देश की महान गायिका लता मंगेशकर न आज इस दुनिया से विदा ली. ‘स्वर कोकिला’ नाम से मशहूर लता दीदी के कंठ में मानो सरस्वती विराजती थीं. उन्होंने 30000 से भी ज्यादा गानों की रिकॉर्डिंग की थी और वह भी 20 से ज्यादा भाषाओं में.
सुरों की मल्लिका को गायकी अपने पिता मास्टर दीनानाथ मंगेशकर से विरासत में मिली थी. बताया जाता है कि चार-पांच साल की उम्र से ही उन्होंने अपने पिता से संगीत का प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया था. दीनानाथ एक गायक होने के साथ-साथ रंगमंच कलाकार भी थे.
पिता के नाटक के किरदार से प्रेरित है ‘लता’ का नाम:
बताया जाता है कि लता दीदी के जन्म के बाद उनका नाम हेमा रखा गया था. लेकिन उनके पिता ने अपने एक नाटक ‘भावबंधन’ में ‘लतिका’ नामक किरदार से प्रभावित होकर उनका नाम ‘लता’ रख दिया. और उनके पिता ने उन्हें हमेशा गायकी और अभिनय की दुनिया में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया.
पिता के दुनिया से चले जाने के बाद लता दीदी और उनकी बहनों ने अपने पिता की विरासत को आग बढ़ाया. लता दीदी के लिए उनके पिता उनके पहले गुरु थे और अक्सर वह उनकी तस्वीरें और उनके जीवन के कुछ किस्से सोशल मीडिया पर साझा करती रहीं.
कुछ समय पहले उन्होंने अपने पिता की जयंती पर उनकी कुछ दुर्लभ तस्वीरें साझा की थीं.
इंस्टाग्राम पर साझा किया पिता के नाटकों के बारे में:
लता दीदी अक्सर इंस्टाग्राम पर अपने पिता की तस्वीरें और उनके जीवन से जुड़ किस्से शेयर करती थीं. एक बार उन्होंने अपने पिता के एक संगीत नाटक के बारे में पोस्ट की थी. इस नाटक का नाम ‘उग्रमंगल’ था.
लता दीदी ने लिखा था, “इस संगीत नाटक का पहला शो हाउसफुल था और उसके बाद भी इस नाटक ने कमाई के सारे रिकॉर्ड्स तोड़ दिए थे. मेरे बाबा इस नाटक रानी पद्मावती की भूमिका करते थे, जिसमे वो शास्त्रीय नृत्य भी करते थे.”
और भी नाटकों के बारे में शेयर की पोस्ट: