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#Filmy Friday Jeetendra: हीरोइन के बॉडी डबल बनकर इंडस्ट्री के सुपरस्टार बने थे जितेंद्र...100 रुपए मिलती थी तनख्वाह, आज हैं 1512 करोड़ की संपत्ति के मालिक

बॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेसेस के साथ सिल्वर स्क्रीन पर जबरदस्त केमिस्ट्री शेयर करने वाले जितेंद्र अपनी खास ड्रेसिंग सेंस के लिए जाने जाते हैं. जितेंद्र ने अपने फिल्मी करियर में कई हिट फिल्में दीं. उनकी जोड़ी रेखा, हेमा मालिनी, श्रीदेवी, जया प्रदा सबके साथ पसंद की गई.

Filmy Friday Jeetendra Filmy Friday Jeetendra

जितेंद्र को बॉलीवुड में अपनी शानदार एनर्जी और डांस मूव्स के लिए जाना जाता है. इसी वजह से उन्हें 'बॉलीवुड के जंपिंग जैक' के नाम से भी जाना जाता है. उनकी एक्टिंग स्किल्स के अलावा, उनकी यूनीक स्टाइल और जो वो सफेद जूते पहनते थे, उस पर करोड़ो फैंस अपनी जान देते थे. जीतेंद्र इतने फेमस हुए कि उनके पहने हुए कपड़ों को भारतीय बाजार में बेचा जाने लगा था. जितेंद्र ने अपने फिल्मी करियर में करीब 121 हिट फिल्में दीं. उनकी जोड़ी उस समय की जानी मानी अभिनेत्री रेखा, हेमा मालिनी, श्रीदेवी, जया प्रदा सबके साथ पसंद की गई. उन्होंने 60 से लेकर 90 के दशक लगभग हर लीडिंग एक्ट्रेस के साथ काम किया. आगे जाकर जितेंद्र फिल्में भी प्रोड्यूस करने लगे और इस प्रोडक्शन हाउस से उन्हें मोटी कमाई हुई. हालांकि एक समय ऐसा भी आया जब जितेंद्र फिल्में प्रोड्यूस करते हुए दो बार दिवालिया होने की कगार पर आ गए. हालांकि उन्होंने हर एक मुश्किल का सामना किया और दमदार वापसी की. आज वो 1512 करोड़ रुपए की संपत्ति के मालिक हैं.

बचपन से देखी गरीबी
जितेंद्र का जन्म 7 अप्रैल 1942 को अमृतसर में ज्वेलरी बेचने वाले अमरनाथ के घर हुआ था. बचपन में उन्हें रवि कपूर नाम दिया गया था, लेकिन फिल्मों में आने से पहले उन्होंने अपना नाम बदलकर जितेंद्र रख लिया. जितेंद्र 20 सालों तक गोरेगांव में मुंबई के चॉल में रहते थे. 4 मंजिला इमारत में जितेंद्र 80 परिवारों के साथ रहते थे. गरीबी का आलम ऐसा था कि जब जितेंद्र के घर में पंखा लगा तो पूरी चॉल के लोग पंखा देखने घर आ गए. उन्होंने मुंबई के सेंट सिबेस्टियन स्कूल से पढ़ाई की जहां उन्हें राजेश खन्ना का साथ मिला. 

कैसे मिली पहली फिल्म
जितेंद्र के पिता फिल्म इंडस्ट्री में जूलरी सप्लाई किया करते थे. जितेंद्र अपने पिता की मदद करते थे. इसके लिए वो फिल्ममेकर वी शांताराम को भी जूलरी सप्लाई करते थे तब उन्हें सेलरी के तौर पर 100 रुपए महीना मिलते थे. एक दिन शांताराम ने जितेंद्र को फिल्म नवरंग में कास्ट कर लिया. लेकिन इस फिल्म में उन्होंने मेन लीड संध्या की तरह तैयार होकर उनका बॉडी डबल बनना था. दरअसल आग से कूदने वाले एक सीन के लिए कोई लड़की तैयार नहीं थी, ऐसे में सेट पर मौजूद जितेंद्र ने ये जिम्मेदारी उठा ली. वो लड़की के गेटअप में तैयार हुए और शूटिंग की.

