवर्णा जैन और अनु रंजन ने कहां महिलाएं चाहे बिजनेस हो या खेल या कोई और सेक्टर्स हर जगह अच्छा कर रही हैं. इसके बावजूद फिल्मों में महिला और पुरुष के बीच बड़ा गैप दिखता है. 

...तो इसलिए भी अपने करियर से पीछे हट जाती हैं महिलाएं 
इंडियन टेलीविजन एकेडमी (Indian Television Academy) की अध्यक्ष अनु रंजन ने कहा कि आज किसी भी मायने में महिलाएं पुरुषों से कम नहीं हैं. हर काम में वें पुरुषों से कंधा से कंधा मिलाकर चल रही हैं. कई सेक्टर्स में काफी चुनौतियां होने के बावजूद महिलाएं बेहतर कर रही हैं. उस काम में अपना शत प्रतिशत दे रहीं हैं. अनु रंजन ने बताया कि कुछ महिलाएं अपने पुरुष साथी के पर्याप्त कमाई करने के बाद अपने गतिमान करियर को बीच में ही छोड़ देती हैं. यह बिल्कुल ही सही नहीं है. राजनीति से लेकर बिजनेस और खेल तक महिलाएं अपनी पहचान बनाई हैं. ऐसे में हमें महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए उत्साहित करना चाहिए. आज के समय में महिलाओं को क्लियर है कि उन्हें भविष्य में क्या करना हैं. 

इंडियन टेलीविजन एकेडमी की अध्यक्ष अनु रंजन ने कहा टेलीविजन की दुनियां में महिलाएं अपना सिक्का जमा चुकी हैं. वे कई  धारावाहिकों में मुख्य भूमिका निभा रही हैं. आपने काम से आज वे कई लोगों की रोल मॉडल बन चुकी हैं. टीवी ने जेंडर चेंज परसेप्शन को बदला है. अनु रंजन ने बताया कि टेलीविजन की दुनिया ने भले ही महिलाओं के जीवन को बदला है लेकिन फिल्म और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर अभी भी एक बड़ा गैप दिखाई देता है. अनु रंजन ने कहा कि शहरी इलाकों में कामकाजी महिलाओं की संख्या कम हो रही है और ग्रामीण इलाकों में कामकाजी महिलाओं की संख्या बढ़ रही है. वो अलग बात है कि वह घर से ही काम कर रही हैं.

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महिलाएं कर रहीं लीड
सारेगामा की वाइस चेयरपर्सन अवर्णा जैन ने कहा कि महिलाएं छोटी जगहों से आ रहीं हैं और कई सेक्टर्स में लीड रोल निभा रही हैं. हर जगह महिलाएं सेंटर में हैं और लार्ज नंबर में महिलाएं लीड कर रही हैं.

बिजनेस की सफतला इस बात पर होनी चाहिए आधारित
शॉर्क टैंक जज और एमक्योर फॉर्मा के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर नमिता थापर ने कहा कि किसी भी बिजनेस में सफलता का असली पैमाना परफॉर्मेंस होना चाहिए न कि जेंडर्स. कॉर्पोरेट जगत में 25 साल बिता चुकीं नमिता थापर ने कहा कि चुनौतियां तो अभी भी हैं, लेकिन सफलता का अंतिम पैमाना नंबर्स ही होने चाहिए.

नमिता थापर ने 'बैरियर ब्रेकिंग एंड बिल्डिंग लिगेसी' पर कहा कि बिजनेस महिला या पुरुष कोई भी चलाए, मुख्य फोकस इस बात पर होना चाहिए कि बिजनेस सफलता के साथ चल पा रहा है या नहीं. वित्तीय परिणाम बिजनेस की सफलता में खास रोल निभाते हैं. उन्होंने कहा कि मैं अक्सर कंपनी के रेवेन्यू, प्रॉफिट, फाउंडर्स वर्क और सेक्टर्स पर फोकस रखते हुए निवेश करती हूं.