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नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने दायर की हैबियस कॉर्पस याचिका? जानें कौन कर सकता है इसका इस्तेमाल

नवाज की पत्नी आलिया की तरफ से पेश वकील शिखर खंडेलवाल ने कहा कि ये याचिका बेकार है क्योंकि जब इसे दायर किया गया था उस समय आलिया नवाज की मां के बंगले में रहती थीं. ह

Actor Nawazuddin Siddiqui Actor Nawazuddin Siddiqui
हाइलाइट्स
  • बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को कानूनी भाषा में हैबियस कॉपर्स कहा जाता है.

  • हैबियस कॉपर्स लगाने के लिए व्यक्ति को अदालत में एक शपथपत्र देना होता है.

अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी (Nawazuddin Siddiqui) ने बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay high court) से कहा है कि वह सिर्फ अपने दोनों बच्चों को देखना चाहते हैं. अगर ऐसा होता है तो वह अपनी हैबियस कॉर्पस याचिका वापस ले लेंगे. एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी का उनकी एक्स वाइफ आलिया से लंबे समय से विवाद चल रहा है. 

नवाज के केस को कोर्ट में प्रजेंट करने वाले वकील प्रदीप थोराट ने कहा कि बच्चे दुबई में स्कूल से गायब हो गए और वे उन्हें ढूंढ नहीं पा रहे हैं. इसी वजह से बंदी प्रत्यक्षीकरण यानी हैबियस कॉर्पस याचिका दायर की गई है. हमें इस याचिका में मिल सकने वाली सीमित राहत के बारे में जानकारी है. अपने बच्चों को शारीरिक रूप से देखने के बाद नवाज अपनी हैबियस कॉर्पस याचिका वापस ले लेंगे.

क्या है हैबियस कॉर्पस याचिका?
बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को कानूनी भाषा में हैबियस कॉपर्स कहा जाता है. इसका उपयोग किसी ऐसे व्यक्ति की रिहाई के लिए किया जाता है जिसे अवैध रूप से हिरासत में लिया गया हो. या जो अपहरण के दायरे में आता हो.

इसका उपयोग कौन कर सकता है?
कोई भी कैदी, या उसकी ओर से काम करने वाला कोई अन्य व्यक्ति, बंदी प्रत्यक्षीकरण की रिट के लिए अदालत में याचिका दे सकता है. इस याचिका का उपयोग हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में किया जाता है. बंदी प्रत्यक्षीकरण में हाईकोर्ट से नीचे के स्तर पर सुनवाई नहीं होती है. अगर किसी व्यक्ति या उसके सगे संबंधी को लगता है कि शख्स को गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया है या बंधक बनाया गया है तो वो हेबियस कॉर्पस की मदद ले सकता है. नवाज ने अपने बच्चों के लिए कोर्ट में ये याचिका लगाई है.

हैबियस कॉपर्स लगाने के लिए व्यक्ति को अदालत में एक शपथपत्र देना होता है, जिसमें उन सभी घटनाओं का जिक्र होता है, जिनके आधार पर वह पीड़ित साबित होता हो.

वहीं नवाज की पत्नी आलिया की तरफ से पेश वकील शिखर खंडेलवाल ने कहा कि ये याचिका बेकार है क्योंकि जब इसे दायर किया गया था उस समय आलिया नवाज की मां के बंगले में रहती थीं. हम मामले को निपटाने के लिए तैयार है लेकिन जब आलिया नवाज की मां के घर पर बच्चों के साथ रह रही हैं तो यह कैसे संभव है नवाज को इस बारे में पता ही न हो.

दुबई में नवाज से अलग रह रही आलिया 
नवाजुद्दीन सिद्दीकी की याचिका में कहा गया था कि बच्चों को यूएई से भारत लाने से पहले उनसे पूछा नहीं गया. नवाजुद्दीन सिद्दीकी और आलिया की लड़ाई उस समय शुरू हुई थी, जब आलिया ने नवाज की मां पर मारपीट का आरोप लगाया था. वहीं आलिया ने नवाजुद्दीन सिद्दीकी पर रेप का केस दर्ज कराया है.