जितेंद्र की इस बात से प्रभावित होकर शांताराम ने उन्हें अगली फिल्म गीत गाया पत्थरों (1964) में लीड रोल दिया. इसके बाद आई फिल्म 'फर्ज' (1967) ने जितेंद्र को सुपरस्टार बना दिया. इस फिल्म के गीत 'मस्त बहारों का मैं आशिक' में जितेंद्र के टी-शर्ट और व्हाइट जूतों का ट्रेंड बॉलीवुड में खासा चर्चित हुआ और इस ड्रेसिंग ट्रेंड ने इंडस्ट्री में जितेंद्र को अलग पहचान दिलाई. जितेंद्र हिंदी सिनेमा के ये वो इकलौते एक्टर हैं, जिन्होंने अपने पूरे करियर में 80 रीमेक फिल्मों में काम किया. वह अपने जमाने में रिमेक फिल्में करने वाले इकलौते एक्टर थे.

'श्रीदेवी और जया प्रदा मेरी रोजी-रोटी थीं'- जितेंद्र
किसी नायक को अपने सुपरस्टारडम का श्रेय अपनी नायिकाओं को देते हुए सुनना एक दुर्लभ बात है. लेकिन, एक इंटरव्यू में जितेंद्र श्रीदेवी और जया प्रदा को अपनी 'ब्रेड एंड बटर' कहने से पीछे नहीं हटे. उन्होंने 16 फिल्मों में श्रीदेवी के साथ काम किया, जिनमें से 13 हिट रहीं. जया प्रदा के साथ उन्होंने 24 फिल्में की. रेखा और हेमा मालिनी के साथ भी उनकी जोड़ी को खूब पसंद किया जाता था.

हेमा मालिनी के साथ कर चुके थे शादी
जहां वह अपनी बचपन की दोस्त शोभा कपूर के साथ सालों से खुशी-खुशी शादीशुदा हैं, वहीं एक वक्त ऐसा भी आया था जब जितेंद्र हेमा के साथ लगभग शादी के बंधन में बंध चुके थे. फिल्म ‘दुल्हन’ की शूटिंग के दौरान जितेंद्र, हेमा मालिनी को दिल दे बैठे. हेमा की जीवनी के अनुसार, उनके माता-पिता पहले से शादीशुदा धर्मेंद्र के साथ उनकी डेटिंग से खुश नहीं थे और उन्होंने उन्हें जितेंद्र से शादी करने के लिए मना लिया था. उनके माता-पिता ने चेन्नई में गुपचुप तरीके से शादी का आयोजन भी किया था. लेकिन जब धर्मेंद्र को इसके बारे में पता चला, तो उन्होंने शोभा के साथ मिलकर शादी रुकवाने का काम किया. शोभा कपूर जब 14 साल की थीं तब जितेंद्र को उनसे प्यार हो गया था. उस वक्त जितेंद्र बॉलीवुड स्टार नहीं थे. जब जितेंद्र बॉलीवुड में अपनी किस्मत आज़मा रहे थे, उस वक्त शोभा ब्रिटिश एयरवेज में कम कर रही थीं. जॉब की वजह से शोभा को अक्सर विदेश में रहना पड़ता था और वो चाह कर भी जीतू से नहीं मिल पाती थीं. आखिरकार 18 अक्टूबर, 1974 को जितेंद्र और शोभा शादी के बंधन में बंध गए. दोनों के दो बच्चे एकता और तुषार हैं.

जितेंद्र ने अपने एक्टिंग करियर में 200 से ज्यादा फिल्में की लेकिन उन्हें कभी एक्टिंग के लिए कोई अवॉर्ड नहीं मिला. 2002 से लेकर 2012 तक जितेंद्र को 5 बार लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है. जितेंद्र को साल1972-74 के बीच काम मिलना बंद हो गया और कमाई का जरिया खत्म हो गया. उन्होंने अपनी सालों की कमाई लगाकर 1982 में दीदार-ए-यार फिल्म बनाई जो बुरी तरह फ्लॉप हो गई. इससे उन्हें 2.5 करोड़ का नुकसान हुआ और वो कंगाल हो गए. इस नुकसान से उभरने के लिए जितेंद्र ने बैक-टू-बैक 60 फिल्में कीं. आज वो अपने होम प्रोडक्शन, बालाजी टेलीफिल्म्स, ऑल्ट एंटरटेनमेंट, बालाजी मोशन पिक्चर के जरिए सालाना 200-300 करोड़ कमाते हैं.