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Karan Johar On Body Dysmorphia: 'इंटीमेसी के समय लाइट्स ऑफ कर देता हूं...' बॉडी डिस्मॉर्फिया पर बोले करण जौहर

करण कहते हैं “मुझे बचपन में बहुत असफलता महसूस हुई. मुझे लगा कि मैं अपने माता-पिता को निराश कर रहा हूं. मुझे ऐसा लगता था कि मैं वो लड़का नहीं हूं जो उन्हें होना चाहिए था. मैं बाकी लड़कों की तरह नहीं था.

Karan johar Karan johar
हाइलाइट्स
  • बचपन में उड़ाया जाता था करण का मजाक

  • कॉन्फिडेंस बढ़ाने के लिए ली क्लास

करण जौहर बॉलीवुड के फेमस फिल्म निर्देशक, निर्माता, लेखक, कॉस्ट्यूम डिजाइनर, अभिनेता और टीवी होस्ट हैं. हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने बॉडी डिस्मॉर्फिया पर बात की और बताया कि कैसे उन्हें बचपन से ही बॉडी शेमिंग झेलनी पड़ी. करण जौहर कहते हैं कि उनका बचपन बाकी बच्चों की तरह आसान नहीं था. करण ने यह भी कहा कि उन्हें अपने आप से निराशा महसूस होती थी और अक्सर सोचते थे कि उनके माता-पिता को उनसे बेहतर बेटा मिलना चाहिए था.

पूल में जाने से घबराते हैं करण
जानी मानी पत्रकार Faye D'Souza के यूट्यूब चैनल पर बातचीत के दौरान करण जौहर ने बताया कि उन्होंने कॉन्फिडेंस बढ़ाने के लिए पब्लिक स्पीकिंग की क्लास भी लीं, क्योंकि वे हर वक्त निराश महसूस करते थे. करण कहते हैं कि कोई फर्क नहीं पड़ता आप कितने सफल हैं, मैं आज भी पूल में जाने से घबराता हूं. मैंने इससे बाहर आने की बहुत कोशिश की. मैं कितनी भी कोशिश क्यों न कर लें मैं खुद को लेकर कभी कॉन्फिडेंट नहीं फील कर पाता.

मैं बाकी लड़कों की तरह नहीं था...
करण कहते हैं “मुझे बचपन में बहुत असफलता महसूस हुई. मुझे लगा कि मैं अपने माता-पिता को निराश कर रहा हूं. मुझे ऐसा लगता था कि मैं वो लड़का नहीं हूं जो उन्हें होना चाहिए था. मैं बाकी लड़कों की तरह नहीं था. मैंने अपने संघर्षों को खुद तक ही सीमित रखा. कभी किसी को कुछ बताया नहीं और किताबों और फिल्मों में अपनी दिलचस्पी दिखाई.

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बचपन में उड़ाया जाता था मजाक
करण ने इंटरव्यू में अपनी एक दर्दनाक याद साझा की जब उन्होंने तीन साल की उम्र में एक टैलेंट प्रतियोगिता में डांस किया था और कुछ लोगों ने उनका मजाक उड़ाया था. उन्होंने कहा, 'उस प्रतियोगिता में मैंने डांस किया और लोगों ने मेरा मजाक उड़ाया. मेरी मां भी दर्शकों के बीच में थीं. घर आकर मैं खूब रोया और सोचा, ‘मैं बाकी लड़कों की तरह क्यों नहीं हो सकता.'

कॉन्फिडेंस बढ़ाने के लिए ली क्लास
कॉलेज में करण को फिट होने का नया दबाव महसूस हुआ और उन्होंने कॉन्फिडेंस बढ़ाने के लिए वॉइस मॉड्यूलेशन की क्लास ली. करण ने बताया, 'मुझे शरीर की अलग-अलग परेशानियों से जूझना पड़ रहा था और मैंने एक पब्लिक स्पीकिंग क्लास में दाखिला लिया. वहां किसी ने कहा कि मेरी आवाज बहुत पतली है और लड़की की तरह है और ये कभी सही नहीं होगी. उन्होंने मुझे ऐसी क्लास में भेजा, जहां मैंने अपनी आवाज को भारी करने की प्रैक्टिस की. मैंने अपने पिता को बताया कि मैं कंप्यूटर क्लास में जा रहा हूं क्योंकि मैं उन्हें यह नहीं बताना चाहता था.'

करण आगे कहते हैं, 'मैं अपने शरीर को लेकर बहुत ही अजीब सा महसूस करता हूं, इसलिए मैं हमेशा बड़े कपड़े पहनता हूं. यहां तक कि इंटीमेसी के समय में भी मैं लाइट बंद कर देता हूं. मैं इसके लिए थेरेपी ले चुका हूं.'