मुंबई के बांद्रा इलाके की कुछ गलियां ऐसी हैं जहां दीवारों पर आपको हेलेन, वहीदा रेहमान जैसी खूबसूरत अदाकाराओं की झलक देखने को मिल जाएगी. यहां पूरा बॉलीवुड बसता है.पहले, फिल्म के पोस्टर चित्रित किए जाते थे, लेकिन समय के साथ पेंटिंग का चलन फीका पड़ गया और डिजिटल पोस्टर तस्वीर में आ गए. बांद्रा की इन गलियों को रंगीन बनाने का जिम्मा लिया है रंजीत दहिया ने.
साल 2013 में हिंदी सिनेमा के 100 साल पूरे होने के अवसर पर बॉलीवुड आर्ट प्रोजेक्ट द्वारा आयोजित कार्यक्रम में रंजीत ने शहर में घूम-घूम कर कलाकारों की पेंटिंग बनाई थी. रंजीत दहिया ने साल 2012 में सलीम-अनारकली और मधुबाला की तस्वीर से इसकी शुरुआत की थी. बांद्रा इलाके में रंजीत ने एक तरफ मोगेंबो की तस्वीर तो दूसरी तरफ फिल्म 'दीवार' के अमिताभ बच्चन की तस्वीर बना रखी है. उनकी ये सभी पेटिंग्स वाकई लाजवाब हैं.
कौन हैं रंजीत दहिया?
रंजीत दहिया मूल रूप से हरियाणा के रहने वाले हैं. उन्होंने चंडीगढ़ के कॉलेज ऑफ आर्ट्स से ग्रेजुएशन और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन (एनआईडी) से पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की है. फिलहाल रंजीत मुंबई में बतौर फ्रीलांस ग्राफिक डिजाइनर काम कर रहे हैं. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत रेलवे स्टेशन और ढाबे पर पेंट करके की थी. रंजीत दहिया अपने आपको एक लेबर बताते हैं जो दीवारों पर पुताई करने का काम करते थे. एक न्यूज वेबसाइट से बात करते हुए उन्होंने एक वाक्या शेयर किया जिसने उनकी जिंदगी बदल दी. रंजीत ने कहा, ''मैं एक स्कूल में पुताई कर रहा था तो प्रिंसिपल ने मुझसे पूछा-क्या तुम ऐसे किसी को जानते हो जो सरस्वती जी की मूर्ति बना सके. मैंने कहा- मैं ही कर दूंगा और इसके बाद उन्होंने वह कॉन्ट्रैक्ट मुझे दे दिया. रंजीत ने ऐसा काम किया जिसे देखकर हर कोई चौंक गया. यही वो टाइम था जब उन्होंने अपने काम को गंभीरता से लेना शुरू किया. रंजीत का मानना है कि वो अपने इस पैशन को प्रोफेशन मे तब्दील नहीं करना चाहते है.
कितना लगता है समय?
उन्होंने दिवंगत अभिनेता ऋषि कपूर का भी चित्र बनाया था जिसे बनाने में उन्हें छह दिन लगे. उन्होंने ऋषि कपूर के जन्मदिन के मौके पर, 4 सितंबर को अपने सोशल मीडिया पर इसे शेयर किया था. रंजीत ऋषि कपूर को श्रद्धांजलि देना चाहते थे वो भी अपने तरीके से.एक म्यूरल को पेंट करने में उन्हें लगभग 10-14 दिन लगते हैं. इसके लिए कई वॉलेंटियर भी आते हैं. रंजीत ने कहा, "हम निवासियों से उनकी दीवारों का उपयोग करने की अनुमति लेते हैं और एक बार जब हम उसे पेंट कर देते हैं, तो वह अपने आप लैंडमार्क बन जाता है." जब लोग आते हैं और इन चित्रों के साथ सेल्फी खिंचाते हैं तो उन्हें खुशी होती है. रंजीत ने अमिताभ बच्चन के म्यूरल को जब बनाया तो उन्होंने इसके बारे में ट्वीट किया, ''जैसे दीवार पे किसी ने दीवार बना दी है."