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ऐश्वर्या राय की ED में पेशी, जानिए क्या है पनामा पेपर लीक मामला

इसमें करीब 12000 ऐसे दस्तावेज भी हैं, जो भारतीयों से जुड़े हैं. 2016 में सामने आए पनामा पेपर्स लीक की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा की जा रही है, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग सहित कई एजेंसियों के अधिकारी शामिल हैं.

Aishwarya Rai Bachchan Aishwarya Rai Bachchan
हाइलाइट्स
  • इससे पहले भी ऐश्वर्या को जांच एजेंसी के सामने पेश होने के लिए दो बार तलब किया गया था

बॉलीवुड एक्ट्रेस ऐश्वर्या राय बच्चन (Aishwarya Rai Bachchan) को पनामा पेपर लीक (Panama Paper Leak) मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार को समन जारी किया है. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, इससे पहले भी ऐश्वर्या को जांच एजेंसी के सामने पेश होने के लिए दो बार तलब किया गया था, हालांकि, उन्होंने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए तारीख को बदलने की मांग की थी. ईडी ने हाल ही में उनके पति अभिषेक बच्चन को भी इसी मामले में तलब किया था. ये सभी समन फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के तहत जारी किए गए थे.

पनामा पेपर्स लीक मामला क्या है? 

दरअसल, पनामा पेपर्स में फ्रॉड और टैक्स चोरी करने वाले दुनिया के कई नामी लोगों के बारे में जानकारी है. 2016 में वाशिंगटन स्थित इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ) द्वारा पनामा की कानूनी फर्म मोसैक फोंसेका के रिकॉर्ड की जांच में 'पनामा पेपर्स' मिले. इसमें कई दिग्गज वैश्विक नेताओं के साथ मशहूर हस्तियों के नाम भी शामिल हैं. ये वो लोग हैं जिन्होंने कथित तौर पर विदेशों की कंपनियों में पैसा जमा किया है. ये दस्तावेज सबसे पहले जर्मनी के एक अखबार Suddeutsche Zeitung को मिले थे. जिन लोगों के नाम इसमें हैं इन सभी लोगों पर टैक्स चोरी का आरोप है. 

आपको बता दें, इसमें करीब 12000 ऐसे दस्तावेज भी हैं, जो भारतीयों से जुड़े हैं. 2016 में सामने आए पनामा पेपर्स लीक की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा की जा रही है, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग सहित कई एजेंसियों के अधिकारी शामिल हैं.

क्या है एक्ट्रेस पर आरोप?

पनामा पेपर्स के अनुसार, ऐश्वर्या राय को उनके परिवार के सदस्यों के साथ एमिक पार्टनर्स लिमिटेड के डायरेक्टर के रूप में नियुक्त किया गया था, जिसे ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में शामिल किया गया था. इसकी कीमत 50,000 डॉलर है. इस लीक में यह आरोप लगाया गया है कि जून 2005 में, ऐश्वर्या राय की पोजीशन को एक शेयरहोल्डर से हटाकर डायरेक्टर के रूप में बदल दिया गया. हालांकि, तीन साल बाद, ये कंपनी निष्क्रिय हो गई. माना जा रहा है कि इस कंपनी को टैक्स बचाने के लिए बनाया गया था.

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